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Sambhal202412

संभल में जनपद स्थापना दिवस पर होगा कल्कि महोत्सव, प्रशासन की तैयारियां जोरों पर

Sept 23, 2024 09:11:12
Chandausi, Uttar Pradesh

जनपद संभल के स्थापना दिवस पर पहली बार जिला प्रशासन कल्कि महोत्सव का आयोजन करने जा रहा है। यह महोत्सव 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे। इसके साथ ही, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार करने के लिए प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। यह आयोजन जिला मुख्यालय बहजोई के समीप बड़े मैदान में होगा।

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DGDeepak Goyal
Oct 15, 2025 08:10:02
Jaipur, Rajasthan:एंकर- करीब पचास लाख की आबादी वाले राजधानी जयपुर का फायर ब्रिगेड बेड़ा खुद ही आग से निपटने की परीक्षा में कमजोर साबित हो रहा है। नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन के मानकों के अनुसार हर 50 हजार की आबादी पर एक फायर टेंडर होना चाहिए, लेकिन शहर के पास महज 60 गाड़ियां हैं, जबकि जरूरत कम से कम 100 वाहनों की है। वीओ-1- राजधानी की चमक-दमक के पीछे छिपा एक डरावना सच...अगर जयपुर में कहीं अलग अलग लोकेशन पर एक साथ बडी आग लग जाए, तो बुझाने वाला सिस्टम खुद धुएं में गुम हो जाएगा...पचास लाख की आबादी वाला राजधानी जयपुर में आग बुझाने का जिम्मा संभालने वाला फायर ब्रिगेड खुद ‘बुझी हुई चिंगारी’ साबत हो रहा है। शहर की ऊंची इमारतें, बढ़ती आबादी और तंग गलियां...सबके बीच फायर ब्रिगेड का सिस्टम संसाधनों के अभाव में धुआं-धुआं हो चुकी है। नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन (NFPA) के मानक कहते है। हर 50 हजार आबादी पर एक दमकल जरूरी है। यानी जयपुर जैसे शहर को चाहिए कम से कम 100 फायर टेंडर होने चाहिए...लेकिन हकीकत यह कि शहर के पास है. मात्र 60 ही दमकलें हैं...बाकी जरूरतें कागजों की आग में जल रही हैं। जिस दमकल को आग पर काबू पाना है. वे खुद फायर फिट नहीं होती। पूरे शहर में सिर्फ एक 72 मीटर की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म एरियल लैडर काम कर रही है। जबकि चारदीवारी क्षेत्र के लिए 42 मीटर की लैडर डेढ़ साल से घाटगेट फायर स्टेशन पर जंग खा रही है...सेंसर खराब है। और मरम्मत के नाम पर फाइलें धूल खा रही हैं। सिर्फ वाहन ही नहीं, फायरमैन और तकनीकी स्टाफ की कमी भी गंभीर है। बिल्डिंग परमिशन से लेकर एनओसी तक कागजों पर सब ‘सुरक्षित’ दिखता है। लेकिन जब हादसा होता है तो सिस्टम नाकाम साबित होता है। फायर स्टेशनों और दमकलों की कमी से दूरी और फेरे ज्यादा लगाने पडते हैं...अजमेर रोड भांकरोटा में आगजनी की घटना हो जाए तो मानसरोवर या बिंदायका से दमकलों को बुलाया जाता है...जिसके लिए दमकलकर्मियों को 10 से 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती हैं...इसी तरह आगरा रोड पर आगजनी की घटना होने पर बस्सी या घाटगेट फायर स्टेशन से दमकलों को बुलाना पडता हैं...जब तक आग विकराल रूप ले लेती हैं... वॉक थ्रू—दीपक गोयल, जी मीडिया जयपुर ग्राफिक्स के जरिए जानिए फायर शाखा निगम हैरिटेज-ग्रेटर में फायर स्टेशनों की संख्या-12 छोटी-बडी दमकलों की संख्या-60 सीएफओ-1 एफओ-3 एएफओ-8 फायरमैन-474 ड्राइवर-174 ये बड़ी कमियां... वर्तमान में 12 फायर स्टेशन, कुछ के प्रस्ताव कागजों में जयपुर शहर और नगर निगम का दायरा तेजी से फैल रहा है...जयपुर में 12 फायर स्टेशन है. जो शहर के लिए काफी नहीं हैं। नगर निगम की फायर समिति ने नए स्टेशनों का प्रस्ताव मंजूर किया, लेकिन यह कागजों में ही रह गया। वर्तमान में वीकेआई, झोटवाडा, बिंदायका, मानसरोवर, सीतापुरा, जगतपुरा, मालवीय नगर, बाइस गोदाम, चौगान स्टेडियम, घाटगेट, आमेर और बनीपार्क में फायर स्टेशन हैं...और मानसरोवर पत्रकार कॉलोनी, वैशाली-पृथ्वीराज नगर, आगरा रोड, भांकरोटा में प्रस्तावित है. 