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Gonda271003

Gonda: खोरहंसा में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बावजूद बैंक कर रहे हैं काम में रोक

Dec 20, 2024 06:02:57
Gonda, Uttar Pradesh

गोंडा के खोरहंसा में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद बैंक और संबंधित विभाग आधार कार्ड के बिना ग्राहकों का काम नहीं कर रहे हैं। आधार कार्ड का आम लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, जिसके कारण बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और जवान लोग आधार कार्यालय खुलने से पहले ही लाइन में लग जाते हैं ताकि उनका आधार कार्ड बन सके।  

शहर के अम्बेडकर चौराहे पर स्थित आधार कार्ड केंद्र पर इस समय लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है।

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RSRAKESH SINGH
Nov 01, 2025 13:46:43
Chapra, Bihar:बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राजद और तेजस्वी यादव लोगों को मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए एनडीए के पांच पांडव को आशीर्वाद दें। आज मांझी के सन्यासी बाजार एवं मांझी नगर पंचायत के साथ हजारों के संख्या में लोगों ने गाजे बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया। भाजपा नेता और लोजपा के नेता भरत मांझी द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने जनता से अपील की कि गठबंधन के प्रत्याशी रणधीर सिंह को 6 नवंबर को एक-एक वोट देकर विधानसभा भेजने का आप सभी लोग काम करें। पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बिहार के युवाओं को प्रत्येक घर नौकरी देने की बात को झूठा करार दिया।
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BDBabulal Dhayal
Nov 01, 2025 13:45:53
Jaipur, Rajasthan:पीटीसी ओएफसी है मंत्री गौतम कुमारदक की बाइट इस फाइल के साथ अटैच है सहकार सदस्यता अभियान’ से राज्य में मजबूत हुआ सहकारिता का नेटवर्क 7.34 लाख के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 8.90 लाख से अधिक नए सदस्य बनाये गए 1,706 ग्राम पंचायतों में पैक्स गठन के लिए सर्वे की कार्यवाही पूर्ण 1,342 सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण के लिए हुआ भूमि का चिन्हीकरण ‘सहकार सदस्यता अभियान’ से राज्य में सहकार आंदोलन को नई ऊंचाइयां देने की दिशा में अहम कड़ी साबित हुआ है सहकारिता विभाग ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 7 लाख 34 हजार नये सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, इसके मुकाबले महकमे ने 8.90 लाख नये सदस्य बनाने में कामयाबी हासिल की है यह तय लक्ष्य की तुलना में लगभग 21.25 फीसदी अधिक है। बाइट गौतम दक सहकारिता मंत्री दो अक्टूबर से ‘सहकार सदस्यता अभियान’ की भजनलाल सरकार ने शुरूआत राज्य में सहकार आंदोलन को नई ऊंचाइयां देने की दिशा में अहम कड़ी साबित हुआ है। ‘सहकार सदस्यता अभियान’ की इस साल दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर शुरूआत हुई थी, पहले अभियान की मियाद 15 अक्टूबर तक निर्धारित की गई थी, पर मेंबरशिप ड्राइव में उम्मीद से कहीं ज्यादा सफलता ने सरकार को अभियान की अवधि बढ़ाने पर मजबूर किया, इसे 22 अक्टूबर तक बढ़ाया गया। इस दौरान लगभग 8,500 पैक्स के स्तर पर शिविरों का आयोजन किया गया। अभियांन के अंतर्गत जयपुर संभाग में 1.25 लाख नये सदस्य बनाये जाने का लक्ष्य था, जिसकी तुलना में 2.03 लाख सदस्य बनाये गए। उदयपुर संभाग में 1.01 लाख सदस्यों के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 1.30 लाख नये सदस्य बनाये गए। अजमेर संभाग में 1.15 लाख सदस्य के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले 1.22 लाख नये सदस्य बनाये गए। बीकानेर संभाग में 99 हजार के लक्ष्य की तुलना में 1.19 लाख सदस्य बनाये गए। कोटा संभाग में 53 हजार के लक्ष्य की तुलना में लगभग 68 हजार एवं भरतपुर संभाग में 74 हजार के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 95 हजार नये सदस्य बनाये गए। जोधपुर संभाग में 1.53 लाख नये सदस्य बनाये गए। अभियांन अवधि के दौरान पैक्सविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन पैक्स गठन की कार्यवाही के तहत 1,706 ग्राम पंचायतों में सर्वे की कार्यवाही पूर्ण की गई। इस दौरान 1,296 पैक्स के लिए जिला स्तरीय कमेटी की बैठक आयोजित की गई। 