Back
राजस्थान में SIR से वोटर मैपिंग: 70% से अधिक मतदाताओं को दस्तावेज नहीं देने होंगे
DGDeepak Goyal
Oct 28, 2025 13:53:47
Jaipur, Rajasthan
एंकर- बिहार के बाद राजस्थान में शुरू होने जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत अब 70 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि बिहार में पहले चरण के दौरान दस्तावेज की अनिवार्यता से जो भ्रम और नरेटिव बना था, उससे राजस्थान ने सबक लिया है। इसी कारण यहां पहले से ही वोटर्स की मैपिंग शुरू कर दी गई थी, जिससे ज्यादातर मतदाताओं की पहचान अपने आप सत्यापित हो चुकी है। वीओ-1-प्रदेश में वोटर लिस्ट के गहन परीक्षण को लेकर शेड्यूल जारी कर दिया गया है। इसे एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) नाम दिया गया है। 22 साल बाद होने जा रहे एसआईआर के तहत जिन वोटर्स के नाम वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं, उन्हें वोटर लिस्ट में अपना नाम कटने से बचाने के लिए पहचान के दस्तावेज पेश करने होंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया की 70.55 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। जैसे-जैसे बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे, यह आंकड़ा 80 प्रतिशत से भी ऊपर जा सकता है। उधर इस एसआईआर शुरू होने के साथ पंचायत और निकाय चुनाव की प्रक्रिया अब फरवरी 2026 तक टल गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया की बिहार में पहले चरण के दौरान दस्तावेज की अनिवार्यता से जो भ्रम और नरेटिव बना था, उससे राजस्थान ने सबक लिया है। इसी कारण यहां पहले से ही वोटर्स की मैपिंग शुरू कर दी गई थी....जिससे ज्यादातर मतदाताओं की पहचान अपने आप सत्यापित हो चुकी है। एसआईआर का शेड्यूल जारी होने के साथ राजस्थान में वोटर लिस्ट फ्री हो चुकी हैं......27 अक्टूबर तक राजस्थान में 5 करोड 48 लाख 84 हजार 570 वोटर्स हैं......जिनकी इस कार्यक्रम के तहत 52 हजार 469 बूथ लेवल अधिकारियों के द्वारा गणना प्रपत्र भरवाकर की जानी है। अब तक 70.55 प्रतिशत वोटर्स के नाम मैच हो चुके हैं, बाकी के मैच होने बाकी है। बीएलओ एप के माध्यम से 40 साल से ज्यादा एज के 79.32 प्रतिशत वोटर्स फीड हो चुके हैं....... 40 साल से कम उम्र के 22.22 प्रतिशत वोटर्स की मैपिंग हुई है। महाजन ने बताया की वोटर मैपिंग में एसआईआर वाले 12 राज्यों में राजस्थान सबसे आगे हैं....महाजन ने बताया की एसआईआर वाले राज्यों में मैपिंग में राजस्थान सबसे आगे है। राजस्थान में ईसीआई नेट पर कुल मैपिंग 49.37 प्रतिशत हो चुकी है। गुजरात में 5.73 प्रतिशत, यूपी में 13.41 प्रतिशत, एमपी में 20.09 प्रतिशत, तमिलनाडू में 21.62 प्रतिशत, छतीसगढ में 24.27 प्रतिशत वोटर्स की ही मैपिंग हुई है। महाजन ने बताया की प्रदेश में एसआईआर के बाद हर बूथ पर 890 वोटर रह जाएंगे....8819 नए पोलिंग बूथ हो जाएंगे। प्रदेश में इसके बाद 61309 पोलिंग बूथ हो जाएंगे। एसआईआर के पहले 31 दिन दस्तावेज़ लेने का फेज नहीं रहेगा। इस चरण में केवल गणना और फॉर्म भरने का काम होगा। ड्राफ्ट लिस्ट में जिनका नाम शामिल होगा, जरूरी नहीं कि वे अंतिम लिस्ट में बने रहें यह ERO की जांच पर निर्भर करेगा। बाइट-नवीन महाजन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बाइट-नवीन महाजन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीओ-2-मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया की वोटर लिस्ट में स्पेशल इंटेसिव रिवीजन यानी एसआईआर के गहन अभियान की शुरुआत आज से हो गई हैं। 