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Munger811213

बकरी फार्म पर अपराधियों की अवैध मिनीगन फैक्ट्री चलाई जा रही है

Aug 07, 2024 08:21:31
Tola Raunakabad Pahar, Bihar

मुंगेर SP सैयद इमरान मसूद को सूचना मिली कि टेटिया बंबर के बनौली गांव में सर्वेश कुमार के बकरी फार्म पर संगठित अपराधकर्मियों द्वारा अवैध मिनीगन फैक्ट्री चलाई जा रही है। जहां सूचना पर गंभीरता से SP ने खड़गपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चंदन कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया। जिसमें टेटिया बंबर, खड़गपुर, गंगटा थानाध्यक्ष व क्यूआरटी टीम शामिल थीं। छापेमारी दल ने बनौली में सर्वेश कुमार के बकरी फार्म पर पहुंचकर छापेमारी की। जिसमें पुलिस ने 5 लोगों को अवैध हथियार बनाते हुए गिरफ्तार किया।

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NJNarendra Jaiswal
Nov 26, 2025 10:38:36
Jasa, Bihar:भारतमाला एक्सप्रेसवे के लिए मुआवजे की मांग को लेकर किसान धरना दे रहे हैं. मसोई के किसान 1.5 साल के संघर्ष के बाद भभुआ समाहरणालय पहुंचे; उचित मुआवजे की मांग. कैमूर जिले के किसान, भारतमाला एक्सप्रेसवे और NH 219 परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि और फसल की क्षतिपूर्ति के उचित मुआवजे की मांग को लेकर आज समाहरणालय भभुआ के पास धरने पर बैठ गए हैं. ये किसान किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अपनी आवाज उठा रहे हैं. मोर्चा में शामिल प्रोफेसर कमला सिंह ने बताया कि सैकड़ों किसान भाई अपनी मांगों के समर्थन में पिछले डेढ़ वर्षों से जिले के मसोई में धरना दे रहे थे, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की खड़ी फसल पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर उसे रौंद दिया गया, लेकिन किसानों को उसका उचित मुआवजा आज तक नहीं मिला है. प्रोफेसर सिंह ने स्पष्ट किया, 'आज भी हमारे किसान भाई वाजिब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. जिन किसानों को मुआवजा मिला भी है, वह बाजार मूल्य के अनुसार उचित नहीं है.' उन्होंने कहा कि वे सभी समाहरणालय भभुआ के पास इसलिए आए हैं ताकि खेतों में रौंदी गई खड़ी फसल की क्षतिपूर्ति की मांग जिला प्रशासन से की जा सके. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज देश में संविधान का अंगीकार दिवस है और वे चाहते हैं कि उनके साथ न्याय हो और खेतों की फसलों का उचित मूल्य उन्हें मिले. प्रोफेसर कमला सिंह ने जोर देते हुए कहा, 'हम देश के विकास के साथ हैं. हम विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन जो गरीब किसान की भूमि ली गई है, उसका वाजिब और बाजार दर के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए.' किसान संघर्ष मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वे आमरण अनशन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे. किसानों के इस प्रदर्शन से जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है. अब देखना यह है कि प्रशासन किसानों के आंदोलन पर क्या रुख अपनाता है और उन्हें कब तक न्याय मिल पाता है.
