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Banda210001

बांदा में दबंग ने बिजली खंभों को बाउंड्री में किया अतिक्रमण

Aug 31, 2024 05:54:16
Banda, Uttar Pradesh

बांदा में कलेक्ट्रेट से 500 मीटर दूरी पर दबंग ने बिजली के पोलों को भी अपनी बाउंड्री में कर लिया है। मोहल्ले वासियों के रास्ते को अवैध कब्जे से रोकने का यह दुस्साहस दिनदहाड़े किया जा रहा है। विद्युत विभाग और स्थानीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। मोहल्ले वासियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

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PSPramod Sinha
Nov 18, 2025 07:32:13
Khandwa, Madhya Pradesh:खंडवा में एक गरीब मरीज को पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा के जरिए बेहतर इलाज के लिए इंदौर रवाना किया गया। सरकार की ओर से निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा का खंडवा से यह पहला मामला है। लकवा से ग्रस्त 73 वर्ष की ताराबाई ने अपने उपचार में फ्री एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया। पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा प्रदेश में गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को उच्च स्तरीय उपचार के लिए बड़े शहरों के अस्पतालों में भेजने हेतु प्रारम्भ की गई है। आज खंडवा जिले के ग्राम शाहपुरा निवासी 73 वर्ष की श्रीमती ताराबाई को खंडवा की हवाई पट्टी से एयर एम्बुलेंस के माध्यम से इंदौर के एम वाई हॉस्पिटल में उच्च स्तरीय इलाज के लिए भिजवाया गया। मरीज के साथ उनके एक परिजन भी गए। ताराबाई ने बताया कि वह अपनी बेटी से मिलने के लिए आई थी लेकिन अचानक गिरने की वजह से उनकी रीड की हड्डी में चोट आ गई थी और वह चल फिर नहीं पा रही थी। अपने उपचार के लिए एयर एम्बुलेंस की निशुल्क सुविधा मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार प्रकट किया। डॉ दीपशिखा एवं विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण ताराबाई लकवा ग्रस्त हो गई थी, मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए आज एयर एम्बुलेंस के माध्यम से इंदौर भिजवाया गया है, ताकि वहां उसे उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। खंडवा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जुगतावत ने बताया कि एयर एम्बुलेंस से आयुष्मान कार्ड धारकों को राज्य के भीतर और बाहर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज के लिए भेजने हेतु निशुल्क सेवा उपलब्ध है। गैर आयुषमान कार्ड नागरिकों को राज्य के भीतर सरकारी अस्पतालों तक निशुल्क तथा राज्य के बाहर अनुमोदित दरों पर सशुल्क सेवा उपलब्ध है। इस अवसर पर खंडवा की महापौर श्रीमती अमृता अमर यादव, विधायक प्रतिनिधि मुकेश तन्वे, सिविल सर्जन डॉ. अनिरुद्ध कौशल, और अन्य स्टाफ मौजूद था।
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DGDeepak Goyal
Nov 18, 2025 07:31:34
Jaipur, Rajasthan:बेमौसम बरसात, अतिवृष्टि, बाढ़ से नुकसान और राहत पैकेज। राजस्थान में इस साल की बेमौसम बरसात, अतिवृष्टि और बाढ़ ने गाँव–गाँव की जमीन और जनजीवन दोनों को हिला दिया। खेत उजड़े, सड़कें टूटीं और हजारों गांवों में जिंदगी पटरी से उतर गई। बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि और बाढ़-कई जिलों की ज़मीनें जैसे एक ही सवाल पूछ رہی थीं…हमारा सहारा कौन? और राज्य सरकार ने राहत पैकेज जारी कर इसी सवाल का जवाब दिया है..