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हाइटेंशन बिजली तारों से दुर्लभ पक्षी मौत: जैसलमेर में दो महीनों में 16 मौत
SDShankar Dan
Dec 20, 2025 10:35:15
Jaisalmer, Rajasthan
कोर्ट के आदेशों के बावजूद तारों को नहीं कर रहे हैं अंडरग्राउंड
हाइटेंशन लाइन के करंट से टूट रही दुर्लभपक्षियों की सांसें, दो माह में 16 की मौत
लाठी, जैसलमेर
रेगिस्तान का स्वच्छंद आसमान अब पक्षियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा। राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण सहित कई दुर्लभप्रजातियां अब धरती पर कम और बिजली के तारों पर ज्यादा दम तोड़ रही हैं। हाइटेंशन बिजली के तार पक्षियों की मौत के सबब बन रहे हैं। पिछले दो माह में बिजली के तारों से टकराने से 16 दुर्लभ पक्षियों की मौतें हो चुकी हैं। लेकिन बिजली तारों से हो रहे हादसों की रोकथाम को लेकर सरकार व प्रशासन गंभीर नहीं है। इस वजह से हादसे थम नहीं रहे हैं。
पर्यावरण प्रेमी पार्थ जगाणी के अनुसार देगराय ओरण में पिछले दो माह 15 से अधिक प्रवासी पक्षी कुरजां, टोनी ईगल, स्टेपी ईगल, बाज व गिद्ध हाइटेंशन लाइनों की चपेट में आने से काल का ग्राम बन चुके हैं।
वन्यजीव प्रेमी धर्मेंद्र पु़निया ने बताया कि वन्यजीव बाहुल्य लाठी, देगराय ओरण प्रवासी व पक्षियों के विचरण के लिए पसंदीदा जगह है। यहां हजारों पक्षी विचरण करते हैं। लेकिन ओरण के अंदर से निकल रही हाईटेंशनलाइनें पक्षियों की जान ले रही हैं। मरने वाले पक्षियों में कई विलुप्त व दुर्लभ प्रजाति के पक्षी शामिल है। गुरुवार को भी लोहारकी गाँव के पास में बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से दुर्लभ प्रजाति का पक्षी तिलोर की दर्दनाक मौत हो गई है।
-राज्य पक्षी गोडावण के अस्तित्व पर संकट फिर भी गंभीर नहीं
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड लंबे पैर और लंबी गर्दन वाले लंबे पक्षी हैं। ये 4 फीट तक लंबे होते है। इनका अधिकतम वजन 15 किलोग्राम तक होता है। गोडावण वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 के शेड्यूल 1 के तहत संरक्षित पक्षी है।इसके अलावा 2020 में जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर हुए कन्वेंशन में भी गोडावण को अति दुर्लभतम पक्षी माना गया था। दुनिया में सिर्फ राजस्थान में ही ये पक्षी पाए जाते हैं और जंगलों में इनकी संख्या 100 से भी कम है। भारतीय वन्यजीव संस्थान सहित कई वैज्ञानिक गोडावण को लुप्त होने से बचाने में लगे हैं। लेकिन उनके घर के स्वछंद आसमान की तारबंदी हाइटेंशन पावर लाइनों से की जा रही है。
रिपोर्ट में चौंकाने वाले
आंकड़े, साल में 83 हजार पक्षियों की मौत
हाइटेंशन पावर लाइनो से अन्य पक्षी और जानवरों को भी खतरा बना रहता है। भारतीय वन्य जीव संस्थान ने 2020 में अपनी रिपोर्ट में पावर लाइनों के कारण पक्षियों के मरने पर चौंकाने वाले आंकड़े दिए थे। जिसके अनुसार जैसलमेर जिले में डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आसपास के क्षेत्र में हाइटेंशन पावर लाइनों से टकराकर साल में 83 हजार 868 पक्षी मर जाते हैं। प्रत्येक एक हजार वर्ग किलोमीटर में 20 हजार पक्षी बिजली के तारों में उलझ कर दम तोड़ते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 33 केवी से कम की लाइन में प्रति किलोमीटर 3.22 और इससे ज्यादा की पावर लाइन के कारण प्रति किलोमीटर 6.25 पक्षी मरते हैं।
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GDGAJANAN DESHMUKH
FollowDec 20, 2025 12:01:360
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