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MKMANTUN KUMAR ROY
Nov 26, 2025 10:38:18
Bihar:समस्तीपुर में महिलाओं के स्तन दूध में यूरेनियम मिलने की चर्चा के बीच सिविल सर्जन बोले—मां का दूध सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं। समस्तीपुर जिले में स्वास्थ्य महकमा में एक विषय गम्भीर चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि महाबीर कैंसर संस्थान पटना और एम्स दिल्ली की संयुक्त रूप से बिहार के पांच जिलों में 48 महिलाओं के स्तन दूध की जाँच की है। जिसमें समस्तीपुर का भी नाम है जहां के छह महिलाओं का सैंपल लिया गया है। हालाँकि इस सम्बन्ध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाया है कि जिले के किस क्षेत्र की महिलाओं में स्तन दूध की जाँच हुई है। इस सम्बन्ध में समस्तीपुर के सिविल सर्जन एसके चौधरी का बताना है कि इस सम्बन्ध में तीन दिन पहले मुझे अखबारों के माध्यम से जानकारी मिली थी कि महाबीर कैंसर संस्थान और दिल्ली के डॉक्टरों की टीम ने 48 महिलाओं का मिल्क सैंम्पल टेस्ट किया था जिसमें समस्तीपुर का भी नाम है। आज से चार साल पहले गंगा नदी के किनारे बसे गाँव में आर्सेनिक पाया गया था जिसमें एक जिला समस्तीपुर भी था; अब एक नई बात सामने आई है कि यूरेनियम महिलाओं के दूध में मिला है, पर यह रहता नहीं है। यह एक रेडियोधर्मी तत्व है; अच्छी बात यह है कि बिहार में जो रेडियोधर्मी तत्व पाए गए हैं उसकी मात्रा काफी नगण्य में है। इसके लिए जिले में सभी प्रखंड अस्पताल केंद्रों पर एक गाइडलाइन भेजने का प्रयास करेंगे कि महिलाएं अपने बच्चों को स्तन पान कराएं क्योंकि सेफ लिमिट में यूरेनियम मिलने की बात हुई है। इसके लिए सावधानी बरतनी जरूरी नहीं है क्योंकि मां का दूध अमृत होता है इसलिए मां अपने बच्चों को दूध पिला सकती है। लेकिन सिविल सर्जन ने जांच होने की पुष्टि नहीं करते हुए कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं आया है इसकी जांच के लिए कि यह कहां तक सच्चाई है। यह किसी निजी एजेंसी के द्वारा कराया गया है जिसमें जिला का नाम दिया गया है लेकिन किस क्षेत्र में महिलाओं से सैंपल लिया गया है इसकी जानकारी अब तक नहीं है। अब तक यह नहीं बताया गया है कि मां के दूध में यूरेनियम की मात्रा अधिकतम कितनी होती है but 30% से ज्यादा होना खतरनाक माना जाता है और यह पीने के पानी के माध्यम से इसकी मात्रा बढ़ती है।
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PCPranay Chakraborty
Nov 26, 2025 10:37:01
Noida, Uttar Pradesh:मुंबई आतंकी हमले में ताज होटल को आतंकियों ने घंटों तक बंधक बनाए रखा था। इसी दौरान अलवर जिले के मुंडिया खेड़ा गांव के NSG कमांडो सुनील जोधा ने अपनी जान जोखिम में डालकर करीब 40 लोगों की जिंदगी बचाई। मुठभेड़ के दौरान उन पर 30 से ज्यादा गोलियां चलाई गईं, जिनमें आठ गोलियां लगीं। सात गोलियां निकाली जा चुकी हैं, लेकिन एक गोली आज भी उनके सीने में दफन है, जिसे निकालना संभव नहीं है। सुनील जोधा बताते हैं कि ताज होटल के दूसरे फ्लोर पर ऑपरेशन के दौरान अचानक अंधेरा छा गया। एक कमरे का दरवाजा खोला तो आतंकी सामने थे—मुठभेड़ शुरू हुई, कमरे में आग लग गई और धुआं भर गया। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने लड़ाई जारी रखी। जब आतंकवादी उनके पास पहुंचे, तो उन्होंने सांस रोककर खुद को मृत जैसा दिखाया, तब जाकर उनकी जान बची। राजपूत बटालियन में सिपाही के रूप में भर्ती हुए सुनील बाद में NSG कमांडो बने। