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Uttarkashi249193

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में मलबे में दबी कार

Aug 05, 2024 08:19:00
Bhatwari, Uttarakhand

उत्तरकाशी गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग आज सुबह नेताला के पास लैंड स्लाइड के कारण बंद हो गया। मलबे के नीचे एक कार दब गई। कड़ी मेहनत के बाद बीआरआई ने राजमार्ग को वाहनों के लिए खोल दिया और मलबे में फंसी कार को निकाल लिया। राहत की बात यह रही कि जब कार फंसी, तब उसमें सवार लोग सुरक्षित रूप से भाग गए और अपनी जान बचा ली।

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NANasim Ahmad
Oct 18, 2025 09:09:01
Delhi, Delhi:धनतेरस के मौके पर राजधानी दिल्ली के बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है। लोग सुबह से ही खरीदारी में जुटे हैं। कहीं बर्तनों की दुकानों पर भीड़ है तो कहीं झाड़ू की दुकानों पर लंबी कतारें नजर आ रही हैं। दिल्ली के संत नगर मार्केट में तो त्योहार की चहल-पहल ने पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया है। धनतेरस पर खरीदारी को शुभ माना जाता है। लोग इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं। इसी परंपरा को निभाते हुए दिल्ली के संत नगर मार्केट में सुबह से ही खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान है क्योंकि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। सुबह से ही ग्राहक आ रहे हैं, झाड़ू और बर्तन की बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है। धनतेरस पर खरीदारी शुभ मानी जाती है, इसलिए लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। बाजारों में सजे दीपक, झालरें और सजावटी सामान त्योहार की चमक को और बढ़ा रहे हैं। महिलाएं खास तौर पर पीतल, चांदी और स्टील के बर्तनों की खरीदारी कर रही हैं। वहीं बच्चे नए खिलौने और सजावट का सामान खरीदते नजर आ रहे हैं। धनतेरस पर खरीदारी तो करनी ही होती है। इस बार हमने झाड़ू और कुछ नए बर्तन लिए हैं ताकि घर में लक्ष्मीजी का स्वागत अच्छे से हो। त्योहार के मद्देनजर पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने भी बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस तैनात है ताकि भीड़भाड़ के बीच लोगों को परेशानी न हो। शाम तक बाजारों में और भी ज्यादा भीड़ बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि लोग अपने परिवार के साथ धनतेरस की खरीदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। दुकानदारों का कहना है कि दीपावली तक बिक्री और तेज होगी।
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Oct 18, 2025 09:08:45
Pilibhit, Uttar Pradesh:विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंत्री प्रिंस गौड़ जी ने समस्त हिंदू समाज से आह्वान किया है जोकि निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमे हिंदू समाज को अपने ही समाज के लोगों की दुकानों से खरीदारी करने और जिहादी मानसिकता वाले लोगों के बहिष्कार करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया इस तरह की पहल से हिंदू समाज को अपने ही समाज के लोगों का समर्थन करने और अपनी आर्थिक शक्ति को मजबूत करने में मदद मिलेगी और साथ ही, यह पहल जिहादी मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ एक शांतिपूर्ण और आर्थिक विरोध का रूप भी होगा, प्रिंस गौड़ जी कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हिंदू समाज को बताए। 1. हिंदू समाज को अपने ही समाज के लोगों की दुकानों से करें और अन्य सभी को खरीदारी करने के लिए प्रेरित करे। 2. जिहादी मानसिकता वाले लोगों का आर्थिक बहि
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DSDeepesh shah
Oct 18, 2025 09:08:08
