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100 साल पुराना स्कूल: बच्चों की जान खतरे में!

AGAbhishek Gour
Jul 10, 2025 13:01:03
Narmadapuram, Madhya Pradesh
एंकर नर्मदापुरम- प्रदेश सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सालाना करोड रुपए खर्च कर रही है। लेकिन नर्मदापुरम जिले में स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहे हैं। यहां जिला मुख्यालय पर करीब 100 साल पुराने जर्जर भवन में भय के साये में स्कूल की कक्षाएं संचालित कर बच्चों के भविष्य को संवारने का काम किया जा रहा है। शहर के बीचो-बीच स्थित शासकीय प्राथमिक शाला उर्दू की हालत दयनीय हो गई है। शाला का भवन बुरी तरह से जर्जर हो रहा है। भवन के कबेलू से बारिश का पानी टपक रहा। फर्श गीला रहता है जिसके कारण बच्चों को इधर-उधर बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है। भवन दीवारें बुरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं। जो कि कभी भी धराशाई हो सकती हैं। बच्चों की सुरक्षा को खतरा है लेकिन वे मजबूरन जर्जर भवन में बैठकर बच्चे पढ़ाई कर रहे है। बाबजूद इसके शिक्षा विभाग के अफसर बेपरवाह हैं। वीओ01- दरसल मौरछली चौक के पास शासकीय प्राथमिक शाला उर्दू 1907 से संचालित होता आ रहा है। अब यह विद्यालय 100 वर्ष से अधिक का हो चुका है। जो की बुरी तरह से जर्जर हो रहा है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते बच्चों की जान जोखिम में डालकर इस जर्जर शाला के भवन में कक्षा एक से पांचवी तक की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इस शाला में करीब 20 बच्चे अध्यनरत हैं। जिन्हें जाम जोखिम में डालकर पढ़ाया जा रहा है। करीब 100 साल पुराने इस भवन में लगे कवेलू फूट रहे दीवारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है जो कभी भी गिर सकती है। शाला में अवस्था का आलम यह है कि शाला में बच्चों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। शाला परिसर में बनी पानी की टंकी से बच्चे पानी पी रहे हैं। जिसमें बारिश का पानी गिर रहा है। शाला प्रबंधन में शाला की मरम्मत के लिए विभाग को पत्राचार किया है। लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते शाला की ना तो मरम्मत कराई जा रही ही और ना ही शाला को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। जिससे कि बच्चों को सुविधा मिल सके। वीओ03- शिक्षा विभाग की बीआरसी सपना गोल्हानी ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला उर्दू का भवन करीब 100 साल पुराना है। इस शाला में करीब 20 बच्चे अध्यनरत है। बच्चों की सुरक्षा को खतरा है। जल्द ही बच्चों को नजदीक के स्कूल में शिफ्ट करने के लिए आदेश जारी किए जाएंगे, जहां उनकी पढ़ाई और सुरक्षा का ध्यान रखा जा सकेगा। बाइट(A1)- अमन ( छात्र ) बाइट(A2)- धनलक्ष्मी ( छात्रा ) बाइट(A3)- योगेंद्र परसाई ( प्रभारी प्राचार्य ) बाइट(A4)- सपना गोल्हानी ( बीआरसी )
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