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें गैलेन्ट्री अवॉर्ड और ग्लोबल पीस अवॉर्ड शामिल हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग उदयपुर में है。 मंगलवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित आर्मी मेले में शामिल होने पहुंचे कमांडो सुनील जोधा ने यह अनुभव साझा करते हुए कहा—"सीने में फंसी यह गोली मुझे हर दिन ताज हमले की याद दिलाती है।"
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NCNITIN CHAWRE
Nov 26, 2025 10:35:35
Katni, Madhya Pradesh:अवैध संबंध के चलते पति ने पत्नी के आशिक के प्राइवेट पार्ट पर चाकू से किया हमला. एंकर कटनी के रंगनाथ थाना क्षेत्र में अवैध संबंध के चलते एक पति ने अपनी पत्नी के आशिक पर सब्जी काटनी वाले चाकू से आशिक के गुप्तांग पर वार कर दिया जिससे आशिक युवक घायल हो गया. वी ओ 1 रंगनाथ थाना प्रभारी अरुण पाल सिंह ने बताया कि ऋतिक गोटिया की पत्नी का अवैध संबंध शैलेन्द्र गोटिया से चल रहा था जिसके चलते ऋतिक ने कई बार अपनी पत्नी और शैलेन्द्र गोटिया को समझाया था कि वो उसकी पत्नी से ना तो बात करे और ना ही उससे मिला करे..जिसके बावजूद उसकी पत्नी अपने आशिक शैलेन्द्र गोटिया से बात करती ओर मिलती रही...जिस से नाराज होकर पति ऋतिक गोटिया ने सब्जी काटने वाले चाकू से शैलेन्द्र के प्राइवेट पार्ट पर हमला कर दिया..जिसके बाद शैलेन्द्र बुरी तरह घायल हो गया..जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है वही आरोपी ऋतिक गोटिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर के न्यायलय में पेश किया है. बाइट अरुणपाल पाल सिंह रंगनाथ थाना प्रभारी
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AKAshok Kumar sharma
Nov 26, 2025 10:35:20
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ADAbhijeet Dave
Nov 26, 2025 10:35:06
Ajmer, Rajasthan:अजमेर विधानसभा अजमेर सिटी अभिजीत दवे एंकर - अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. प्रमोद पारीक के पास एक 70 वर्षीय पुरुष मरीज सीने में दर्द की शिकायत लेकर आया। इसके बाद डॉ. प्रमोद ने एंजियोग्राफी के जरिए उनकी जांच की और पाया कि उनकी तीनों धमनियां ब्लॉक हो गई हैं, जिससे एंजियोप्लास्टी असंभव हो गई है। इसलिए बाईपास सर्जरी का सुझाव दिया गया। अस्पताल के सीटीवीएस विभाग के डॉ. प्रशांत कोठारी ने मरीज की जांच की और परीक्षण करने के बाद बुधवार, 19 नवंबर को उसे बाईपास सर्जरी के लिए ले गए। मरीज की बाईपास सर्जरी बहुत कठिन थी, क्योंकि उसके दिल की धड़कन की क्षमता 30 से 35% थी। एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. खरे के मार्गदर्शन में डॉ. पूजा माथुर, डॉ. कुलदीप और डॉ. कुशांक के नेतृत्व में मरीज को सफलतापूर्वक एनेस्थीसिया दिया गया और आईसीयू में उत्कृष्ट पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल दी गई, जिसके कारण मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और डिस्चार्ज के लिए तैयार है। डॉ. प्रशांत कोठारी, डॉ. तेज करण सैनी, डॉ. प्रेम मीणा, सीटीवीएस विभाग से डॉ. नितिका मीणा, परफ्यूजनिस्ट अभिषेक मिश्रा और आईसीयू व ओटी के सभी स्टाफ ने सर्जरी में अतुलनीय योगदान दिया। मरीज की बाईपास सर्जरी मुख्यमंत्रीआरोग्य योजना के तहत पूरी तरह निःशुल्क की गई। निजी अस्पताल में इसी सर्जरी की लागत 1.5 से 2 लाख रुपये तक होती है।
