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गोंडाः सड़क पटरी पर अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रशासन ने दी चेतावनी, न हटाने की दशा में लगेगा जुर्माना

Dec 09, 2024 12:55:20
Paraspur, Uttar Pradesh

चेयरमैन वासुदेव सिंह ने कहा कि परसपुर नगर पंचायत में एसडीएम करनैलगंज के निर्देश पर सड़क पटरियों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है। दो दिन के भीतर सड़क पटरी के अतिक्रमण सामान हटाने की अपील की गई है। अवैध अतिक्रमण न हटाने की दशा में प्रशासन नेें जुर्माना शुल्क वसूल करने की चेतावनी दी है।

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Dec 26, 2025 09:40:16
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Dec 26, 2025 09:38:05
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NJNeetu Jha
Dec 26, 2025 09:37:26
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NJNeetu Jha
Dec 26, 2025 09:37:05
New Delhi, Delhi:दिल्ली के रघुवीर नगर में अवैध मस्जिद: किसानों से ली जमीन पर बना ढांचा सड़क पर बीचों बीच बनी हुई है मस्जिद ये ख्याला गांव की जमीन है जो किसानों से ली गई और जहां आज मस्जिद है वहां अवैध मस्जिद बना दी गई अवॉर्ड नंबर 1199, हाई कोर्ट ने माना कि ये स्लम की जमीन है और यहां अवैध तरीके से मस्जिद बनाई गई है Dusib के जमीन पर मस्जिद बनाई गई लेकिन अब dusib और MCD एक दूसरे को एक्शन लेने के लिए कह रही है 2 साल तक ये लड़ाई लड़ी गई है, किसान से ये जमीन दिल्ली सरकार के पास आई फिर ये प्रॉपर्टी स्लम को दी गई फिर ये जानकारी मिली कि ये प्लान तरीके से बनाया मोहल्ला था. 2 नवंबर 1961 को ये जमीन ख्याला के किसानों से लेकर मोहल्ला बनाने के लिए दी गई थी अभी हाई कोर्ट मान चुका है कि वहां कोई मस्जिद नहीं है लेकिन विभागों ने एक्शन नहीं लिया इसलिए दोबारा कोर्ट जाएंगे ये अवैध तरीके से बनी मस्जिद काफी बड़ी है यहां मदरसा भी है जहां देश भर से बच्चे पढ़ने आते है और अब शिक्षा के नाम पर इस अहले इस्लाम जामा मस्जिद को दिखाया जा रहा है वक्फ की 99 परसेंट ऐसी जमीन है जो कब्जा करके ली गई है. दिल्ली में कम से कम 500 अवैध मस्जिद के कब्जे के मामले है
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AMAbhishek Mathur
Dec 26, 2025 09:36:46
Hapur, Uttar Pradesh:बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में शुक्रवार को हापुड़ जिले में राष्ट्रीय सैनिक संस्था के पदाधिकारियों ने अपने बालों का मुंडन कराकर अपना विरोध जताया. कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में देश की राष्ट्रपति को या तो बांग्लादेश से हिन्दुओं को सुरक्षित वापस निकालकर लाना चाहिए, या फिर उनकी सुरक्षा की गारंटी लेनी चाहिए. राष्ट्रीय सैनिक संस्था के जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वर त्यागी ने कहा कि बांग्लादेश के विरोध में आज अनोखा प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया गया है. यहां संस्था के आठ पदाधिकारियों ने अपने बालों का मुंडन कराया है. जिनमें एक मुस्लिम व्यक्ति भी शामिल है, जो संस्था का ही सदस्य है. ज्ञानेश्वर त्यागी ने कहा कि मुंडन कराने का उद्देश्य यही है कि शोक मनाना. क्योंकि जिस तरह से बांग्लादेश में हिन्दू भाईयों पर अत्याचार किये जा रहे हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं, यह बर्दाश्त के बाहर है. इसी के संबंध में एक ज्ञापन देश की राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को दिया गया है. ज्ञापन में मांग की है कि या तो बांग्लादेश से हिन्दुओं को वापस लाया जाए, या फिर उनकी सुरक्षा की गारंटी ली जाए.
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HUHITESH UPADHYAY
Dec 26, 2025 09:35:27
Pratapgarh, Rajasthan:प्रतापगढ़ में जिला कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया लगातार विवादों के केंद्र में हैं। कभी सभापति पति पर पत्र, कभी सभापति से टकराव, फिर विधायक प्रतिनिधि, पार्षद और भाजपा नेताओं पर कार्रवाई और अब सीधे उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत से आमना-सामना। खास बात यह है कि पहले सांसद रावत ने कलेक्टर के खिलाफ मुख्य सचिव को पत्र लिखा, जिसके बाद कलेक्टर ने उसी पत्र का कड़ा जवाब भेजा। पूरे विवाद पर सांसद का यह कहना कि कुछ बोलूंगा तो विवाद खड़ा हो जाएगा, इस टकराव को और रहस्यमय बना देता है। इस बीच शिकर मामले में गोविंद सिंह डोटासरा का नौकरशाही हावी है वाला बयान भी सियासी बहस को हवा दे रहा है। प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया का कार्यकाल बीते कुछ महीनों से लगातार विवादों में रहा