
हर हफ्ते एक पति की हत्या: यूपी में पत्नियों के हाथों बढ़ते जुर्म का डरावना सच
भारत में एक चौंकाने वाला ट्रेंड सामने आ रहा है, जहां हर साल सैकड़ों पति अपनी ही पत्नी या ससुराल वालों के हाथों मारे जा रहे हैं। ये कोई गैंगस्टर या अपराधी नहीं होते, बल्कि घर के अंदर का रिश्ता ही कत्ल की वजह बन रहा है। सबसे ज़्यादा मामले उत्तर प्रदेश से सामने आ रहे हैं, जहां 2020 से लेकर 2024 तक कुल 275 से ज्यादा पतियों की हत्या की गई। इन पांच सालों में हर साल औसतन दर्जनों पति मारे गए — 2020 में 45, फिर ये संख्या हर साल बढ़ती गई और 2024 में रिकॉर्ड 62 तक पहुंच गई। यानी यूपी में लगभग हर हफ्ते एक पति की हत्या हुई है।
बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, और चिंता की बात ये है कि इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।
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महरौली इलाके में ऐतिहासिक कालूराम चौक पर स्थानीय युवक अनिश्चितकाल अनशन पर बैठा हुआ है.विवेक जोशी नाम का यह युवक पेशे से एक शिक्षक है लेकिन क्षेत्र में समाज सेवा के कार्य वह कई सालों से करते आ रहे हैं. एक बार फिर विवेक जोशी क्षेत्र में कई गंभीर समस्याओं को लेकर कालूराम चौक पर थाने के ठीक सामने अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं.इनकी मुख्य मांगे हैं कुतुब मीनार के सामने सरकारी स्कूल जिसमें 1400 - 1500 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन यह स्कूल टेंपरेरी शेल्टर में चलता है शिक्षा विभाग का कहना है की कुतुब मीनार के ठीक बगल में होने के कारण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के तरफ से भवन बनाने का परमिशन नहीं मिलता लेकिन भ्रष्टाचार की बात तब उठती है जब स्कूल के ठीक बगल में कई सारे रेस्टोरेंट शोरूम पब और बार है