1275 पैक्स के गठन के लिए प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए। भूमिविहीन या अपर्याप्त भूमि वाली 1,342 सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण हेतु भूमि का चिन्हीकरण किया गया तथा 1,215 सहकारी समितियों द्वारा भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया गया। ‘सहकार सदस्यता अभियान’ के अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लम्बित आवेदनों में से 38 हजार 850 कृषकों की आधार सीडिंग व 27 हजार 640 कृषकों की ई-केवाईसी का कार्य भी पूर्ण किया गया। साथ ही, इस दौरान 11 लाख से अधिक लोगों को प्रस्तावित नवीन सहकारी कानून के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी प्रदान गई। बाइट गौतम दक सहकारिता मंत्री भजनला सरकार ‘सहकार सदस्यता अभियान’ के जरिये बड़ी संख्या में युवाओं एवं महिलाओं के सहकारी समितियों से जुड़ने से राज्य में जमीनी स्तर पर सहकारिता का नेटवर्क और अधिक मजबूत हुआ है, इसका सीधा लाभ किसानों और ग्रामीणों को मिल सकेगा। भूमिविहीन समितियों को भूमि आवंटन होने से इन समितियों में गोदाम के निर्माण की राह प्रशस्त होगी, जिससे राज्य की भण्डारण क्षमता में बढ़ोतरी होगी। प्रस्तावित नवीन को-ऑपरेटिव कोड के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी आमजन के लिए उपयोगी साबित होगी।
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PPPREMANANDA PUJARI
Nov 01, 2025 13:45:23
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JPJai Pal
Nov 01, 2025 13:45:08
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Nov 01, 2025 13:41:13
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Nov 01, 2025 13:34:39
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RKRampravesh Kumar
Nov 01, 2025 13:33:40
Noida, Uttar Pradesh:वर्ष 2005 से पहले के वो दिन आप सबको याद होंगे, जब राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरायी हुई थीं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई काम नहीं होता था। छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों को मजबूरी में राज्य के बाहर जाना पड़ता था। उस वक्त डॉक्टर और नर्सों की संख्या बहुत कम थी। स्वास्थ्य केन्द्र लगभग बंद ही रहते थे। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर सिर्फ एक से दो कमरों के जर्जर भवन होते थे। उन अस्पतालों में न डॉक्टर होते थे, न नर्स और न ही इलाज की कोई व्यवस्था होती थी। अस्पतालों में दवा की उपलब्धता नगण्य थी। जर्जर अस्पताल भवनों में लोग जानवर बांध देते थे। अस्पताल के बेड पर मरीज की जगह कुत्ते लेटे हुए पाये जाते थे, तब ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलती थी। स्वास्थ्य-व्यवस्था की स्थिति बहुत भयावह थी। उस दौर की बदहाल व्यवस्था में बिहार का पूरा हेल्थ सिस्टम आईसीयू में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा था। मुझे याद है- जब मैं सांसद था तो एक बार मेरी मां की तबीयत खराब हो गई थी और तब मैं अपनी मां को लेकर पटना के पीएमसीएच स्थित आईजीआईसी आया था, लेकिन वहां की व्यवस्था बहुत खराब थी। बाद में जब हमलोगों की सरकार बनी तो सबसे पहले हमलोगों ने वहां की व्यवस्था को दुरुस्त करवाया और आज भी मुझे कहीं कोई कमी दिखाई पड़ती है तो उसे मैं ठीक करवाता हूं। उस वक्त स्वास्थ्य विभाग का कुल बजट मात्र 705 करोड़ रुपये था। सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे, पैथोलोजी आदि जांच की सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती थीं। राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या मात्र 6 थी, वे भी 1990 के पूर्व ही बने थे और जर्जर हालत में थे। 1990 से 2005 के बीच राज्य में एक भी नया चिकित्सा महाविद्यालय नहीं बनाया गया था। यही कारण था कि वर्ष 2005 में और उससे पूर्व राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए औसतन प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानि प्रतिदिन एक से दो ही मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच पाते थे। 24 नवंबर 2005 को राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद हमलोगों ने प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए काम करना शुरू किया। