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हरियाणा सिख कमेटी में चुनावी विवाद: क्या है सरकार की भूमिका?

VKVIJAY KUMAR
Jul 10, 2025 14:06:54
Sirsa, Haryana
एंकर रीड हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य दीदार सिंह नलवी ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में चल रही खींचतान में हरियाणा सरकार दखलंदाजी न करे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हुआ। सभी सदस्य अपनी मेहनत और वोटर्स से चुने गए है लेकिन सरकार की शह पर कमेटी का प्रधान बिना चुनाव ही चुन लिया गया है जो सरासर ग़लत है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की अलग से कमेटी बनाने की लड़ाई 2001 में लोगों ने शुरू की थी और पिछले 24 सालों से लगातार संघर्ष कर रहे है। 24 साल के लंबे अंतराल के बाद पहली बार कमेटी का चुनाव हुआ है। नलवी ने HSGPC के नवनियुक्त प्रधान जगदीश सिंह झिंडा पर आरोप लगाते हुए कहा कि झिंडा ने अपने आपको खुद ही प्रधान मनोनीत कर लिया है और इसके साथ ही साडी कमेटी का गठन भी खुद कर लिया है। नलवी ने कहा कि जो कमेटी में 11 मेंबर चुने गए है उनको कमेटी के 49 मेंबर ने नहीं चुना है। नलवी ने कहा कि झिंडा की कमेटी को हरियाणा की कमेटी नहीं है। नलवी ने कहा कि हरियाणा सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर चुनी गई कमेटी का प्रावधान निकाले ताकि हरियाणा के सिखों को भी इंसाफ मिल सके। वोल 1 अकाल पंथक मोर्चा के सदस्य दीदार सिंह नलवी आज सिरसा में इसको लेकर गुरुद्वारा श्री दसवीं पातशाही में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि एक लंबी लड़ाई के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हुए जिसमें निष्पक्ष सदस्य चुने गए लेकिन जब बात प्रधान की आई तो बिना किसी चुनाव के, मनमर्जी से प्रधान थोप दिया, जो सिख समाज को मंजूर नहीं है। हमें उम्मीद थी कि अब हरियाणा के गुरुद्वारों की सही ढंग से देखभाल होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वोल 2 कमेटी के सदस्यों ने धर्म प्रचारक बलजीत सिंह दादूवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी ऑडिट की बात आती हैं तो इसमें दादूवाल हस्तक्षेप करते हैं । जो कि ग़लत है । इस पर सरकार को रोक लगानी चाहिए, क्योंकि अगर ऐसे लोग इंटरफेयर करेंगे तो फिर गुरुद्वारा का कार्य कैसे होगा । उन्होंने कहा कि अगर संविधान के अनुसार प्रधान के लिए सही चुनाव होता या फिर बहुमत से प्रधान चुना जाता तो हम इसे स्वीकार भी करते। सदस्यों ने साफ कहा कि कमेटी को चलाने के लिए सरकार को निष्पक्ष प्रधान नियुक्त करना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी की राय जरूरी है, न कि किसी एक पक्षीय फैसले को थोपा जाए। कमेटी सदस्यों ने पत्रकार वार्ता से पूर्व की गई बैठक को मीडिया से सांझा किया और कहा कि वे सरकार के इस फैसले को चुनौती देंगे। कमेटी के संविधान का बारीकी से मंथन किया जा रहा है, शीघ्र ही आगे की रणनीति बनाएंगे और हर हाल में प्रधानगी को संशोधित करवा जाएगा। इसके लिए सरकार पर दबाव बनाने का काम करेंगे, तभी सरकार निष्पक्ष दखलअंदाजी करेगी और चुनाव के जरिए प्रधान का चयन होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्शन द्वारा करवाने के लिए अकाल पंथक मोर्चा द्वारा गुरुद्वारा इलेक्शन कमीशन में 2 याचिकाएं भी दायर की जा चुकी हैं। बाइट दीदार सिंह नलवी , सदस्य , अकाल पंथक मोर्चा।
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