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सीतापुरः सिधौली प्रीमियर लीग का भाजपा विधायक मनीष रावत ने किया उद्घाटन

Feb 02, 2025 15:56:16
Sidhauli, Uttar Pradesh

सिधौली के गाँधी डिग्री कालेज मैदान में खेले जा रहे क्रिकेट टूर्नामेंट सिधौली प्रीमियर लीग का उद्घाटन भाजपा विधायक मनीष रावत ने फीता काटकर किया। उद्घाटन मैच ब्रदर्स इलेवन दरियापुर और नैमिष इलेवन की टीम के बीच खेला गया। इस दौरान विधायक मनीष रावत ने कहा कि खेल का आयोजन होने से न सिर्फ आपसी भाई चारा बढ़ता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास भी होता है। उन्होंने आयोजन समिति का भी हौसला बढ़ाते हुए ऐसे आयोजन भविष्य में करते रहने की बात कही। उद्घाटन के दौरान कोतवाली प्रभारी बलवंत शाही ने गेंद फेंकी और विधायक मनीष रावत ने बल्लेबाजी की। 

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MKMANTUN KUMAR ROY
Oct 22, 2025 03:20:06
Bihar:रोसरा सीट पर भाजपा की पकड़ रहेगा बरकरार या महागठबंधन दरार के बाद भी करेगा वापसी? पासवान वोटरों पर टिकी दोनों की नजर । रोसरा सीट सुरक्षित सीट है जो एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दशकों तक यह सीट वामपंथी (सीपीआई) और सीपीआई विचारधारा का गढ़ रही, लेकिन पिछले एक दशक में यहां भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत रखी है ।2020 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के वीरेंद्र पासवान ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के नागेंद्र कुमार पासवान विकल को 35744 वोटों के अंतर से हराया था. 35,744 वोटों का यह विशाल अंतर रोसरा की चुनावी राजनीति में भाजपा की ताकत को दर्शाता है. वीरेंद्र पासवान ने न केवल जीत दर्ज की, बल्कि 47.93 प्रतिशत वोट शेयर के साथ यह साबित किया कि इस सुरक्षित सीट पर मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा उनके समर्थन में मजबूती से एकजूट हुआ. कांग्रेस, महागठबंधन का हिस्सा होते हुए भी केवल 28.27 प्रतिशत वोटों पर सिमट गई, जबकि एलजेपी के कृष्ण राज ने भी 22,995 वोट (12.64 प्रतिशत) काटकर मुकाबले को और जटिल बना दिया था ।रोसरा का चुनावी इतिहास बेहद दिलचस्प और उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 1977 से लेकर अब तक इस सीट पर भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) दोनों ने चार-चार बार जीत दर्ज की है, जो यहां की जनता के वैचारिक ध्रुवीकरण को दर्शाता है. यह आंकड़ा बताता है कि रोसरा कभी वामपंथ का गढ़ रहा लेकिन अब पूरी तरह से दक्षिणपंथी विचारधारा के प्रभाव में है. 2020 में भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र पासवान ने यहां से जीत हासिल की थी. इससे पहले 2015 में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अशोक कुमार ने इस सीट को अपने नाम किया. 2010 में भाजपा उम्मीदवार मंजू हजारी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 2015 के परिणाम पर अगर गौर करें तो कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार ने 85,506 वोट पाकर 34,361 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. यह जीत 2020 के परिणाम के ठीक विपरीत थी, जो दिखाता है कि रोसरा का मतदाता किसी एक पार्टी के प्रति स्थायी रूप से वफादार नहीं है ।इससे पहले 2010 में, भाजपा की मंजू हजारी ने 12,119 वोटों के करीबी अंतर से जीत दर्ज की थी, जो इस क्षेत्र में भाजपा के उदय का शुरुआती संकेत था.रोसरा एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है, इसका अर्थ है कि यहां दलित समुदायों, विशेष रूप से पासवान और रविदास जैसे समुदायों की राजनीति निर्णायक भूमिका निभाती है. 2020 में दोनों प्रमुख उम्मीदवारों का पासवान समुदाय से होना, इस समुदाय के राजनीतिक महत्व को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है. यह सीट दलित अस्मिता, आरक्षण और स्थानीय विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहती है. यहां की राजनीति में महागठबंधन (राजद-कांग्रेस) का पारंपरिक दलित-अल्पसंख्यक आधार है, जिसे भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के जरिए इस सीट पर अपनी पकड़ बनाया है । यह सीट एक ऐसा राजनीतिक अखाड़ा है, जहां वामपंथ ने अपनी जड़ें खोई हैं और भाजपा ने उन्हें मजबूती से पकड़ लिया है. कांग्रेस और राजद के महागठबंधन के लिए इस चुनाव में रोसरा में वापसी एक बड़ी चुनौती होगी. यहां पहले से ही गठबंधन में दरार पड़ गया है पहले कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तमिलनाड़ू के पूर्व डीजीपी बीके रवि को बनाया उसके बाद महागठबंधन के घटक दल सीपीआई ने अपने प्रत्याशी लक्ष्मण पासवान को मैदान में उतारा लेकिन सीपीआई उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया ।