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Hoshiarpur146001

आप सरकार आप के द्वार तहत कैंप लगाया गया

Jul 17, 2024 18:41:38
Hoshiarpur, Punjab

आप दी सरकार, आप दे दुआर’ अभियान के अंतर्गत टांडा के गांव मूनक खुर्द में शिकायत निवारण कैंप का आयोजन हुआ। जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने लोगों की शिकायतों का मौके पर हल निकाला गया।

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NDNEELAM DAS PADWAR
Oct 15, 2025 04:17:23
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UJUmesh Jadhav
Oct 15, 2025 04:17:10
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BSBhanu Sharma
Oct 15, 2025 04:16:50
Dholpur, Rajasthan:धौलपुर पुलिस ने फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले दो लोगों को किया गिरफ्तार ​धौलपुर जिले की कंचनपुर पुलिस ने नगला बीधौरा गाँव में फायरिंग कर दहशत फैलाने और एक व्यक्ति को घायल करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिले में वांछित अपराधियों, और स्थाई वारंटियों के विरुद्ध चलाए जा रहे धरपकड़ अभियान के तहत की गई है। ​गिरफ्तार किए गए आरोपी दोनों पिता पुत्र है आरोपियों की पहचान ब्रजपाल उर्फ छिग्गा पुत्र रामेश्वर और देवेश पुत्र ब्रजपाल, दोनों निवासी नगला बीधौरा, थाना कंचनपुर, जिला धौलपुर के रूप में हुई है। यह दोनों व्यक्ति हत्या के प्रयास के एक मामले में घटना के बाद से फरार चल रहे थे। ​घटना 19 सितंबर 2025 को हुई थी। विष्णु पुत्र रामनिवास ने अपने बयान में बताया था कि पार्वती नदी के बीहड़ों में जमीनी विवाद को लेकर ब्रजपाल, देवेश और अन्य लोगों ने फायरिंग कर दी, जिससे वह घायल हो गया था। इस संबंध में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था。
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DPDharmendra Pathak
Oct 15, 2025 04:16:39
Chatra, Jharkhand:ससुराल की प्रेरणा से दशरथ साव का कमाल: चतरा की मिट्टी से नेपाल तक सब्जियों का जलवा! चतरा : जिले में लावालौंग प्रखंड के लमटा गांव में रहने वाले दशरथ साव एक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ससुराल से मिली सीख को आधार बनाकर खेती-बाड़ी और पोल्ट्री फार्मिंग में क्रांति ला दी है। मैट्रिक तक पढ़े दशरथ ने जीव विज्ञान और वनस्पति विज्ञान की किताबों से सीखा कि पौधे कैसे बढ़ते हैं, मिट्टी की उर्वरता कैसे बनाए रखनी है और पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे संतुलित रखा जा सकता है। लेकिन उनकी असल प्रेरणा ससुराल से आई, जहां उन्होंने देखा कि कैसे पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर आधुनिक खेती की जा सकती है। आज दशरथ साव न सिर्फ अपनी जमीन पर बल्कि लीज पर ली गई 20 एकड़ भूमि पर टमाटर, गोभी, शिमला मिर्च, खीरा और तरबूज जैसी सब्जियां उगा रहे हैं। उनका बाजार झारखंड से लेकर बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ और यहां तक कि नेपाल तक फैल चुका है। सालाना 15-20 करोड़ रुपये का टर्नओवर करने वाले इस किसान की कहानी न केवल आत्मनिर्भरता की मिसाल है, बल्कि गांव के सैकड़ों लोगों को रोजगार देने की भी है। दशरथ साव की जिंदगी की शुरुआत गरीबी से हुई थी। गांव में रहते हुए उन्होंने देखा कि पारंपरिक खेती से परिवार का गुजारा मुश्किल से