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और उसमें सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया गया। सबसे पहले वर्ष 2006 से हमलोगों ने अस्पतालों में निःशुल्क दवा का वितरण शुरू किया, जिसका शुभारंभ तत्कालीन माननीय उपराष्ट्रपति स्व॰ भैरो सिंह शेखावत जी द्वारा पटना स्थित गार्डिनर रोड अस्पताल से किया गया। राज्य भर के अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की दवायें निःशुल्क उपलब्ध करायी गयीं और आज की तारीख में मरीजों को 500 से अधिक तरह की दवायें निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही हैं। साथ ही, सरकारी संस्थानों में अनेक बीमारियों की जांच के लिए निःशुल्क सुविधा मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही है। आज राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और सदर अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा मुहैया करायी गयी है, जबकि राज्य के 7 चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में रियायती दर पर एमआरआई की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2005 से पूर्व राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी, आज सभी 38 जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों में लोक-निजी साझेदारी के तहत डायलिसिस केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है, जबकि कुछ चिह्नित अस्पतालों में कीमोथेरेपी की व्यवस्था की गयी है। साथ ही, मुजफ्फरपुर में 425 करोड़ रुपये की लागत से होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है। राज्य के निर्धन मरीजों पर गंभीर बीमारियों के इलाज का बोझ नहीं पड़े, इसके लिए वर्ष 2006-07 में हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष की शुरुआत की। तब से लेकर अब तक करीब 2 लाख मरीजों को गंभीर बीमारियों की चिकित्सा हेतु 1550 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अनुदान के रूप में दी गयी है। वर्ष 2004-05 में स्वास्थ्य विभाग का बजट मात्र 705 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर अब 20035 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार का ही परिणाम है कि आज राज्य में कई स्वास्थ्य सूचकांकों जैसे संस्थागत प्रसव, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और संपूर्ण टीकाकरण में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। वर्तमान में राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 12 हो गयी है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को विस्तारित करते हुए नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों को भी जोड़ा जाय तो यह संख्या 15 हो गयी है। इसके अतिरिक्त राज्य में 20 नये सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय निर्माणाधीन है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। इस प्रकार राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल संख्या 35 हो जायेगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 9 निजी चिकित्सा महाविद्यालय भी खोले जा रहे हैं। पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के साथ-साथ दरभंगा में भी नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (PMCH) को 5462 बेड के अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित कर देश के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में बनाया जा रहा है। अन्य पुराने 5 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को भी 2500 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को भी 3000 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में अब जिला अस्पतालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है, जबकि अनुमंडलीय अस्पतालों की संख्या 55 और स्वास्थ्य उपकेंद्रों की संख्या 10788 से भी अधिक हो गयी है। यही कारण है कि आज सरकारी अस्पतालों में प्रति महीने 11600 से भी अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं। राज्य के लोगों की सुविधा के लिए हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिएगा। आगे भी हमलोग ही काम करेंगे। हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। जय बिहार!