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AKAshok Kumar sharma
Nov 26, 2025 10:33:47
Jhunjhunu, Rajasthan:झुंझुनूं के बांसियाल में मिला प्राचीन सभ्यता का खजाना – चार हजार साल पुराने प्रमाण फिर आए सामने झुंझुनूं जिले का छोटा-सा गांव बांसियाल इन दिनों इतिहास प्रेमियों और पुरातत्व विशेषज्ञों का केंद्र बना हुआ है। यहाँ चल रहे नवीनतम उत्खनन में ऐसे अवशेष सामने आए हैं, जो बताते हैं कि यह क्षेत्र करीब चार हजार वर्ष पुरानी सभ्यता की बस्ती रहा होगा। लगातार चार वर्षों से जारी सर्वेक्षण और खुदाई ने इस गांव को राजस्थान के महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों की सूची में शामिल कर दिया है। नवीनतम खुदाई में शोधकर्ताओं को प्राचीन घरों के प्लेटफॉर्म, ईंटों से बनी दीवारें, जल निकासी के लिए बनी संरचनाएं और मिट्टी से बने बर्तनों के अवशेष मिले हैं। इन खोजों से यह स्पष्ट दिखाई देता है कि यहां रहने वाले लोग एक सुनियोजित जीवन पद्धति अपनाते थे। मिट्टी के चूल्हे, स्टोरेज पिट और अन्य घरेलू वस्तुएं इस बात का संकेत देती हैं कि यह क्षेत्र विकसित सामाजिक और घरेलू व्यवस्था का केंद्र रहा होगा। पुरातत्वविदों के अनुसार, यहां मिली संरचनाओं का स्वरूप और निर्माण शैली सिंधु–सरस्वती सभ्यता से मिलते-जुलते हैं। खास बात यह है कि इस बार पहली बार स्पष्ट आवासीय ढांचे के प्रमाण सामने आए हैं, जिनमें एक मकान के बाहर बना चूल्हा और उससे जुड़े निर्माण अवशेष शामिल हैं। यह खोज बांसियाला क्षेत्र में प्राचीन मानव बसावट की पुष्टि करने वाली महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है। टीम के विशेषज्ञों का कहना है कि उत्खनन अभी प्रारम्भिक चरण में है और आने वाले सप्ताहों में और भी महत्वपूर्ण खोजें हो सकती हैं। अब तक मिले साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि इस क्षेत्र में हजारों वर्ष पहले एक संगठित और समृद्ध सामाजिक व्यवस्था मौजूद थी। यह नवीन खोजें झुंझुनूं जिले को न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध बनाती हैं, बल्कि राजस्थान के प्राचीन अतीत को समझने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं。
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MKMukesh Kumar
Nov 26, 2025 10:33:31
Jehanabad, Bihar:संविधान दिवस के मौके पर जहानाबाद में केंद्रीय श्रमिक संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मजदूरों और किसानों ने एक संयुक्त प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह प्रदर्शन शहर के अम्बेडकर चौक से निकलकर मुख्य मार्ग होते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अरवल मोड़ पहुंची जहां सभा में तब्दील हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि 44 पुराने मजदूर कानूनों को समाप्त कर केंद्र सरकार ने मजदूरों के अधिकारों को कमजोर कर दिया है। नई चार लेबर कोड मजदूरों की सुरक्षा, वेतन संरचना, यूनियन अधिकार और कार्य–परिस्थितियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने कहा कि 13 महीनों तक किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन करते रहे और अंततः तीनों किसान विरोधी