छब्बीस सौ करोड रुपये की सबसे बड़ी मदद सीधे उन 43 लाख से ज्यादा किसानों तक पहुंचेगी, जिनकी फसलें पानी में बह गईं…और उम्मीदें टूट चुकी थी...... किसानों के लिए 2,600 करोड़ का राहत पैकेज। बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि और बाढ़ से जूझते किसानों और आम लोगों के लिए राज्य सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है। आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल के मुताबिक, इस बार हुई प्राकृतिक मार ने न सिर्फ खेतों में खड़ी फसलों को तबाह किया, बल्कि गांवों, कस्बों और शहरों के बुनियादी ढांचे को भी गहरी चोट पहुंचाई है। ऐसे में सरकार ने त्वरित समीक्षा करते हुए 43 लाख 39 हजार किसानों को 2,600 करोड़ रुपये के कृषि आदान-अनुदान जारी करने का बड़ा फैसला लिया है। यह राहत सीधे प्रभावित किसानों के खाते में पहुंचाई जाएगी। प्रदेश के 30 जिलों में 33% या उससे अधिक फसल नुकसान दर्ज किया गया है, जबकि 11 जिलों में नुकसान 33% से कम रहा। केवल अधिसूचना में शामिल 24 जिलों के 14,687 गांवों में ही लाखों परिवार संकट से गुज़रे हैं। इन सभी प्रभावित किसानों को एसडीआरएफ नियमों के तहत सहायता राशि जारी करने का निर्णय लिया गया है। बारिश ने केवल खेत ही नहीं, बल्कि प्रदेश की बुनियादी संरचना को भी बुरी तरह प्रभावित किया। अतिवृष्टि ने सिर्फ खेतों को ही नहीं, बल्कि सड़कों, पुलियाओं, स्कूलों, अस्पतालों, पेयजल लाइनों और सिंचाई चैनलों पर भी गहरा असर छोड़ा है। सरकार ने 50,308 पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्यों को मंजूरी देते हुए 1,012 करोड़ 61 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। ये संख्याएँ बताती हैं कि आपदा ने प्रदेश की ज़मीन से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक कितना गहरा घाव छोड़ा है। पीडब्ल्यूडी के 14,212 सड़क मरम्मत कार्यों पर: 293 करोड़ 13 लाख 1,161 पुलिया मरम्मत कार्यों पर: 7 करोड़ 20 लाख जल संसाधन विभाग के 903 कार्यों पर: 18 करोड़ 67 लाख चिकित्सा विभाग के 700 कार्यों पर: 13 करोड़ 18 लाख पंचायती राज विभाग के 873 कार्यों पर: 19 करोड़ 39 लाख पीएचईडी के 17 कार्यों पर: 22 लाख 69 हजार शिक्षा विभाग के 24,531 कार्यों पर: 486 करोड़ 94 लाख महिला एवं बाल विकास विभाग के 7,911 कार्यों पर: 173 करोड़ 03 लाख रुपये 112 जनहानि-हर आश्रित को 4 लाख की सहायता। राज्य सरकार ने बारिश और आपदाओं में हुई 112 जनहानि पर प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता दी है। इसके लिए 4 करोड़ 48 लाख रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा पशु नुक़सान, टूटे मकानों, गिरे सामान और कपड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए 11 करोड़ 54 लाख रुपये अलग से स्वीकृत किए गए हैं। आपदा राहत मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का फोकस त्वरित राहत, पारदर्शिता और प्रभावी पुनर्वास पर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को सहायता से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। इस पूरे राहत पैकेज का सबसे बड़ा संकेत यही है कि सरकार आपदा प्रबंधन को सिर्फ संकट के बाद की औपचारिक कार्यवाही नहीं मान रही, बल्कि इसे लॉन्ग-टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर रिफॉर्म का मौका भी बना रही है। नुकसान की भरपाई के साथ-साथ राज्य भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने के लिए अपनी आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर भी जोर दे रहा है.