10 लाख की आबादी पर भी 169 पद सृजित और 50 लाख की आबादी पर भी 169 पद फायर ब्रिगेड बेड़े में विभिन्न संवर्ग के 169 पद तो तब सृजित हुए थे जब शहर की आबादी 10 लाख हुआ करती थी। बदकिस्मती यह है कि आज 50 लाख की आबादी पर भी यही पद हैं। जो अतिरिक्त भर्तियां हुई हैं, वे संविदा पर हैं। बड़े हादसों के लिए ये लोग इसलिए तैयार नहीं कि इनके लिए कोई लॉन्ग टर्म के प्रॉपर ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं। इन्हें सिर्फ 15 दिन की ट्रेनिंग मिली है। 50 लाख की आबादी वाले शहर में 72 मीटर की सिर्फ एक हाइड्रोलिक प्लेटफ़ॉर्म एरियल फायर लैडर फायर ब्रिगेड शाखा के पास 72 मीटर तक की ऊंचाई पर आग बुझाने में सक्षम है। यह सिर्फ एक गाड़ी है। जो मानसरोवर के फायर स्टेशन पर रहती है। जबकि चारदीवारी क्षेत्र के लिए 42 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने वाली हाइड्रोलिक प्लेटफ़ॉर्म एरियल फायर लैडर पिछले दो साल से खराब पड़ी हैं...इसके उलट जयपुर की संकरी गलियों में अग्निकांडों से निबटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं। फायर सूट ही नहीं, कैसे बचे लपटों से जिंदगी? आग में फंसे लोगों को निकालने के लिए सबसे अहम संसाधन फायर सूट बेड़े में होना जरूरी है, लेकिन फायर ब्रिगेड के पास यह नहीं है। ऐसे में धधकती लपटों के बीच से जिंदगी को बचाना आसान नहीं है। एल्युमिनियम और एसबेस्टस के बने इस सूट को पहनकर फायरमैन लोगों को बचा सकते हैं। वीओ-2-फायरफाइटर बताते है. की कई बार ऑफिस टाइम पर ऐसी घटनाएं हो जाती है...जब ट्रैफिक बहुत भारी होता है. गलियां तंग होती हैं, जिससे मौके पर समय से पहुंचना मुश्किल होता है...कभी-कभी तेज आग में जाना पड़ता है. लेकिन फायर सूट उपलब्ध नहीं होता तब जलन की पीड़ा सहकर भी ड्यूटी करनी पड़ती है...हालांकि जिस तरह से अग्नि दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं...उसी हिसाब से चैलेंज भी बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसके अनुसार इक्विपमेंट मौजूद नहीं हैं...इसकी प्रशासन से डिमांड की गई है... बाइट-गौतमलाल, सीएफओ, नगर निगम बहरहाल, जब हर बड़े होटल, मॉल और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी अनिवार्य है. तो शहर की ‘सेंट्रल फायर सेफ्टी’ ही इतनी पंगु क्यों?...जयपुर जैसी राजधानी में फायर विभाग इतना कमज़ोर और उपेक्षित क्यों है?...दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर
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ASAkhilesh Sharma
Oct 15, 2025 08:06:04
Dungarpur, Rajasthan:स्वच्छ भारत मिशन स्टेट कोऑर्डिनेटर के के गुप्ता ने लिखा प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र, स्वच्छता को लेकर झूठे शपथ पत्र और गलत जानकारी देने वालो के खिलाफ कार्रवाई की मांग स्वच्छ भारत मिशन स्टेट कोऑर्डिनेटर के के गुप्ता आज डूंगरपुर जिले के दौरे पर रहे | अपने दौरे के दौरान गुप्ता ने डूंगरपुर में अधिकारियों की बैठक ली वही मीडिया से रूबरू होते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलो के अधिकारियो द्वारा स्वच्छता को लेकर दिए झूठे शपथ पत्र व गलत जानकारी देने पर चिंता जताई है | वही उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में पीएम, गृह मंत्री व मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर ऐसे अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है | अपनी कार्यशैली और दूरदर्शिता के दम पर निकायों को स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग पहचान दिलाने वाले तथा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत राजस्थान सरकार द्वारा मनोनीत स्टेट कोऑर्डिनेटर के के गुप्ता ने डूंगरपुर से मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि वे स्वच्छता को लेकर प्रदेश के जिलो का दौरा करते रहते है | लेकिन काफी प्रयासों के बावजूद प्रदेश की निकाय सरकार की मंशानुरूप कार्य नहीं कर रही है | बल्कि झूठी जानकारी सरकार को दे रही है | उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिलो में कचरा यार्डो की स्थिति विस्फोटक हो चुकी है | कचरा यार्डो में आग