कानून वापस कराए गए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने MSP को लेकर कई वादे किए, राष्ट्रपति तक ने कानूनों की वापसी पर हस्ताक्षर किए, लेकिन अब सरकार उन्हीं नीतियों को दोबारा लागू करने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार वादाखिलाफी कर रही है और किसानों की उपेक्षा लगातार बढ़ रही है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर करने की कोशिश पहले भी हुई थी, जिसके खिलाफ देशभर में आंदोलन खड़ा हुआ। आज भी वही स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिस कारण किसान और मजदूर संयुक्त रूप से संघर्ष के लिए बाध्य हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताएँ रद्द की जाए और किसानों से किए गए MSP और अन्य वादों को तुरंत लागू किया जाए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांगों को अनसुना किया गया तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा और इसका असर पूरे देश के किसान और मजदूर समुदाय के साथ-साथ आम अवाम पर भी पड़ेगा।
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ACAshish Chauhan
Nov 26, 2025 10:32:41
Jaipur, Rajasthan:जल जीवन मिशन में क्वालिटी के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है. जांच में घटिया ट्यूबवेल और टंकी निर्माण की पोल खुलने के बावजूद री-स्ट्रक्चर की बजाय रिकवरी कर जलदाय विभाग के इंजीनियर्स फर्मों को बचा रहे है. टैंडर नियम-शर्तों के खिलाफ जाकर ड्राइंग डिजाइन बदलकर सरकार को चूना लगाया. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ रिकवरी की जा रही है...आखिरकार PHED में कैसे मिलीभगत का पूरा खेल चल रहा है,देखे इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में! घटिया स्ट्रक्चर पर रिकवरी क्यों? जल जीवन मिशन में जनता तक पानी पहुंचाने वाले करोड़ों के प्रोजेक्ट में गुणवत्ता के साथ सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है.जांच रिपोर्ट में घटिया क्वालिटी के निर्माण की मुहर भी लगी,लेकिन इसके बावजूद फर्म को टंकी और ट्यूबवेल के री-स्ट्रक्चर के आदेश की बजाय रिकवरी कर जिम्मेदारों को बचाया जा रहा है.मैसर्स जगदीश प्रसाद अग्रवाल फर्म के उदयपुर रीजन में करोड़ों के प्रोजेक्ट्स में गडबड़ी मिली.तत्कालीन जेजेएम एमडी और चीफ इंजीनियर संदीप शर्मा की जांच रिपोर्ट में घटिया टंकी और ट्यूबवेल का खुलासा हुआ,लेकिन डेढ़ साल में जगदीश प्रसाद अग्रवाल फर्म के खिलाफ सिर्फ रिकवरी की कार्रवाई की जा रही.ना तो घटिया स्ट्रक्चर को तोड़कर नया स्ट्रक्चर बनाने के आदेश हुए और ही ना नियमों के तहत फर्म पर ब्लैक लिस्टेड और दिबार की कार्रवाई हुई. ट्यूबवेल में घटिया पाइप लगाए- PHED की क्वालिटी कंट्रोल विंग ने बांसवाड़ा में मैसर्स जगदीश प्रसाद अग्रवाल द्वारा बनाए गए ट्यूबवेल की जांच की गई.शर्तों के तहत MS केसिंग पाइप 5.4 MM के होने चाहिए थे,लेकिन जांच में केसिंग पाइपों की मोटाई इससे कम पाई गई.पूरे मामले में जेपी फर्म के खिलाफ 9.55 लाख रुपए की वसूली और जुर्माना लगाया गया है.लेकिन सवाल ये है कि पेनल्टी और रिकवरी से ठीक होती तो अच्छी गुणवत्ता के कार्य क्यों करवाए जा रहे है?यदि ट्यूबवेल का बेस ही खराब है तो बोरिंग कभी भी फेल हो सकता है.लेकिन जिम्मेदारों ने फर्म के री-स्ट्रिक्चर के आदेश की बजाय अफसर फर्म पर पैनल्टी और रिकवरी लगा रहे है.