जिसके बाद जी मीडिया से बातचीत करते हुए सीपीआई जिला सचिव सुरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ने बिना नाम लिए कहा कि साजिश के तहत नामांकन रद्द हुआ है ।जिसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा ।ऐसे में एक बड़ा वोट बैंक सीपीआइ के पास है जिससे गठबन्धन को सहमती बनानी होगी तभी भाजपा की मजबूत पकड़ को तोड़ पाएगी साथ ही बल्कि दलित वोटों के बिखराव को भी रोकना होगा. रोसरा की राजनीति का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या महागठबंधन दलित मतदाताओं के बीच अपनी विश्वसनीयता दोबारा स्थापित कर पाता है ।इस संबंध में कांग्रेस के उम्मीदवार बीके रवि का बताना है कि रोसरा विधानसभा में कई विकास के काम अभी भी अधूरे हैं। जल जमाव की समस्या है, शहर में जाम की समस्या है ,पलायन की समस्या है ,रोसरा कभी व्यापार क्षेत्र के लिए जाना जाता था वहां से व्यापार नहीं हो पा रहा है ,ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पता है जिस कारण मूलभूत समस्याओं से लोग अभी भी जूझ रहे हैं ।इस बार परिवर्तन तय है । वीरेंद्र पासवान फिर दूसरी बार मैदान में भाजपा के नेतृत्व में अपनी प्रचंड जीत की गति को बनाए रखना चाहेगी ।बीरेंद्र पासवान ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा यह रोसड़ा सीट इस बार भी बीजेपी के खाते में जाएगी ।यहां जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास का काम किया है ।वो गांव गांव में नाम ले रहा है इसलिए जनता ने विकास को वोट करने का मन बना लिया है ।
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MKMANTUN KUMAR ROY
Oct 22, 2025 03:19:24
Bihar:समस्तीपुर जिले के रोसरा विधानसभा सीट सुरक्षित सीट है जो एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दशकों तक यह सीट वामपंथी (सीपीआई) और सीपीआई विचारधारा का गढ़ रही, लेकिन पिछले एक दशक में यहां भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत रखी है। 2020 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के वीरेंद्र पासवान ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के नागेंद्र कुमार पासवान विकल को 35744 वोटों के अंतर से हराया था. 35,744 वोटों का यह विशाल अंतर रोसरा की चुनावी राजनीति में भाजपा की ताकत को दर्शाता है. वीरेंद्र पासवान ने न केवल जीत दर्ज की, बल्कि 47.93 प्रतिशत वोट शेयर के साथ यह साबित किया कि इस सुरक्षित सीट पर मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा उनके समर्थन में मजबूती से एकजुट हुआ. कांग्रेस, महागठबंधन का हिस्सा होते हुए भी केवल 28.27 प्रतिशत वोटों पर सिमट गई, जबकि एलजेपी के कृष्ण राज ने भी 22,995 वोट (12.64 प्रतिशत) काटकर मुकाबले को और जटिल बना दिया था। रोसरा का चुनावी इतिहास बेहद दिलचस्प और उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 1977 से لیک अब तक इस सीट पर भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) दोनों ने चार-चार बार जीत दर्ज की है, जो यहां की जनता के वैचारिक ध्रुवीकरण को दर्शाता है. यह आंकड़ा बताता है कि रोसरा कभी वामपंथ का गढ़ रहा लेकिन अब पूरी तरह से दक्षिणपंथी विचारधारा के प्रभाव में है. 2020 में भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र पासवान ने यहां से जीत हासिल की थी. इससे पहले 2015 में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अशोक कुमार ने इस सीट को अपने नाम किया. 2010 में भाजपा उम्मीदवार मंजू हजारी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 2015 के परिणाम पर अगर गौर करें तो कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार ने 85,506 वोट पाकर 34,361 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. यह जीत 2020 के परिणाम के ठीक विपरीत थी, जो दिखाता है कि रोसरा के मतदाता किसी एक पार्टी के प्रति स्थायी रूप से वफादार नहीं है। इसके पहले 2010 में, भाजपा की मंजू हजारी ने 12,119 वोटों के करीबी अंतर से जीत दर्ज की थी, जो इस क्षेत्र में भाजपा के उदय का शुरुआती संकेत था. रोसरा एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है, इसका अर्थ है कि यहां दलित समुदायों, विशेष रूप से पासवान और रविदास जैसे समुदायों की राजनीति निर्णायक भूमिका निभाती है. 