7 फरवरी 2026 को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के साथ इसका समापन होगा। उन्होने बताया की 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर गणना (एन्यूमरेशन) फॉर्म उपलब्ध कराएंगे। वे मतदाता जो इस दौरान घर से बाहर होंगे वे ऑनलाइन फार्म भर सकेंगे। कोई परिवार मान लीजिए बाहर गया हुआ है तो सामान्यतया वह एक महीने में वापस लौट आता है। बीएलओ हर घर पर जाकर तीन बार फार्म भरवाने का प्रयास करेगा, फिर भी कोई घर पर नहीं मिलते हैं तो बीएलओ फॉर्म घर पर डालकर नोटिस चस्पा करेगा। एक महीने में तीन बार बीएलओ जाएंगे। गणना (एन्यूमरेशन) फॉर्म को कहीं से भी ऑनलाइन भी भरा जा सकेगा। हर गणना (एन्यूमरेशन) फॉर्म का अलग क्यूआर कोड होगा। महाजन ने कहा बहुत से प्रदेशों की सीमाएं राजस्थान से लगती हैं.....उन इलाकों के रिश्ते होते हैं.......पहले दूसरे राज्यों के वोटर्स की मैपिंग यानी उन्हें खोजना मुश्किल था क्योंकि वोटर लिस्ट नहीं थी......अब वोटर लिस्ट उपलब्ध होने से देश के किसी भी राज्य के वोटर को मैच कर सकेंगे....पुरानी एसआईआर की वोटर लिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध हैं, डेटारबेस से मिलान आसान हो जाएगा। एसआईआर की ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को प्रकाशित होगी। ड्राफ्ट लिस्ट में मृत वोटर्स, डुप्लीकेट नामों वाले वोटर्स, स्थायी रूप से बाहर बस चुके वोटर्स और दो जगह वोटर लिस्ट में नाम वालों के नाम हटाए जाएंगे। जिनके नाम हटाए जाएंगे उनके नाम अलग से वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाएंगे। जिनके नाम पिछली एसआईआर की वोटर लिस्ट में है उन्हें कोई दस्तावेज नहीं देना है। माता पिता या दादा—दादी के नाम अगर पिछली एसआईआर में है तो उन्हें पहचान का एक दस्तावेज देना होगा। जिनके नाम मैच नहीं होगे उन्हें ईआरओ नोटिस जारी कर दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहेगा। महाजन ने बताया की किसी भी राज्य में वोटर लिस्ट में नाम हो....लेकिन अब डबल नाम वाला पकड़ा जाएगा। सारे देश के वोटर लिस्ट का डेटा मशीन रीडिंग फॉर्मेट में उपलब्ध है। पहले दूसरे राज्यों की वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं होने से वेरिफिकेशन और जांच में वक्त लगता था। अब डबल नाम वालों को बाहर किया जाएगा। वोटर लिस्ट में जानबूझकर दो जगह नाम रखने पर एक साल की सजा का प्रावधान है। नवीन महाजन ने कहा एसआईआर में घुमन्तू परिवारों को भी फॉर्म दिए जाएंगे। घुमन्तू परिवारों तक फॉर्म पहुंचाने के लिए बीएलओ के साथ वॉलंटियर्स की सहायता ली जाएगी। बहरहाल, यह सवाल अब शहरों से लेकर गांव-गांव गूंज रहा है कि यह कदम लोकतंत्र को विराम देने वाला है या मतदाता सूची को शुद्ध करने की दिशा में एक सही पहल? जनता का धैर्य और राजनीतिक दलों की रणनीति दोनों की असली परीक्षा अब 2026 की फरवरी में होगी, जब ‘एसआईआर’ के बाद फिर बजेगा चुनावी नगाड़ा। दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
0
Report
0
Report
4
Report
4
Report
ATAlok Tripathi
FollowOct 28, 2025 16:12:390
Report
3
Report
0
Report
जौनपुर में एमडीएमए तस्करी का भंडाफोड़ पिता और दो बेटों की गिरफ्तारी, एक करोड़ की नशीली सामग्री बरामद
0
Report
0
Report
6
Report
4
Report
2
Report
WJWalmik Joshi
FollowOct 28, 2025 15:02:265
Report
PKPrakash Kumar Sinha
FollowOct 28, 2025 15:02:093
Report
DDDeepak Dwivedi
FollowOct 28, 2025 15:01:301
Report