लगाकर कचरे को समाप्त करने का कार्य बडी सफाई से किया जा रहा है जबकि इसके दुष्परिणाम बडे भयानक एवं गंभीर है। आस-पास रहने वाले लोग जानलेवा बिमारियों से ग्रसित हो रहे है व उम्र पूरी होने से पहले ही मुत्यु प्राप्त कर रहे है | वही जहरीला धूंआ आस-पास एवं दूर-दूर तक प्रदूषण फैला रहा है|  वही सरकार की ओर से लैगेसी वैस्ट , कचरा सेग्रिगेशन , बायो मिथेनेशन एवं कम्पोस्ट बनाने के नाम से दी जा रही राशि का भ्रष्टाचार किया जा रहा है | उन्होंने बताया की इस सम्बन्ध में उन्होंने प्रधानमंत्री व गृह मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है वही सरकार को झूठे शपथ पत्र व झूठी जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग रखी है |
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AKAshok Kumar sharma
Oct 15, 2025 08:05:30
Jhunjhunu, Rajasthan:एंकर- झुंझुनूं के गुड़ागौड़जी के केड गांव में भारतीय स्टेट बैंक शाखा के बाहर बैंक कर्मचारी ने तबादले के मानसिक तनाव में पेट्रोल डालकर आत्मदाह की धमकी दी। बैंक के बाहर मौजूद ग्रामीणों की सतर्कता और गुड़ागौड़जी पुलिस की त्वरित कार्रवाई से कोई हादसा नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार, पवन कुमार केड गांव स्थित SBI शाखा मे उप प्रबंधक पद पर कार्यरत था कुछ माह पहले भिवाड़ी तबादला हो गया था। आज बैंक में किसी कार्य से आए था। जहां सहकर्मियों से बहस हो गई। इस दौरान तनाव बढ़ने पर बाहर आकर पेट्रोल डाल लिया। इस दौरान ग्रामीण वहां मौजूद थे उन्होंने अनहोनी की आशंका में बैंक कर्मचारी को बातों में लगाए रखा और पुलिस को बुला लिया। सूचना पर गुड़ागौड़जी पुलिस पहुँचिे। उन्होंने पवन को शांत कर थाने ले गए और सीएचसी गुड़ागौड़जी में मेडिकल जांच कराई。
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RVRaunak Vyas
Oct 15, 2025 08:04:58
Bikaner, Rajasthan:श्रीडूंगरगढ़ से खबर जैसलमेर में हुए बस हादसे का मामला। श्रीडूंगरगढ़ में प्रशासन आज एक्टिव है। हाईवे से गुजर रही स्लीपर बसों की चेकिंग हो रही है। बीकानेर से जयपुर व दिल्ली के रूट पर बड़ी तादाद में स्लीपर बसें गुजरती हैं। पुलिस उप अधीक्षक निकेत पारीक के निर्देशन में बड़ा अभियान चलाया गया है। पुलिस प्रशासन ने हाईवे पर स्लीपर बसों के आपातकालीन दरवाजे को खोलकर भी चेक किया गया। जैसलमेर में हुए हादसे को देखते हुए सीओ निकेत पारीक ने सख्त संदेश दिया है कि किसी भी लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा और लापरवाह बस संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और बसों को सीज किया जाएगा। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर बस संचालकों में हड़कंप मच गया है।
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NSNAVEEN SHARMA
Oct 15, 2025 07:51:38
Bhiwani, Haryana:भिवानी जिले के बहल के निजी स्कूल में दो नाबालिक विद्यार्थियों पर अध्यापक ने इतनी बेरहमी से डंडे बरसाए कि डंडे के टूटकर तीन टुकड़े हो गए। परिजनों का आरोप है कि टीचर का गुस्सा यहां शांत नहीं हुआ और दोनों भाईयों पर थप्पड़ पर थप्पड़ बरसाए। सिविल हॉस्पिटल में इनका इलाज चल रहा है। जबकि पुलिस को सूचना दे दी है। घटना बहल के एक निजी स्कूल में नौंवी और दसवीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले दो चचेरे भाईयों की डंडों से बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। दोनों नाबालिग छात्रों को गंभीर हालत में जिला नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। वहीं इसकी सूचना बहल पुलिस को दी गई है। दोनों ही विद्यार्थियों के पूरे शरीर पर डंडे से पिटाई के निशान हैं। इस घटना के बाद दोनों बच्चे बुरी तरह से सहमे है वहीं परिजन भी आक्रोश से भर आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई के लिए अड़े हैं। जबकि स्कूल प्रबंधन मामले की सुलह में जुटा है。 