Vidisha, Madhya Pradesh:देश में सिर्फ चार, विदिशा में सबसे विशाल — धन ke देवता कुबेर की 2200 साल पुरानी प्रतिमा का रहस्य! विदिशा — जहां धन के देवता आज भी विराजमान हैं! एंकर - धनतेरस के मौके पर विदिशा का जिला पुरातत्व संग्रहालय मंदिर जैसा सज जाता है… क्योंकि यहां धन के देवता कुबेर की पूजा की परंपरा आज भी जीवित है। कहा जाता है, यह प्रतिमा न सिर्फ भारत की बल्कि एशिया की सबसे बड़ी कुबेर प्रतिमा है। वॉइस ओवर - प्राचीन समय में विदिशा व्यापार और समृद्धि का सबसे बड़ा केंद्र हुआ करता था। उस दौर में यहां के लोग धन के देवता कुबेर की प्रतिमा बनाकर पूजा-अर्चना करते थे। आज भी वही परंपरा ज़िंदा है। वॉइस ओवर - जिला पुरातत्व संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर करीब 2200 साल पुरानी यह विशाल प्रतिमा स्थापित है। इसकी ऊंचाई करीब 12 फीट और चौड़ाई साढ़े चार फीट तक है। बाइट — जिला पुरातत्व संग्रहालय के वरिष्ठ मार्गदर्शक, रामनिवास शुक्ला ने बताया — “यह प्रतिमा 1956-57 में बैस नदी से मिली थी। इसमें कुबेर के हाथ में धन की थैली और गले में माला के साथ सिर पर पगड़ी बनी है। वॉइस ओवर - देशभर में भगवान कुबेर की केवल चार प्रतिमाएं मानी जाती हैं… जिनमें से विदिशा की यह प्रतिमा सबसे विशाल है। 1960 में जब संग्रहालय बना, तो यहीं स्थापित कर दिया गया। वॉइस ओवर - यह सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि विदिशा की कला और संस्कृति की धरोहर भी है। दिल्ली के रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के मोनो में जो “यक्ष आकृति” दिखती है — वह भी विदिशा की इसी मूर्ति से प्रेरित है। एंकर - कहा जाता है, जो भी धनतेरस पर इस प्रतिमा का दर्शन करता है — उसे सालभर समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। विदिशा की यह प्रतिमा आज भी इतिहास और आस्था दोनों की गवाही देती है। बाइट - रामनिवास शुक्ला, वरिष्ठ मार्गदर्शक, जिला पुरातत्व संग्रहालय , विदिशा। बाइट - अर्पित उपाध्याय, श्रद्धालु。
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KCKULDEEP CHAUHAN
Oct 18, 2025 09:07:20
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VKVINOD KANDPAL
Oct 18, 2025 09:06:59
Haldwani, Uttarakhand:विकास पुत्र के नाम से जाने वाले नेता और उत्तरप्रदेश उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी की आज 100वीं जयंती है, इस अवसर पर आज हल्द्वानी मंडी परिसर में आज स्व. नारायण दत्त तिवारी की मूर्ति का अनावरण किया गया. इस मौके पर स्व. नारायण दत्त तिवारी के भतीजे दीपक बलूटिया, मेयर गजराज बिष्ट, और उत्तराखण्ड मंडी परिषद के अध्यक्ष मौजूद रहे. हल्द्वानी मंडी का उद्घाटन 2 अक्टूबर 1982 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी ने किया था. आज इस परिसर ने बेहद बढ़ा रूप ले लिया है. मूर्ति के अनावरण के मौके पर सभी ने स्व. नारायण दत्त तिवारी के पग चिन्हों और उनके जीवन के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
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SJSubhash Jha
Oct 18, 2025 09:06:46
Supal, Bihar:दिवाली के मौके पर मिट्टी के दिये जलाने की परम्परा आज भी कायम. दिवाली के मौके पर आजकल बिजली के रंग बिरंगे झालरों को जलाने का प्रचलन बढ़ने लगा है. लेकिन इन रंग बिरंगी रौशनीयों के बीच दिवाली के मौके पर दशकों से चली आ रही मिट्टी के दिये जलाने की परम्परा आज भी बदस्तूर कायम है. ये अलग बात है की मिट्टी के दिये की संख्या अब कम हुई है लेकिन इतना तय है की कम संख्या में भी हर घर के लोग मिट्टी का दिया जरूर जलाते हैं. यही कारण है की बाजार में सिमित संख्या में ही मिट्टी के दिये बिकते हैं. वहीं दूसरी ओर मिट्टी के दिये बनाने वाले कारीगरों की बात करें तो उनका कहना है की पहले लोग अधिक मात्रा में मिट्टी के दिए खरीदते थे जो अब कम संख्या में खरीदने लगे हैं. लेकिन कहा की हर घर के लोग मिट्टी का दिया खरीदते हैं. कारीगरों को यह भी मलाल है की पूंजी कम होने के कारण वो ज्यादा मात्रा में दिया बना भी नहीं पाते हैं. जिसके चलते उन्हें मुनाफा कम होता है. चुंकि लोग पारम्परिक तौर पर दिये जलाते हैं लिहाजा वो अपने व्यवसाय को कायम रखने के लिए दीया बनाते हैं.
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KBKuldeep Babele
Oct 18, 2025 09:06:17
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HKHARI KISHOR SAH
Oct 18, 2025 09:05:33
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