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अमित शाह बोले—तुकांग्रेस ने वंदे मातरम् को बांटा, तभी हुआ देश का बंटवारा
अमित शाह बोले
जम्मू में BSF का ऑपरेशन, BSF ने एंटी टंनल ड्राइव चलाया..हाई-टेक हथियारों के साथ निगरानी
BSF का ऑपरेशन
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भीषण आग हादसा
गोवा अग्निकांड: नाइट क्लब मालिक लूथरा ब्रदर्स देश से फरार
लूथरा ब्रदर्स...
अयोध्या-प्रयागराज राष्ट्रीय मार्ग के चिलबिला स्थित राजपूत ढाबा के पास दबंगो का उत्पाद,युवक की पिटाई,
ढाबे पर उत्पात
VSVISHAL SINGHDec 09, 2025 10:03:25
Noida, Uttar Pradesh:जैसा कि विदित है कि आज से संसद में चूंकि चुनाव सुधार को लेकर चर्चा हो रही है। अतः बी.एस.पी. की ओर से इस सम्बन्ध में यह कहना है कि चुनाव की प्रक्रिया में अन्य सुधार लाने के साथ-साथ निम्न तीन ख़ास सुधार लाना बहुत ज़रूरी हैं। SIR को लेकर जो पूरे देश में व्यवस्था चल रही है BSP उसके विरोध में नहीं है। परन्तु BSP का यह कहना है कि इस सम्बन्ध में मतदाता सूची में नाम भरने की जो भी प्रक्रिया होनी है, उसके लिए जो समय सीमा निर्धारित की गई है वो बहुत ही कम है, जिसकी वजह से BLO के ऊपर भी काफी दबाव है और कई BLO काम के दबाव के वजह से अपनी जान भी गवां चुके हैं। जहाँ करोड़ों मतदाता हैं वहाँ BLO को उचित समय मिलना ही चाहिये और ख़ासतौर पर उस प्रदेश में जहाँ जल्दी ही कोई भी चुनाव नहीं है। उत्तर प्रदेश में लगभग 15.40 करोड़ से भी ज़्यादा मतदाता हैं और अगर वहाँ SIR का कार्य जल्दबाज़ी में पूरा करने की कोशिश की जायेगी तो इसका नतीजा यह होगा कि अनेकों वैध-मतदाता ख़ासतौर पर जो गरीब हैं और काम करने के सिलसिले में बाहर गये हैं, तो फिर उनका नाम मतदाता सूची से रह जायेगा और वो बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा ऐसे व्यक्तियों को दिया गया वोट डालने का संवैधानिक अधिकार से वंचित कर देगा, जो कि पूर्ण रूप से अनुचित होगा। अतः ऐसे में SIR की प्रक्रिया को पूरी करने में जल्दबाज़ी ना करते हुये उचित समय दिया जाना चाहिये अर्थात् वर्तमान मे दी गई समय सीमा को बढ़ाना चाहिये। इसके साथ ही, मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार चुनाव आयोग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। ऐसे लोग जिनका कोई भी आपराधिक इतिहास है उन्हें अपने हलफनामें में इसका अपने आपराधिक इतिहास का पूरा ब्योरा देना होगा और इसके साथ-साथ स्थानीय अख़बारों में भी इसका पूरा विवरण भी प्रकाशित करना होगा तथा जिस राजनैतिक पार्टी से वे चुनाव लड़ रहे हैं, उस राजनैतिक पार्टी की भी ज़िम्मेदारी होगी कि वह इस सूचना को अपने स्तर से भी राष्ट्रीय अख़बारों में भी प्रकाशित करेगी। इस सम्बन्ध में BSP का कहना है कि अक्सर यह पाया गया है कि जिस व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए टिकट/सिम्बल दिया जाता है उनमें से कुछ लोग अपना आपराधिक इतिहास पार्टी को नहीं बतातें हैं तथा कुछ लोगों के सम्बन्ध में स्क्रूटनी (scrutiny) के समय ही पार्टी को इसका पता लग पाता है, जिसकी वजह से इसकी ज़िम्मेवारी पार्टी के ऊपर आ जाती है और वैसे भी ऐसे प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास को राष्ट्रीय अख़बारों में छपवाने की ज़िम्मेवारी पार्टी के ऊपर डाली गयी है। जबकि इस सम्बन्ध में हमारी पार्टी का यह सुझाव है कि आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों के सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं पूरी करने की ज़िम्मेदारी उन्हें ही पर डालनी चाहिये ना कि पार्टी के ऊपर होनी चाहिये। और अगर आगे चलकर यह मालूम होता है कि किसी प्रत्याशी ने अपना आपराधिक इतिहास छुपाया है तो इससे