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PPPraveen Pandey
Nov 18, 2025 07:31:19
Kanpur, Uttar Pradesh:लुटेरी दुल्हन ने दरोगा सहित 2 बैंक मैनेजर से शादी करके लूट करके फरार लुटेरी दुलह्न के 10 खातों में मिले 8 करोड़ खाते से पुलिस अफसरों से भी हुआ लेन-देन लुटेरी दुल्हन से 12 लोगों अपने प्यार के जाल में फसाकर रुपये ऐठे लुटेरी दुल्हन ने 4 शादी की पहले 2 बैंक मैनेजर, फिर 2 दरोगा बने दूल्हा लुटेरी दुल्हन दिव्यांशी ने दो बैंक अधिकारियों समेत 12 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसा कर करोड़ो की रकम ऐंठी थी। वह पहले अपने प्यार के जाल में फंसाकर लोगों से रिलेशन बनाती थी। फिर रेप का केस दर्ज कराकर उनसे रकम ऐंठती थी।मामले का खुलासा तब हुआ जब ग्वालटोली थाने में तैनात दरोगा आदित्य कुमार लोचव ने उसकी शिकायत की। दरोगा के साथ हुए हैरेसमेंट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दो बार सुसाइड करने का भी प्रयास किया था। इसके बाद पुलिस ने दिव्यांशी की जांच शुरू की। पुलिस ने जब आरोपी दुल्हन के खाते की जांच की, तो कई चौंकाने वाले सच सामने आए। उसके खातों से मेरठ में तैनात रह चुके दरोगा, इंस्पेक्टर और सीओ तक के खातों में करोड़ों का ट्रांजैक्शन मिला। उसके गैंग में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। ये पुलिसकर्मी दिव्यांशी के पकड़े जाने के बाद दरोगा आदित्य पर समझौते का दबाव बना रहे थे।
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SKSantosh Kumar
Nov 18, 2025 07:31:00
Noida, Uttar Pradesh:26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड निशाने पर? हिडमा की मौत की आशंका बढ़ी हिडमा का अंत? त्रिकोणी सीमा पर सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, छह माओवादी ढेर छत्तीसगढ़ से इस समय की सबसे बड़ी खबर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की त्रिकोणी सीमा पर स्थित आल्लूरी सीताराम राजू ज़िले के घने पुल्लगांडी जंगलों से आज बड़ी खबर सामने आई है। सुबह के समय सुरक्षा बलों को मारेडुमिल्ली और टाइगर कैंप क्षेत्र में माओवादियों की गतिविधियों का इनपुट मिला, जिसके बाद जवानों ने पूरे जंगल को घेर लिया। इसी दौरान छिपे हुए माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी और फिर कई घंटों तक मुठभेड़ चली। हाल के महीनों में यह सबसे ज्यादा गंभीर और रणनीतिक मुठभेड़ मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में छह माओवादी मारे गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि मरने वालों में देश का सबसे वांछित और कुख्यात माओवादी नेता मदावी हिडमा भी शामिल हो सकता है। इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन घटनास्थल से प्राप्त शुरुआती संकेतों और खुफिया सूत्रों ने इसकी संभावना को बहुत मजबूत बताया है। हिडमा का जन्म 1981 में सुकमा में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की एक बटालियन का नेतृत्व करता था और माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। बस्तर क्षेत्र से इस समिति में शामिल होने वाला वह अकेला जनजातीय व्यक्ति माना जाता रहा है। 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों में उसकी सीधी भूमिका सामने आई थी। यह मुठभेड़ उस समय हुई है, जब ठीक एक दिन पहले ही बस्तर में शांति और बदलाव की एक नई तस्वीर दिखाई दी। कल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जगदलपुर में आत्मसमर्पित नक्सलियों द्वारा चलाए जा रहे “पंडुम कैफे” का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब हिंसा से आगे बढ़कर विकास के रास्ते पर चल रहा है और लोग मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सोच और सुरक्षा नीति के कारण नक्सलवाद तेजी से कमजोर पड़ रहा है। राज्य सरकार ने यह लक्ष्य रखा है कि साल 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल-मुक्त बनाया जाएगा। सरकार की विकास योजनाओं ने भी बस्तर की ज़िंदगी में एक बड़ा बदलाव लाया है। सड़कें बन रही हैं, गांवों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क पहुंच रहा है, स्कूलों की मरम्मत हो रही है, अस्पताल और स्वास्थ्य शिविर फिर शुरू किए जा रहे हैं। आजीविका मिशनों के तहत स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिन इलाकों में कभी माओवादी हुकूमत हुआ करती थी, वहां अब पुलिस कैंप, स्कूल और बाजार खुल रहे हैं। इसी विकास ने माओवादी नेटवर्क को कमजोर कर दिया है। मारेडुमिल्ली और पुल्लगांडी का यह जंगल लंबे समय से माओवादियों का महत्वपूर्ण ठिकाना माना जाता रहा है। इसलिए सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई बड़े अभियान का हिस्सा मानी जा रही है। फिलहाल इलाके में सर्चिंग और कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है और हर सूचना की सावधानी से पुष्टि की जा रही है। हिडमा की मौत की खबर इस समय केवल सूत्रों के हवाले से आ रही है। अगर इसकी आधिकारिक पुष्टि हो जाती है, तो यह नक्सलवाद के खिलाफ देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जाएगी। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां पूरे ऑपरेशन का ब्योरा तैयार कर रही हैं और आधिकारिक बयान का इंतज़ार किया जा रहा है。