2020 में दोनों प्रमुख उम्मीदवारों का पासवान समुदाय से होना, इस समुदाय के राजनीतिक महत्व को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है. यह सीट दलित अस्मिता, आरक्षण और स्थानीय विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहती है. यहां की राजनीति में महागठबंधन (राजद-कांग्रेस) का पारंपरिक दलित-अल्पसंख्यक आधार है, जिसे भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के जरिए इस सीट पर अपनी पकड़ बनाया है. यह सीट एक ऐसा राजनीतिक अखाड़ा है, जहां वामपंथ ने अपनी जड़ें खोई हैं और भाजपा ने उन्हें मजबूती से पकड़ लिया है. कांग्रेस और राजद के महागठबंधन के लिए इस चुनाव में रोसरा में वापसी एक बड़ी चुनौती होगी. यहां पहले से ही गठबंधन में दरार पड़ गया है पहले कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तमिलनाड़ू के पूर्व डीजीपी बीके रवि को बनाया उसके बाद महागठबंधन के घटक दल सीपीआई ने अपने प्रत्याशी लक्ष्मण पासवान को मैदान में उतारा लेकिन सीपीआई उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया। जिसके बाद जी मीडिया से बातचीत करते हुए सीपीआई जिला सचिव सुरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ने बिना नाम लिए कहा कि साजिश के तहत नामांकन रद्द हुआ है। जिसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। ऐसे में एक बड़ा वोट बैंक सीपीआइ के पास है जिससे गठबन्धन को सहमती बनानी होगी तभी भाजपा की मजबूत पकड़ को तोड़ पाएगी साथ ही बल्कि दलित वोटों के बिखराव को भी रोकना होगा. रोसरा की राजनीति का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या महागठबंधन दलित मतदाताओं के बीच अपनी विश्वसनीयता दोबारा स्थापित कर पाता है. इस संबंध में कांग्रेस के उम्मीदवार बीके रवि का बताना है कि रोसरा विधानसभा में कई विकास के काम अभी भी अधूरे हैं। जल जमाव की समस्या है, शहर में जाम की समस्या है ,पलायन की समस्या है ,रोसरा कभी व्यापार क्षेत्र के लिए जाना जाता था वहां से व्यापार नहीं हो पा रहा है ,ट्रेनों का ठहराव नहीं हो हो pata है जिस कारण मूलभूत समस्याओं से लोग अभी भी जूझ रहे हैं। इस बार परिवर्तन तय है। वीरेंद्र पासवान फिर दूसरी बार मैदान में भाजपा के नेतृत्व में अपनी प्रचंड जीत की गति को बनाए रखना चाहेगी। बीरेंद्र पासवान ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा यह रोसड़ा सीट इस बार भी बीजेपी के खाते में जाएगी। यहाँ जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास का काम किया है वो गांव गांव में नाम ले रहा है इसलिए जनता ने विकास को वोट करने का मन बना लिया है.
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PPPoonam Purohit
Oct 22, 2025 03:17:59
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NANasim Ahmad
Oct 22, 2025 03:17:45
Delhi, Delhi:दिल्ली की हवा अब भी जहरीली राजधानी की जनता को बुधवार सुबह भी प्रदूषण से राहत नहीं मिली। सुबह 7 बजे बुराड़ी में AQI 350 दर्ज किया गया, जबकि जहांगीरपुरी आईटीआई डीपीसीसी पैनल के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 365 रहा। यह स्तर “बेहद खराब” श्रेणी में आता है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, गले में जलन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दीपावली के बाद वायु प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली के हालात सुधार में नही आ रहे हालांकि इस बार का जो प्रदूषण लेवल वह पिछले वर्ष के मुकाबले बहुत कम है लेकिन अब भी मौजूद समय मे दिल्ली में प्रदूषण लेवल वह दिल्ली वासियो को बीमार करने के लिए काफी है।
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PKPramod Kumar Gour
Oct 22, 2025 03:17:13
Kushinagar, Uttar Pradesh:ब्रेकिंग कुशीनगर, ढाई वर्ष की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म रिलेशन में आए फूफा ने अपने ही मासूम भतीजी के साथ दुष्कर्म की घटना को दिया अंजाम खेतों की तरफ से वापस घर पहुंची मां तो घर में खून से लथपथ मिली मासूम घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फूफा हुआ फरार कुशीनगर जिले के खड्डा थाना क्षेत्र के एक गांव का पूरा मामला। मासूम बच्ची के साथ रिश्तेदार ने दुष्कर्म किया। जानकारी के अनुसार, मासूम की मां खेतों की ओर गई हुई थी और जब वह घर लौटी तो नजारा देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, मासूम खून से लथपथ हालत में पड़ी थी। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। परिजन तत्काल मासूम को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फूफा मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