चल पाता है। मैट्रिक की पढ़ाई के दौरान जीव विज्ञान की किताबों ने उन्हें पौधों की दुनिया से रूबरू कराया। उन्होंने समझा कि मिट्टी की सेहत, पानी की सही मात्रा और कीटों से बचाव कैसे उत्पादन को कई गुना बढ़ा सकता है। लेकिन असली बदलाव आया ससुराल से। दशरथ बताते हैं, "ससुराल में मैंने देखा कि कैसे वे लोग मुर्गी पालन और सब्जियों की खेती से अच्छी कमाई कर रहे थे। मैंने सोचा, क्यों न मैं भी यही करूं? इसी प्रेरणा से उन्होंने खेती की नई राह चुनी। शुरू में उनके पास अपनी जमीन कम थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। 12 से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 20 एकड़ जमीन लीज पर ली। इसमें चार से पांच लाख रुपये का निवेश किया। ये जमीनें गेरुआ, लमटा और मसूरिया गांवों में फैली हुई हैं। आज इन खेतों में आधुनिक तकनीकों से खेती हो रही है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, जैविक खाद और उन्नत बीजों का इस्तेमाल करके दशरथ ने उत्पादन को कई गुना बढ़ाया है। हर साल करीब 600 टन टमाटर, 900 टन शिमला मिर्च, 40 टन गोभी, 150 टन तरबूज और इतनी ही मात्रा में खीरा पैदा होता है। मौसम के अनुसार अन्य सब्जियां जैसे बैंगन, भिंडी और हरी सब्जियां भी उगाई जाती हैं। दशरथ कहते हैं, पहले पारंपरिक तरीके से खेती होती थी, लेकिन नई तकनीक से उत्पादन दोगुना-तीन गुना हो गया। मैंने मिट्टी की जांच करवाई, उर्वरक का सही अनुपात रखा और कीट प्रबंधन पर फोकस किया। उनके खेतों में सब्जियां इतनी गुणवत्तापूर्ण होती हैं कि मंडियों में अच्छी कीमत मिलती है। झारखंड की स्थानीय मंडियों के अलावा बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर; पश्चिम बंगाल के कोलकाता; छत्तीसगढ़ के रायपुर और नेपाल के काठमांडू तक ट्रकों से माल पहुंचता है। नेपाल में उनकी शिमला मिर्च और टमाटर की खास मांग है, क्योंकि ये रसायन मुक्त और ताजा होते हैं। खेती के साथ-साथ दशरथ ने पोल्ट्री फार्मिंग में भी कदम रखा। पांच-सात साल पहले शुरू किए गए इस व्यवसाय के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से 45 लाख रुपये का लोन लिया। शुरुआत में एक छोटा फार्म था, जहां 500 मुर्गियों से काम शुरू हुआ। आज उनके फार्म में 20,000 ब्रायलर मुर्गियों का पालन हो रहा है। आधुनिक तरीके से फार्म चलता है, जहां एनवायरमेंटल कंट्रोल सिस्टम लगा है। तापमान, नमी और वेंटिलेशन को नियंत्रित रखने के लिए एसी और हीटर का इस्तेमाल होता है। दशरथ बताते हैं, मुर्गियों के लिए हमने विशेष फीड तैयार किया है, जो पौष्टिक और रोग प्रतिरोधक है। इससे मुर्गियाँ जल्दी बड़ी होती हैं और मुनाफा ज्यादा मिलता है। उनके ब्रायलर मुर्गे भी झारखंड से बाहर बिकते हैं। सालाना टर्नओवर 15-20 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जिसमें खेती और पोल्ट्री दोनों शामिल हैं। दशरथ की सफलता सिर्फ उनकी अपनी नहीं है। उन्होंने अपने हुनर को गांव والوں के साथ साझा किया। लमटा पंचायत के कई किसानों ने उन्हें देखकर आधुनिक खेती अपनाई। दशरथ ने उन्हें बताया कि कैसे पारंपरिक तरीकों की जगह ड्रिप इरिगेशन, पॉलीहाउस और जैविक कीटनाशक इस्तेमाल करें। इससे किसानों का उत्पादन दोगुना हो गया और आय में भी वृद्धि हुई। वे कहते हैं, मैंने सरकार की सब्सिडी और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कई किसानों को