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ASAkhilesh Sharma
Nov 01, 2025 13:33:26
Dungarpur, Rajasthan:डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्वच्छता के तहत रतनपुर बोर्डर पर शराब से भरे एक ट्रक को पकड़ा है। पुलिस ने ट्रक से 6 लाख की शराब के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। दवा व खाद की बाल्टीوں में शराब छिपाकर तस्करी की जा रही थी। बिछीवाड़ा थानाधिकारी कैलाश सोनी ने बताया कि अवैध शराब तस्करी के खिलाफ पुलिस की ओर से ऑपरेशन स्वच्छता चलाया जा रहा है। इसी के तहत मुखबिर के जरिए राजस्थान - गुजरात के रतनपुर बोर्डर होकर गुजरात शराब तस्करी की सूचना मिली थी। सूचना पर रतनपुर बोर्डर पर नाकेबंदी शुरू की गई। इस दौरान एक ट्रक को रुकवाया गया। उसकी तलाशी ली गई तो ट्रक में दवा व खाद की बाल्टियों में शराब की बोतले भरी हुई थी। पुलिस ने ट्रक को जब्त करते हुए आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज करते हुए ट्रक चालक यूपी निवासी चंद्रवीर सिंह जाटव को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बाल्टियों में भरी शराब की 732 बोतल जब्त की है। जब्त की गई शराब की कीमत करीब 6 लाख रूपये है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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DIDamodar Inaniya
Nov 01, 2025 13:33:09
Nagaur, Rajasthan:साम्भर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत मामला उप वन संरक्षक ने ली SDM कार्यालय में अधिकारियों की मीटिंग हर सम्भव प्रयास करते हुए प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिये आदेश साम्भर साल्ट के अधिकारियों को पक्षियों सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश हर बार पक्षी त्रासदी का मुख्य स्थान साम्भर साल्ट क्षेत्र सोचनीय बिंदु डीडवाना जिले के नावां से सटी एशिया की खारे पानी की साम्भर झील में इन दिनों फिर विदेशी मेहमान कहे जाने वाले प्रवासी पक्षियों पर 2019 के बाद एक बार फिर मौत के काले बादल मंडराने लगे है। साम्भर साल्ट क्षेत्र में ही प्रवासी पक्षियों की लगातार मौत हो रही है। आज उप वन संरक्षक ख्याति माथुर ने नावां पहुच कर झील का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया इस दिरण वन विभाग,साम्भर साल्ट,नगरपालिका, तहसीलदार, SDM, ADM, पर्यावरण विभाग सहित विधुत विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। माथुर ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के पक्षियों की होने वाली मोतो के कारण के बारे में जानकारी ली और उनके बचाव के उपाय की प्रकार किये जाने की समीक्षा की। ADM राकेश गुप्ता ने साम्भर साल्ट के अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित करते हुए कहा कि इन पक्षियों की सुरक्षा का सबसे पहला जिम्मा साम्भर साल्ट का है ,साम्भर साल्ट द्वारा ही पानी को जगह जगह रोकने के लिए अवरोधक स्थापित कर रखे है जिनके कारण पानी के ठहराव पर एल्गी जमा हो जाती है और उसी के कारण बैक्ट्रिया पनप रहा है। झील क्षेत्र का ड्रोन की मदद से निरीक्षण किया जाएगा साथ ही पशु चिकित्सा विभाग द्वारा मर्त पक्षियों के सेम्पल जांच के लिए भेजे गए है। पानी मे कैमिकल की मात्रा का मिश्रण भी बड़ा कारण बताया गया है। प्रवासी पक्षियों की निगरानी व उनकी जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई है। SDM दिव्या सोनी ने साम्भर साल्ट के अधिकारियों को अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर उनका पूरा सहयोग करने के लिए निर्देशित किया साथ ही कहा कि साम्भर साल्ट का सहयोग नही रहा तो साम्भर साल्ट की ख़िलाप कार्यवाही की जाएगी। घायल प्रवासी पक्षियों के लिए मिठड़ी में रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है। झील क्षेत्र में हो रही प्रवासी पक्षियों की मौत को लेकर राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में सम्बंधित विभाग अलर्ट मोड़ पर रहते हुए हर सम्भव प्रयास करते हुए मोतो के आकड़ो को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उप वन संरक्षक ख्याति माथुर ने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा कि साम्भर साल्ट रिफायनरी के पास से पर्यावरण विभाग द्वारा सेम्पल लिए गए है जो जांच के लिए भेजे जा रहे है.
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RKRishikesh Kumar
Nov 01, 2025 13:32:35
CHANDI, Harnaut, Bihar:प्रशांत किशोर आज नालंदा में रोड-शो किया। इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाह रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए को घोषणा पत्र नहीं रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए और यह बताना चाहिए कि 20 वर्षों में उन्होंने क्या-क्या कार्य बिहार के लिए । उन्होंने कहा कि बिहार में जनसुराज विकल्प बन गया है। उन्होंने कहा कि लालू के डर से एनडीए को ,एनडीए के डर से अब लोग लालू को वोट नहीं देंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर आप लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को जंगल राज कहते हैं तो फिर नीतीश कुमार के कार्यकाल को अधिकारियों का राज खाने में कोई परहेज नहीं होना चाहिए।
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