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RMRam Mehta
Oct 22, 2025 03:16:54
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RVRaunak Vyas
Oct 22, 2025 03:16:42
Bikaner, Rajasthan:दीपावली पर हुई आतिशबाज़ी के बाद बीकानेर की हवा हुई जहरीली AQI 214 के पार. प्रदूषण बढ़ने से अस्थमा और श्वास रोगियों की संख्या में तेज़ बढ़ोतरी. पीबीएम अस्पताल में मरीजों की बढ़ती भीड़ से बढ़ी चिंता. डॉक्टर ने लोगों से सावधानी बरतने और मास्क पहनने की दी सलाह. दीपावली की चमक अब बीकानेर की हवा में धुंध और प्रदूषण की परत छोड़ गई है. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 214 के पार पहुंच गया है, जो गंभीर श्रेणी में गिना जाता है. आतिशबाज़ी के बाद बीकानेर की आबो-हवा पूरी तरह बदली है — आसमान में धुआं और धूल का घना आवरण छाया हुआ है, जिससे सांस लेना तक मुश्किल हो गया है. इस बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर अस्थमा और श्वास संबंधी रोगियों पर देखा जा रहा है. अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है. बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के श्वास रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि दीपावली के बाद पिछले कुछ दिनों में अस्थमा और अन्य श्वास रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है. डॉ. सोनी ने कहा कि यह हालात बुजुर्गों, बच्चों और पहले से अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सुबह और रात के समय खुले में ज्यादा देर तक न रहें, मास्क का प्रयोग करें, घर के अंदर वेंटिलेशन बनाए रखें और प्रदूषण से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पिएं. त्योहार की खुशियों के बीच बीकानेर की हवा में फैला यह ज़हर स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता जा रहा है — और विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर सावधानी नहीं बरती गई, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.
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RSRavikant Sahu
Oct 22, 2025 03:16:21
Simdega, Jharkhand:सिमडेगा : शहरी क्षेत्र के अपर बाजार में मंगलवार की रात लगभग भीषण आग लगने की घटना से अफरा-तफरी मच गई। आग शहरी क्षेत्र निवासी राम प्रताप शर्मा के दुकान में लगी। जिसमें लगभग 12 से 15 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। घटना के बाद आसपास के लोगों में दहशत फैल गई और देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुट गए। लोगां ने बताया कि सूचना मिलने लगभग आधा घन्टा बाद अग्निशमन विभाग की एक गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन आग इतनी भयावह थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से घंटों मशक्कत के बाद आग पर आंशिक रूप से नियंत्रण पाया जा sका। तब तक दुकान का सारा सामान जलकर राख हो चुका था। बगल के सोनू ड्रेसेज दुकान को भी नुकसान उठाना पड़ा। घटना के बाद स्थानीय लोगों में रोष देखा गया। लोगों ने कहा कि जिला मुख्यालय बनने के बावजूद सिमडेगा में अग्निशमन विभाग के पास पर्याप्त और आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था नहीं है।
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MTMD. TARIQ
Oct 22, 2025 03:16:05
Pilibhit, Uttar Pradesh:2210ZUP_PLB_HADSA_R एंकर-पीलीभीत के थाना जहानाबाद क्षेत्र में हरिद्वार नेशनल हाईवे पर तीर्थ यात्रियों से भरी एक निजी बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई, जिसमें एक 20 वर्षीय युवती दुर्गा की मौत हो गई जबकि लगभग 20 लोग घायल हो गए। बस में 55 से 60 तीर्थ यात्री थे यह बस बरेली से तीर्थ यात्रियों को लेकर गई थी और नानकमत्ता होकर बरेली जा रही थी तभी पीलीभीत में हादसा हुआ है। हादसा थाना जहानाबाद क्षेत्र के हरिद्वार नेशनल हाईवे पर बिसेन गांव के पास हुआ है। हादके के बाद चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों व पुलिस की मदद से सभी घायलों को सीएचसी जहानाबाद ले जाया गया। जिसमें सात लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। हादसा होने के बाद हाईवे पर काफी देर जाम की स्थिति बन गई और सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। हादसे का कारण साफ नहीं हो पाया है।
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ASAJEET SINGH
Oct 22, 2025 03:03:39
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Diwali 2025
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