मुद्रा लोन लेने में मदद की। आज पंचायत में करीब 100 मजदूर-किसान उनके फार्म पर काम करते हैं। जिनके पास ज्यादा जमीन है, वे खुद पोल्ट्री फार्म चला रहे हैं और दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। स्थानीय लोगों को घर के पास ही काम मिल रहा है, जिससे गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। दशरथ के परिवार ने भी इस सफर में पूरा साथ दिया। उनके दो बेटे, जो ग्रेजुएट हैं, नौकरी की बजाय खेती में रुचि लेते हैं। बड़ा बेटा कन्हैया प्रसाद कहता है, हमने 10 कट्ठा से शुरू किया था, आज 20 एकड़ में खेती कर रहे हैं। 100 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। शिमला मिर्च की खेती 4-5 एकड़ में होती है। परिवार मिलकर काम करता है। लेकिन चुनौतियां भी हैं। बिजली की समस्या सबसे बड़ी है। दशरथ ने बिजली विभाग से ट्रांसफॉर्मर लगवाए, लेकिन कटौती होने पर जनरेटर चलाना पड़ता है। कन्हैया कहते हैं, बिजली व्यवस्था सुधारने की मांग कर रहे हैं। सड़कें भी खराब हैं, जिससे माल ढुलाई महंगी पड़ती है।” दशरथ की पत्नी मीना देवी भी इस कहानी की अहम किरदार हैं। मीना कहती हैं, मुर्गी पालन का गुण मैंने मायके से सीखा था। पति को कहा कि घर पर शुरू करें। आज मुर्गी पालन से अच्छी आमदनी हो रही है। पहले गरीबी में जिंदगी गुजारते थे, अब खुशहाल हैं। बच्चे भी खेती में हाथ बंटाते हैं। मीना की मां बताती हैं, बेटी-दामाद गरीबी में थे। मैंने कहा कि मेरे जैसा खेती और मुर्गी पालन करो। आज वे सफल हैं, हमें खुशी है। कृषि पदाधिकारी गौतम कुमार दशरथ की तारीफ करते हैं। वे कहते हैं, दशरथ साव गांव के बेरोजगारों को रोजगार दे रहे हैं। यह काबिले तारीफ है। सरकार उन्हें हर तरह की मदद देगी। उनकी खेती को कृषि योजनाओं से जोड़ा जाएगा। दशरथ की कहानी बताती है कि कैसे एक साधारण किसान प्रेरणा, मेहनत और आधुनिक तकनीक से बड़ा बदलाव ला सकता है। ससुराल से मिली सीख ने न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली, बल्कि पूरे गांव को आत्मनिर्भर बनाया। दशरथ अब आगे की योजना बना रहे हैं। वे कहते हैं, हम और जमीन लीज पर लेंगे। ऑर्गेनिक फार्मिंग पर फोकस करेंगे। गांव के युवाओं को ट्रेनिंग देंगे। उनकी सफलता झारखंड के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा है। जहां एक तरफ जलवायु परिवर्तन और बाजार की चुनौतियां हैं, वहीं दशरथ जैसे किसान साबित कर रहे हैं कि नवाचार से सब संभव है। चतरा जिले में खेती की यह नई इबारत न केवल आर्थिक विकास की कहानी है, बल्कि सामाजिक बदलाव की भी। दशरथ साव की तरह अगर हर किसान ससुराल या किताबों से सीख लेकर आगे बढ़े, तो ग्रामीण भारत का चेहरा बदल सकता है।
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MSManish Singh
Oct 15, 2025 04:15:36
Mumbai, Maharashtra:भोजपुर जिले में बिहार विधान सभा आम निर्वाचन-2025 को निष्पक्ष, भयमुक्त एवं शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए भोजपुर पुलिस एवं केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की संयुक्त टीम द्वारा एरिया डॉमिनेशन और फ्लैग मार्च किया जा रहा है। इसकी पूरी मॉनिटरिंग जिले के एस पी मिस्टर राज खुद कर रहे हैं। जिले के सातों विधानसभा क्षेत्र में लगातार अर्धसैनिक बल और भोजपुर पुलिस की संयुक्त टीम के द्वारा फ्लैग मार्च कराया जा रहा है ताकि भय मुक्त वातावरण में मतदान कराया जा सके। चुनाव को लेकर जिला प्रशासन और भोजपुर पुलिस की संयुक्त टीम के द्वारा जगह-जगह चेक पोस्ट भी लगाया गया है और वाहनों की सघन जांच की जा रही है। रात्रि प्रहर में भी संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है ताकि असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके।