जिला नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन 14 और 15 वर्षीय दो विद्यार्थियों व परिजनों ने बताया कि उनके बच्चे बहल कस्बा के एक निजी स्कूल में नौंवी और दसवी कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं। दसवीं कक्षा के छात्र के पिता ने बताया कि विद्यालय में तैनात अंग्रेजी व अनुशासन अध्यापक ने उसके बेटे पर जमकर डंडे बरसाए। इसके बाद उसी के नौंवी कक्षा में पढ़ने वाले चचेरे भाई को भी बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।दोनों विद्यार्थियों पर अनुशासन अध्यापक ने इतनी बेरहमी से डंडे बरसाए कि डंडे के टूटकर तीन टुकड़े हो गए। इसके बाद भी टीचर का गुस्सा शांत नहीं हुआ और दोनों भाईयों पर थप्पड़ पर थप्पड़ बरसाए। जिससे उनका मुंह भी लाल कर डाला। बच्चे जब छुट्टी के बाद घर पहुंचे तो उसकी माता ने कपड़े निकालने के बाद शरीर पर डंडे के निशान देखे तो बच्चे से पूछा। इस पर बच्चों ने परिजनों को आपबीती बताई। दोनों बच्चों को उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया गया। परिजनों व बच्चों ने बताया कि अनुशासन अध्यापक ने बेरहमी से पिटाई के बाद उनके हाथ से ही माफीनामा भी लिखवा डाला। इस दौरान विद्यालय की प्राचार्या व अन्य स्टाफ भी मौजूद था। बच्चों से यह भी लिखवाया गया कि वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। जबकि उन दोनों भाईयों पर सातवीं कक्षा के एक विद्यार्थी के साथ बदतमीजी किए जाने का आरोप लगा था। जिसके बाद ही टीचर का कहर दोनों मासूमों पर इस कदर टूटा कि मारते-मारते डंडा भी टूटकर तीन टुकड़ों में बदल गया। इसके बाद भी थप्पड़ पर थप्पड़ बरसाए गए।जिला नागरिक अस्पताल में दाखिल दोनों बच्चे टीचर की डंडे की मार की वजह से दर्द से कराह रहे हैं। दोनों बच्चे बेरहमी से की गई पिटाई को याद कर सहमे हैं। जबकि उनके परिजनों का आरोप है कि स्कूल का टीचर और प्राचार्य अपनी गलती भी नहीं मान रहे हैं। बच्चों की भूल की इतनी बड़ी सजा देने का उनको क्या अधिकार है। वहीं विद्यालय प्रबंधन के संज्ञान में जब ये मामला लाया गया तो वे बच्चों के परिजनों से सुलह के प्रयासों में जुट गए हैं。 सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर अरविंद ने बताया कि दोनों बच्चों को डंडों से पीटा गया है। उनका ईलाज चल रहा है।
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ATAnuj Tomar
Oct 15, 2025 07:51:09
Noida, Uttar Pradesh:सांसद प्रवीन खंडेलवाल का वक्तव्य\nमैं दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने दिवाली उत्सव के दौरान प्रमाणित ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति हेतु सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर एक सराहनीय, सक्रिय एवं संतुलित कदम उठाया है। उनका यह निर्णय हमारे त्यौहारों से जुड़े सांस्कृतिक भावों और पर्यावरण की सुरक्षा, दोनों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को दर्शाता है।\n\nअब जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 18 से 21 अक्टूबर तक दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति प्रदान की है, यह हम सभी दिल्लीवासियों की जिम्मेदारी है कि हम इस दिवाली को जिम्मेदारी और अनुशासन के साथ मनाएँ। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे शहर का आकाश उल्लास और रोशनी से चमके, न कि प्रदूषण और लापरवाही से धुँधला हो।\n\nमैं दिल्ली के प्रत्येक नागरिक से अपील करता हूँ कि वे सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पूर्ण पालन करें — केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही जलाएँ, निर्धारित समय और स्थानों का पालन करें, और संयम एवं सावधानी बरतें। यह हमारे लिए एक अवसर है यह दिखाने का कि हम अपनी परंपराओं का उत्सव प्रकृति के साथ तालमेल और जिम्मेदारी के साथ मना सकते हैं।\n\nयह दिवाली केवल रोशनी और खुशियों के लिए ही नहीं, बल्कि दिल्ली की सामूहिक अनुशासन और नागरिक जिम्मेदारी की भावना के लिए भी याद की जाए। आइए, हम सब मिलकर इस पर्व को सच में “ग्रीन”, सुरक्षित और आनंदमय बनाएँ।
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