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15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से "सुदर्शन चक्र मिशन" का ऐलान किया था, जिसका मकसद है भारत को एक अभेद्य वायु सुरक्षा कवच देना। इसी मिशन के तहत DRDO ने ओडिशा तट पर Integrated Air Defence Weapon System (IADWS) का सफल परीक्षण किया है। यह प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी है और इसमें तीन हथियार शामिल हैं—QRSAM मिसाइल, VSHORADS मिसाइल और Directed Energy Weapon (DEW) लेजर सिस्टम। इन हथियारों ने तीन अलग-अलग हवाई लक्ष्यों—दो UAV और एक ड्रोन—को सफलतापूर्वक नष्ट किया। IADWS को मिशन सुदर्शन चक्र का अहम हिस्सा माना जा रहा है। इसका उद्देश्य 2035 तक भारत की सामरिक और नागरिक हवाई सीमाओं को सुरक्षा देना है। DRDO अब "प्रोजेक्ट कुशा" के तहत लंबी दूरी की तीन नई मिसाइलें विकसित कर रहा है, जो 150, 250 और 350 किलोमीटर तक दुश्मन के फाइटर जेट, ड्रोन और मिसाइल को खत्म कर सकेंगी। यह मिसाइलें 'लो-रडार क्रॉस सेक्शन' टारगेट्स को भी भेद सकती हैं। सुदर्शन चक्र मिशन भारत की वायु शक्ति को आत्मनिर्भरता, तकनीकी श्रेष्ठता और व्यापक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

