गाजियाबाद में यूपीसीडा के सफाई कर्मचारियों का हंगामा: चार महीने से वेतन न मिलने पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के सफाई कर्मचारियों ने चार महीने से वेतन न मिलने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। गाजियाबाद में यूपीसीडा कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए। आक्रोशित कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनका बकाया वेतन नहीं दिया गया, तो वे कार्य का पूर्ण बहिष्कार करेंगे। इस प्रदर्शन ने स्थानीय प्रशासन और यूपीसीडा प्रबंधन के लिए गंभीर चुनौती पेश की है।
यूपीसीडा के सफाई कर्मचारियों का कहना है कि पिछले चार महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने बताया कि वे दिन-रात सड़कों, पार्कों और नालों की सफाई में जुटे रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी मेहनत का कोई सम्मान नहीं हो रहा।
कर्मचारियों ने ठेकेदार पर टालमटोल करने और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। कई कर्मचारियों ने कहा कि जब भी वे वेतन की मांग करते हैं, ठेकेदार उन्हें अगले महीने का भरोसा देता है, लेकिन भुगतान नहीं होता। इससे उनके परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। एक कर्मचारी, मीना देवी, ने कहा, हमारी मेहनत से शहर साफ रहता है, लेकिन हमें मजदूरी तक नहीं मिल रही। क्या हम भूखे मरें?
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने यूपीसीडा कार्यालय के बाहर धरना दिया और "वेतन दो, काम लो" जैसे नारे लगाए। उन्होंने ठेकेदार और यूपीसीडा प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तत्काल वेतन भुगतान की मांग की। कुछ कर्मचारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि ठेकेदार और यूपीसीडा के बीच वेतन भुगतान को लेकर कोई समन्वय नहीं है, जिसके कारण वे इस आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि जल्द ही उनका बकाया वेतन नहीं दिया गया, तो वे काम बंद कर देंगे। एक कर्मचारी नेता ने कहा, "हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन अगर हमारी मेहनत की कीमत नहीं मिलेगी, तो हम सड़कों, नालों और पार्कों की सफाई बंद कर देंगे। प्रशासन को इसका परिणाम भुगतना होगा।" यह चेतावनी शहर की स्वच्छता व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि यूपीसीडा के अधीन कई औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों की सफाई इन्हीं कर्मचारियों के जिम्मे है।
अभी तक यूपीसीडा प्रशासन या ठेकेदार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, यूपीसीडा ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि ऐसी जांच पहले भी हो चुकी है, बिना किसी ठोस नतीजे के। कर्मचारियों ने मांग की है कि वेतन भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और ठेकेदार की जवाबदेही तय की जाए