है। खास बात यह है कि सामने आए लगभग हर बड़े विवाद में भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधि या नेता किसी न किसी रूप में शामिल रहे हैं। यही कारण है कि जिले में यह चर्चा आम हो गई है कि प्रतापगढ़ प्रशासन और भाजपा नेताओं के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है। इस सिलसिले की शुरुआत नगर परिषद सभापति रामकन्या गुर्जर के पति प्रह्लाद गुर्जर से जुड़े मामले से हुई। सोशल मीडिया पर टिप्पणियों और प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर कलेक्टर ने एसपी को पत्र लिखा कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद खुद सभापति रामकन्या गुर्जर खुलकर सामने आईं और कलेक्टर पर विकास कार्य रोकने, भ्रष्टाचार और अनावश्यक दखल के गंभीर आरोप लगाए। मामला यहीं नहीं थमा। इसके बाद राजस्व मंत्री व स्थानीय विधायक हेमंत मीणा के विधायक प्रतिनिधि और पूर्व पार्षद रितेश सोमानी पर फर्जी पहचान, अवैध दबाव और भू-माफिया गतिविधियों जैसे आरोपों को लेकर कलेक्टर ने पुलिस को पत्र लिखा। सोमानी ने पलटवार करते हुए इसे राजनीतिक विद्वेष बताया और कहा कि कलेक्टर भाजपा को बदनाम करने की भूमिका में काम कर रही हैं। इसके बाद भाजपा के अन्य पार्षदों और नेताओं को लेकर भी पत्राचार और कार्रवाई की चर्चाएं सामने आती रहीं। 69-ए पट्टा प्रकरण, एम्पावर्ड कमेटी का रजिस्टर चोरी और अवैध भूमि आवंटन जैसे मामलों ने इस विवाद को और बड़ा बना दिया। कलेक्टर द्वारा एसीएस गृह को लिखे गए पत्र में भू-माफिया नेटवर्क और फर्जी पहचान के उल्लेख के बाद भाजपा खेमे में नाराजगी खुलकर सामने आई। भाजपा जिलाध्यक्ष तक ने इस तरह के पत्राचार को अनुचित बताते हुए आपत्ति जताई। इस पूरी कड़ी में सबसे अहम मोड़ तब आया, जब उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने जिला कलेक्टर के खिलाफ मुख्य सचिव को पत्र लिखा। सांसद ने डीएमएफटी फंड, विकास कार्यों और प्रशासनिक प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए। इसके बाद कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने उसी पत्र का विस्तृत जवाब मुख्य सचिव को भेजते हुए सांसद के आरोपों को तथ्यविहीन बताया और पत्राचार की भाषा, मर्यादा और महिला अधिकारी की गरिमा का मुद्दा उठाया। इस पूरे मामले पर जब सांसद मन्नालाल रावत से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने साफ कहा मैं इस पर कुछ बोलूंगा तो विवाद खड़ा हो जाएगा। उनका यह बयान यह संकेत देता है कि मामला सिर्फ प्रशासनिक नहीं रहा, बल्कि गहरे राजनीतिक तनाव में बदल चुका है। इन घटनाओं के बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का शिकर से जुड़ा हुआ यह बयान कि राज्य में नौकरशाही हावी है, प्रतापगढ़ की स्थिति से जुड़ता हुआ नजर आता है। सवाल उठ रहा है कि क्या जिले में प्रशासन अपनी कानूनी जिम्मेदारी निभा रहा है, या फिर राजनीतिक संतुलन बिगड़ने से टकराव लगातार बढ़ रहा है। इसी बीच सरकार के दो अहम मंत्रियों की एंट्री ने इस टकराव को और वजनदार बना दिया है। राजस्व मंत्री व स्थानीय विधायक हेमंत मीणा ने राजनीति और प्रशासन में सामंजस्य की बात कहते हुए मामले को सरकार के स्तर पर सुलझाने का भरोसा दिलाया है, वहीं नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दो टूक कहा है कि नौकरशाही को जनता और जनप्रतिनिधियों पर हावी नहीं होने दिया जाएगा। इन बयानों के बाद यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या प्रतापगढ़ में कलेक्टर भाजपा नेताओं के घेरे में हैं, या फिर यह नौकरशाही बनाम जनप्रतिनिधि की खुली जंग बन चुकी है? ओर मामला यह नहीं थमा जिले में कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रहे विवादों से जुड़ी लगातार खबरों के सामने आने के बाद जिला कलेक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया द्वारा मीडिया से संबंधित एक नया आदेश भी जारी किया गया था आदेश के अनुसार जिला प्रशासन से जुड़े किसी भी समाचार, टिप्पणी या तथ्य को प्रकाशित करने से पहले आधिकारिक पुष्टि आवश्यक होगी। हालांकि आदेश जारी होने के बाद जिला कलेक्टर ने इस विषय पर चुप्पी साध ली है। मीडिया द्वारा संपर्क किए जाने पर कलेक्टर ने किसी भी प्रकार का वर्जन देने से इनकार कर दिया, जिससे इस आदेश को लेकर सवाल और बहस तेज हो गई है। स्पष्ट है कि प्रतापगढ़ में कलेक्टर और भाजपा नेताओं के बीच यह संघर्ष अब केवल विकास कार्यों या पत्राचार तक सीमित नहीं रह गया है। यह लड़ाई प्रशासन बनाम जनप्रतिनिधि और नौकरशाही बनाम राजनीति की शक्ल ले चुकी है—जिसके असर आने वाले समय में जिले की सियासत और प्रशासन दोनों पर साफ दिखाई दे सकते हैं।
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