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PNPratap Naik1
Oct 15, 2025 04:15:25
Kolhapur, Maharashtra:बेळगाव आणि सीमा भागात १ नोव्हेंबर हा दिवस ‘काळा दिन’ म्हणून पाळण्यासंदर्भात बेळगाव मधील मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समितीची महत्त्वाची बैठक पार पडली. या बैठकीत भाषिकांनी अत्यंत कठोर भूमिका घेत कोणत्याही परिस्थितीत ‘काळा दिनाची’ फेरी काढण्याचा निर्धार करण्यात आला. प्रशासनाने परवानगी नाकारली किंवा कार्यकर्त्यांना अटक झाली तरी हा काळा दीन पळायचाच एल्गार करण्यात आला. बेळगाव मधील धर्मवीर संभाजी उद्यानातून सकाळी ९.३० वाजता मूक सायकल फेरीला सुरुवात होईल, आणि मराठी भाषिकांनी न घाबरता या लढ्यात पुढे यावे, असे आवाहन मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समितीचे प्रकाश मरगाळे यांनी केले आहे. १९५६ मध्ये भाषावार प्रांतरचने वेळी मराठी भाषिक भाग अन्यायाने कर्नाटकात डांबला. या विरोधात एक नोव्हेंबर रोजी बेळगावसह सीमा भागात काळा दिन पाळला जातो.
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Oct 15, 2025 04:14:28
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Oct 15, 2025 04:13:36
Jhansi, Uttar Pradesh:झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र के सुकवा ढुकंवा कालोनी मन्दिर के पीछे कच्चे रास्ते पर चेकिंग के दौरान बीती रात पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में दो बदमाश पैर में गोली लगने से घायल हो गए। जब पुलिस घायल बदमाश गनेश नारायण और सत्ती को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी, तब दोनों बदमाश कहने लगे कि अब हम यूपी में नहीं आएंगे सर। बदमाशों ने अपनी गलती की माफी मांगी और भविष्य में अपराध न करने की बात कही। पुलिस की गिरफ्त में आये बदमाश गनेश नारायण, सत्ती और विश्वनाथ महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। बदमाशों ने एक दिन पहले नगर निगम के पास खड़ी कार से दो लाख रुपए चोरी किए थे।
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Oct 15, 2025 04:13:20
Jhansi, Uttar Pradesh:झांसी नवाबाद थाना क्षेत्र के सुकवा डुकवा रेलवे कालोनी स्थित मन्दिर के पीछे कच्चे रास्ते पर चेकिंग के दौरान पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। जिसमें दो बदमाश पैर में गोली लगने से घायल हो गए। जबकि तीसरे बदमाश को मौके से घेराबंदी कर पकड़ लिया। पुलिस ने घायल बदमाश गनेश नारायण नायडू और सत्ती को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। बदमाशों के कब्जे से चोरी के दो लाख रूपये नगद, कागजात, दो अवैध तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस की गिरफ्त में आये बदमाश गनेश नारायण नायडू, सत्ती और विश्वनाथ नंदूरवार महाराष्ट्र के निवासी हैं। तीनों बदमाशों के खिलाफ अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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