भविष्य में घटिया क्वालिटी का बोरिंग खराब होता है तो जिम्मेदारी किसकी होगी? ड्राइंग डिजाइन बदली,सरकार को चूना- अधीक्षक अभियंता प्रवीण आकोदिया की अध्यक्षता में बांसवाड़ा के चिरोला-फला-ओजरिया गांव में 150 KL की टंकी की जांच की.जिसमें पाया गया कि मैसर्स जगदीश प्रसाद अग्रवाल ने टेंडर नियम शर्तों को तोड़ते हुए टंकीयों का निर्माण करवाया.शर्तों के मुताबिक PHED की OHSR (टंकी) विभाग के स्टैंडर्ड के अनुसार कार्य किया जाना था.जबकि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के अफसरों ने अपने स्तर पर ही डिजाइन अनुमोदित कर दी.विभाग द्धारा 100 KL टंकी के डिजाइन में कम से कम 10 क्विंटल लोहा लगता है.जबकि संवेदक और अफसरों ने बाहर से ड्राइंग डिजाइन करवाई,जिसमें करीब 6-7 क्विंटल लोहा लगा.यानि हर टंकी पर सरकार को करीब 3-5 लाख का नुकसान हुआ.जानकारों का कहना है कि 66 टंकी का निर्माण हुआ था.इस हिसाब से विभाग को करोड़ों चपत लगी. पुडल कॉलर गायब,पाइप के लीकेज का खतरा- टंकीयों के पाइप के सपोर्ट के लिए पुडल कॉलर लगाया जाता है,ताकि पाइप गिरे ना.लेकिन जगदीश प्रसाद अग्रवाल के निर्माण कार्य में पुडल कॉलर गायब था.विभाग ने पूरे मामले में 11.12 लाख की रिकवरी हुई,लेकिन पूरे मामले में 44.49 लाख की रिकवरी बाकी है.सवाल ये है कि रिकवरी से कैसे पाइपों का बचाव हो जाएगा.यदि भविष्य में पाइप गिरते है तो रिकवरी से कैसे हादसे रुक पाएंगे? 1500 करोड़ के काम,ED के छापे पड़े- जानकारों का कहना है कि जल जीवन मिशन में करीब 1500 करोड़ के काम जगदीश प्रसाद अग्रवाल को मिला था.इसी घोटाले में जगदीश प्रसाद के ठिकानों पर ED ने जयपुर और बांसवाड़ा में छापेमारी की थी.जिसमें ED की जांच जारी है. जिम्मेदार चीफ इंजीनियर्स ने पल्ला झाड़ा- जब पूरे मामले की पड़ताल के बाद जी मीडिया की टीम क्वालिटी कंट्रोल चीफ इंजीनियर RK मीणा के दफ्तर पहुँची तो उन्होंने पूरी तरह से पल्ला झाड़ दिया.उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं है.इन पर जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर कार्रवाई करेंगे? जब हमने चीफ इंजीनियर JJ M Ajay Singh Rathod से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला आया है.पूरे केस में जो भी नियमों के तहत होगा, कार्रवाई की जाएगी.सवाल ये है क्या गुणवत्ता के नाम पर जलदाय विभाग रिकवरी करके खानापूर्ति करेगा? PTC-Ashish Chauhan, G Magazine, Jaipur नोट-इस खबर की फीड OFC से JPR_JJM_R स्लग से भेजी गई है।
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ACAshish Chauhan
Nov 26, 2025 10:32:01
Jaipur, Rajasthan:जल जीवन मिशन में क्वालिटी के साथ खुला खिलवाड़,री-स्ट्रक्चर की बजाय रिकवरी कर रहे जिम्मेदार अफसर जल जीवन मिशन में जनता तक पानी पहुंचाने वाले करोडों के प्रोजेक्ट में गुणवत्ता के साथ सीधा खिलवाड किया जा रहा है.जांच रिपोर्ट में घटिया क्वालिटी के निर्माण की मुहर भी लगी,लेकिन इसके बावजूद फर्म को टंकी और ट्यूबवेल के री-स्ट्रक्चर के आदेश की बजाय रिकवरी कर जिम्मेदारों को बचाया जा रहा है.मैसर्स जगदीश प्रसाद अग्रवाल फर्म के उदयपुर रीजन में करोडों के प्रोजेक्ट्स में गडबडी मिली.तत्कालीन जेजेएम एमडी और चीफ इंजीनियर संदीप शर्मा की जांच रिपोर्ट में घटिया टंकी और ट्यूबवेल का खुलासा हुआ,लेकिन डेढ साल में जगदीश प्रसाद अग्रवाल फर्म के खिलाफ सिर्फ रिकवरी की कार्रवाई की जा रही.