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SPSanjay Prakash
Nov 18, 2025 07:20:56
Noida, Uttar Pradesh:थानागाजी/अलवर थानागाजी में यूरिया संकट गहराया, किसानों की बढ़ी परेशानी—प्रशासन की दखल के बाद भी हालात जस के तस अलवर जिले के थानागाजी क्षेत्र में लंबे समय से यूरिया खाद की किल्लत के चलते किसान लगातार परेशान हैं। सरसों, गेहूं और चने की फसलों के लिए इस समय यूरिया खाद की सबसे अधिक जरूरत होती है, लेकिन पर्याप्त आपूर्ति न होने से किसान बेचैनी में हैं。 किसानों ने कई बार सड़क जाम लगाकर विरोध जताया, लेकिन स्थिति में खास सुधार नहीं आया। कुछ दिन पहले अलवर-जयपुर मार्ग पर महिलाओं ने भी यूरिया संकट को लेकर जाम लगाया थ मामले की गंभीरता को देखते हुए उपखंड अधिकारी सविता शर्मा ने कृषि अधिकारियों से तत्काल वार्ता कर थानागाजी में यूरिया उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद सहकारी समिति पर यूरिया खाद की खेप पहुंची, तो एसडीएम स्वयं मौके पर मौजूद रहीं और निष्पक्ष वितरण करवाया。 कस्बे के प्रतापगढ़ मार्ग स्थित एक निजी दुकान पर यूरिया उपलब्ध होने की जानकारी मिलते ही लगभग 500 किसान वहां भी पहुंच गए। लंबा क्षेत्र होने और सीमित आपूर्ति के कारण यहां भी यूरिया को लेकर भारी मारामारी देखी गई。 क्षेत्र के दुकानदारों का कहना है कि अलवर में बैठे होलसेलर कंपनियों से "टैगिंग" जारी करवाते हैं, जिसके चलते खुदरा विक्रेता यूरिया उठाने में असमर्थता जताते हैं। टैगिंग के साथ ही अन्य हजारों रुपये का आरटीजीएस करवाना पड़ता है, जिससे छोटे दुकानदार पीछे हट जाते हैं। किसानों और विक्रेताओं का कहना है कि यदि कृषि विभाग और मंत्री स्तर पर टैगिंग की प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाए, तो यूरिया खाद आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है。 बाइट: विक्रेता ओमप्रकाश
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SSSHAILENDAR SINGH THAKUR
Nov 18, 2025 07:20:43
Bilaspur, Chhattisgarh:बिलासपुर। सीसीटीवी ने खोला राज,मंदिर की दानपेटी ले भागीं तीन नाबालिग लड़कियां अशोक नगर स्थित भूतश्वर महादेव मंदिर में दानपेटी चोरी का मामला सामने आया है। मंदिर परिसर में रखी दानपेटी चोरी की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। घटना सामने आने के बाद मंदिर प्रबंधन में हड़कंप मच गया और मामले की जानकारी संबंधित लोगों को दी गई। मंदिर प्रमुख मयंक तिवारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पता चला कि अशोक नगर स्थित अटल आवास में रहने वाली तीन नाबालिग लड़कियां इस घटना में शामिल हैं। फुटेज में देखा गया कि किस तरह ये तीनों मंदिर की दानपेटी के पास पहुंचीं और दानपेटी ले कर भाग गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर समिति की ओर से इस संबंध में आगे कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद पूरी जानकारी सरकंडा थाने को दी गई। पुलिस की पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि दानपेटी को मंदिर से चुराने के बाद तीनों नाबालिग युवतियों ने उसे गणपति हॉस्पिटल के पीछे स्थित खेत में गड्ढा खोदकर छुपा दिया था। बताया गया कि पुलिस व परिजनों की मौजूदगी में तीनों नाबालिगों से पूछताछ की गई। समाज व परिवार के सामने अपनी गलती महसूस करते हुए युवतियों के परिजनों ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। परिजनों ने भरोसा दिलाया कि ऐसी गलती दोबारा नहीं दोहराई जाएगी। चूंकि तीनों लड़कियां नाबालिग हैं, इसलिए मामले को संवेदनशील मानते हुए उन्हें कड़ी कानूनी कार्रवाई से फिलहाल बचाया गया। समझाइश देकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। दानपेटी से निकाली गई राशि को वापस मंदिर प्रबंधन को लौटाने की बात कही गई है। मंदिर समिति का कहना है कि इस घटना से सभी को सीख लेनी चाहिए और बच्चों पर विशेष निगरानी रखकर उन्हें अच्छे संस्कार देने की जिम्मेदारी परिवार और समाज दोनों की है।
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