Bilaspur, Chhattisgarh:बिलासपुर। प्रदेश में जगह जगह हो रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर जनहित याचिका में हुई सुनवाई में शासन ने शपथपत्र पेश कर कहा कि कोलाहल नियंत्रण एक्ट के प्रावधानों में अब वर्तमान कानून के अनुसार बदलाव करने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 18 जून को निर्धारित की है, इस दिन नये प्रावधानों के अनुसार इस दिशा में हुई प्रगति की जानकारी देनी होगी ।
डीजे और साउंड बॉक्स के शोर से आम लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर जनहित याचिका पर समर वेकेशन से पूर्व सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ता की ओर से ध्वनि प्रदूषण नियम को अल्ट्रावायरस घोषित करने की मांग की गई। सरकार की ओर से इस पर कहा गया कि मामले में लगातार कार्रवाई हो रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोलाहल अधिनियम में इतने
कड़े प्रावधान है ही नहीं। एक या दो बार 500 से 1000 रुपए पेनाल्टी लगाकर छोड़ दिया जाता है, ना सामान की जब्ती होती है और ना ही कोई कड़े नियम बनाए गए है। कोर्ट ने मामले में सरकार को कार्रवाई और जारी दिशा निर्देशों के संबन्ध में जवाब प्रस्तुत करने निर्देशित किया था ।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पी एन भारत ने राज्य शासन की ओर से एक शपथपत्र पेश किया। इस्मने बताया गया कि, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में जिस प्रकार जुर्माने और सजा का प्रावधान हैं, वह वर्तमान परिस्थितियों में काफी नहीं है। इस एक्ट को आज अपडेट करने उसमें कुछ संशोधन करने की जरूरत है। डिवीजन बेंच को बताया गया कि , शासन की जो कमेटी बनाई गई थी, उसने वर्तमान कानूनों के मुताबिक बदलाव की जरूरत बताई है । विधानसभा में इसका प्रस्ताव पेश कर उसे कानून का रूप देने का प्रयास किया जाएगा। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि, शासन जो भी प्रयास करे इसमें समय लगेगा । कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित कर, शासन से इस बारे में हुई प्रगति की जानकारी मांगी है।मालूम हो कि इससे पहले कोर्ट ने भी डीजे के साथ लेजर और बीम लाइट से होने वाली परेशानियों पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने कहा कि डीजे से हार्ट को और लेजर लाइट से लोगों की आंखों को खतरा है। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार को प्रयास करने चाहिए। वहीं, दो हस्तक्षेप आवेदनॉन में आपात नंबर 112 पर सूचना दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दी गई। महाधिवक्ता ने इसे लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। सरकार की ओर से कहा गया कि डीजे और अन्य वाहन माउंटेड साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है, उल्लंघन पर जुर्माना लग रहा है।