सम्बद्ध हर प्रकार की कानूनी liability और ज़िम्मेदारी भी उसी पर आनी चाहिये ना कि पार्टी के ऊपर। इसके इलावा हमारी पार्टी का यह भी सुझाव है कि EVM के द्वारा उसमें लगातार उठती गड़बड़ियों की शिकायत जो चुनाव के दौरान और उसके बाद व्यक्त की जाती है उसे दूर करने के लिए और चुनाव प्रक्रिया में सभी का पूर्ण रूप से विश्वास पैदा करने के लिए अब EVM के द्वारा vote डलवाने की जगह पुनः बैलेट पेपर से ही vote डलवाने की प्रक्रिया लागू की जाये और अगर किसी वजह से ऐसा अभी नहीं किया जा सकता है तो कम से कम VVPAT के डब्बे में जो vote डालते समय पर्ची (slip) गिरती है उन सभी पर्चियों की गिनती सभी बूथों में करके EVM के वोटों से मिलान किया जाये। ऐसा ना करने का जो कारण Election Commission द्वारा बताया जाता है, कि इसमें काफी समय लग जायेगा जबकि इनका यह तर्क बिलकुल भी उचित नहीं है। क्योंकि अगर सिर्फ कुछ और घन्टे गिनती में लग जाते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिये, जबकि वोट डालने की चुनाव प्रक्रिया महीनों चलती है। और यह इसलिए भी जरूरी है कि इससे देश की आमजनता का चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा तथा इस प्रकार के जो अनेकों प्रकार के सन्देह उत्पन्न होते हैं उनपर भी पूर्ण विराम लगेगा, जो देश हित में होगा।
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KRKishore RoyDec 09, 2025 10:02:00
Noida, Uttar Pradesh:काशीरामजयपुर。 उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचन्द बैरवा ने सचिवालय में ली बैठक。 ‘आरोग्य ग्राम योजना’ के अंतर्गत आयोजित हुई महत्वपूर्ण बैठक。 ग्राम को पूर्णतः स्वस्थ और सशक्त बनाने पर हुई चर्चा。 बैठक में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, सामाजिक संगठनों व जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझाव。 ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने एवं जन-जागरण बढ़ाने के लिए सुझाव साझा किए。 संपूर्ण ग्राम को निरोगी, जागरूक और स्वावलंबी बनाने का व्यापक अभियान。 साफ वातावरण, स्वच्छ पानी, पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम और समय पर स्वास्थ्य जांच है स्वस्थ समाज की आधारशिला।
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VSVISHAL SINGHDec 09, 2025 09:52:03
Noida, Uttar Pradesh:हमें किसी के “वंदे मातरम्” पढ़ने या गाने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन मुसलमान केवल एक अल्लाह की इबादत करता है और अपनी इबादत में अल्लाह के सिवा किसी दूसरे को शामिल नहीं कर सकता। और “वंदे मातरम्” का अनुवाद शिर्क से संबंधित मान्यताओं पर आधारित है, इसके चार श्लोकों में देश को देवता मानकर “दुर्गा माता” से तुलना की गई है और पूजा के शब्दों का प्रयोग हुआ है। साथ ही “माँ, मैं तेरी पूजा करता हूँ” यही वंदे मातरम् का अर्थ है। यह किसी भी मुसलमान की धार्मिक आस्था के खिलाफ है। इसलिए किसी को उसकी आस्था के खिलाफ कोई नारा या गीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। क्योंकि भारत का संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) देता है। वतन से प्रेम करना अलग बात है, उसकी पूजा करना अलग बात है। मुसलमानों की देशभक्ति के लिए किसी के प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी कुर्बानियाँ इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज हैं। हम एक खुदा (अल्लाह) को मानने वाले हैं, अल्लाह के सिवा न किसी को पूजनीय मानते हैं और न किसी के आगे सजदा करते हैं। हमें मर जाना स्वीकार है, लेकिन शिर्क (खुदा के साथ किसी को शामिल करना) कभी स्वीकार नहीं!
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