ना तो घटिया स्ट्रक्चर को तोडकर नया स्ट्रक्चर बनाने के आदेश हुए और ही ना नियमों के तहत फर्म पर ब्लैक लिस्टेड और डिबार की कार्रवाई हुई.ट्यूबवेल में घटिया पाइप लगाए-PHED की क्वालिटी कंट्रोल विंग ने बांसवाडा में मैसर्स जगदीश प्रसाद अग्रवाल द्धारा बनाए गए ट्यूवबेल की जांच की गई.शर्तों के तहत MS केसिंग पाइप 5.4 MM के होने चाहिए थे,लेकिन जांच में केसिंग पाइपों की मोटाई इससे कम पाई गई.पूरे मामले में जेपी फर्म के खिलाफ 9.55 लाख रूपए की वसूली और जुर्माना लगाया गया है.लेकिन सवाल ये है कि पेनल्टी और रिकवरी से ठीक होती तो अच्छी गुणवत्ता के कार्य क्यों करवाए जा रहे है?यदि ट्यूबवेल का बेस ही खराब है तो बोरिंग कभी भी फेल हो सकता है.लेकिन जिम्मेदारों ने फर्म के री-स्ट्रिक्चर के आदेश की बजाय अफसर फर्म पर पैनल्टी और रिकवरी लगा रहे है.भविष्य में घटिया क्वालिटी का बोरिंग खराब होता है तो जिम्मेदारी किसकी होगी? ड्ढ्राइंग डिजाइन बदली,सरकार को चूना-आधीक्षक अभियंता प्रवीण आकोदिया की अध्यक्षता में बांसवाडा के चिरोला-फला-ओजरिया गांव में 150 KL की टंकी की जांच की.जिसमें पाया गया कि मैसर्स जगदीश प्रसाद अग्रवाल ने टैंडर नियम शर्तों को तोडते हुए टंकीयों का निर्माण करवाया.शर्तों के मुताबिक PHED की OHSR(टंकी) विभाग के स्टैंडर्ड के अनुसार कार्य किया जाना था.जबकि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के अफसरों ने अपने स्तर पर ही डिजाइन अनुमोदित कर दी.विभाग द्धारा 100 KL टंकी के डिजाइन में कम से कम 10 क्विंटल लोहा लगता है.जबकि संवेदक और अफसरों ने बाहर से ड्राइंग डिज़ाइन करवाई,जिसमें करीब 6-7 क्विंटल लोहा लगा.यानि हर टंकी पर सरकार को करीब 3-5 लाख का नुकसान हुआ.जानकारों का कहना है कि 66 टंकियों का निर्माण हुआ था.इस हिसाब से विभाग को करोड़ों चपत लगी.पुडल कॉलर गायब,पाइप के लीकेज का खतरा-टंकियों के पाइप के सपोर्ट के लिए पुडल कॉलर लगाया जाता है,ताकि पाइप गिरे ना.लेकिन जगदीश प्रसाद अग्रवाल के निर्माण कार्य में पुडल कॉलर गायब था.विभाग ने पूरे मामले में 11.12 लाख की रिकवरी हुई,लेकिन पूरे मामले में 44.49 लाख की रिकवरी बाकी है.सवाल ये है कि रिकवरी से कैसे पाइपों का बचाव हो जाएगा.यदि भविष्य में पाइप गिरते है तो रिकवरी से कैसे हादसे रूक पाएंगे?1500 करोड के काम,ईडी के छापे पडे-जानकारों का कहना है कि जल जीवन मिशन में करीब 1500 करोड के काम जगदीश प्रसाद अग्रवाल को मिला था.इसी घोटाले में जगदीश प्रसाद के ठिकानों पर ईडी ने जयपुर और बांसवाड़ा में छापेमारी की थी.जिसमें ईडी की जांच जारी है.जिम्मेदार चीफ इंजीनियर्स ने पल्ला झाड़ा-जब पूरे मामले की पड़ताल के बाद जब जी मीडिया की टीम क्वालिटी कंट्रोल चीफ इंजीनियर आरके मीणा के दफ्तर पहुंची तो उन्होंने पूरी तरह से पल्ला झाड़ दिया.उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं है.इन पर जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर कार्रवाई करेंगे? जब हमने चीफ इंजीनियर जेजेएम अजय सिंह राठौड़ से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला आया है.पूरे केस में जो भी नियमों के तहत होगा,कार्रवाई की जाएगी.सवाल ये है क्या गुणवत्ता के नाम पर जलदाय विभाग रिकवरी करके खानापूर्ति करता रहेगा?
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