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दिवाली के दौरान उल्लू तस्करों के खिलाफ वन विभाग की गश्त बढ़ी
MMMohammad Muzammil
Oct 17, 2025 05:37:40
Dehradun, Uttarakhand
रिपोर्ट एंकर दिवाली के मोके पर बेहद खूबसूरत पक्षी और लक्ष्मी जी के वाहन कहे जाने वाले उल्लू की जान खतरे की जद में है, वन विभाग ने अलर्ट जारी कर जंगलो में गस्त बढ़ा दी है। देखिये ये ख़ास रिपोर्ट। Opening PTC 41 second 49 सेकंड वाली विडिओ वीओ दिवाली में लोग बेशक लक्ष्मी जी की पूजा करते हो लेकिन इन दिनों लक्ष्मी जी के वाहन उल्लू पर शामत आयी हुई है... जी हाँ दिवाली के मोके पर तंत्र - मंत्र के लिए उल्लू की मांग बेहद बढ जाती है... यही वज़ह है कि इन दिनों जंगल से जुड़े इलाकों और संरक्षित क्षेत्रों में उल्लू की तस्करी उफान पर होती है। ऐसे मे जहाँ दिवाली के त्यौहार को लेकर चारों ओर धूम मची है, सभी लोग अपने अपने तरीके से लक्ष्मी जी को खुश करने के लिए तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इन सबसे अलग उत्तराखंड का वन विभाग इन दिनों दिवाली को लेकर ही एक खास तैयारी में जुटा है। दरअसल लक्ष्मी जी की पूजा करने वाले कुछ भक्त अंधविश्वास के चक्र में इनके वाहन उल्लू की जान के दुश्मन बन जाते हैं। तंत्र मंत्र में दिवाली के दौरान चौकड़ी पूजा, यंत्र पूजा, तंत्र पूजा, काला जादू जैसी प्रक्रियाओं में उल्लू के अंगों का उपयोग किया जाता है। लिहाजा संरक्षित प्रजाति में शुमार पक्षी उल्लू की तस्करी चरम पर होती है, यही वजह है कि इस समय उल्लू को हासिल करने के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करने के लिए तैयार हो जाते हैं। बाइट कमलेश शास्त्री (जानकार पंडित) वीओ दिवाली के दौरान तांत्रिक तंत्र - मंत्र में उल्लू के उपयोग का बड़ा महत्त्व बताते हैं, तांत्रिक लोगों को अंधविश्वास में उलझाकर यकीन दिलाते हैं कि अगर धन लक्ष्मी की प्राप्ति करनी है, तो तंत्र विद्याओं में उल्लू की चोंच, पंख, पंजे जैसे अंगों का प्रयोग करना होगा। लिहाजा इन दिनों उल्लू की मांग बेहद बढ़ जाती है, परिणाम वन्यजीव तस्कर के निशाने पर वन आरक्षित क्षेत्र रहते हैं; जिसके कारण पिछले कुछ समय में इन जंगलों में उल्लू की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है। वन विभाग भी इस कड़वे सच को जनता है, लिहाजा अब विभाग ने शिकरियों से उल्लू पर खतरे के चलते जंगलों में गश्त बढ़ा दी है। रात के समय घने जंगलों में गश्त करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन अगर शिकारी से निपटना है तो अलर्ट रहना होगा। वन विभाग का दावा है कि अगर कोई शख्स आरक्षित वन क्षेत्र में शिकार जैसी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ वन्य जीव अधिनियम 1972 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। Walk through with rang officer Pankaj Dhyani on Ground Zero
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