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श्रावणी मेला: भक्तों की संख्या 7000 पार, व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता!
Deoghar, Jharkhand
एंकर। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी और भादो मेला के सफल आयोजन को लेकर देवघर के बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में जिला प्रशासन और तीर्थ पुरोहितों के बीच एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक का माहौल पूरी तरह से सौहार्द्रपूर्ण रहा। बैठक की अध्यक्षता पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ. सुरेश भारद्वाज ने की। वहीं, मौके पर उपायुक्त ने कहा कि श्रावणी मेला देवघरवासियों की आस्था से जुड़ा है, और इसके संचालन में तीर्थ पुरोहितों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने इसे परिवार की तरह सहयोग से संचालित करने की बात कही। हर दिन शीघ्र दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या बढ़ रही है। जहां पहले 3 हज़ार श्रद्धालु शीघ्र दर्शन करते थे, अब यह संख्या 7 हज़ार से अधिक हो चुकी है। व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की ज़रूरत है।" पेयजल व्यवस्था के फुटेज: बैठक में साफ-सफाई, मंदिर परिसर में जलापूर्ति और स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था को लेकर विशेष निर्देश दिए गए। बैठक के दौरान एसडीओ द्वारा श्रावणी और भादो मेले में अरधा लगाने की बात पर तीर्थ पुरोहितों ने विरोध जताया। रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शन बंद करने के प्रस्ताव पर भी असहमति दिखी। मंदिर के पट खोलने और बंद करने के समय का निर्धारण करने की बात कही, नगर निगम द्वारा जल संकट और बिजली कटौती के मुद्दे को उठाया, तो वहीं पूर्व महामंत्री दुर्लभ मिश्र ने मंदिर प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि मंदिर की परंपरा को बनाए रखना ज़रूरी है। धर्मरक्षिणी सभा के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर खवाड़े ने मंदिर परिसर व सिंह द्वार की गंदगी और पीने के पानी की व्यवस्था को सुधारने की माँग रखी। श्रावणी मेला जैसे भव्य आयोजन में तीर्थ पुरोहितों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से ही व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है। उम्मीद है कि इस बार का मेला श्रद्धा, सेवा और सुव्यवस्था का नया उदाहरण पेश करेगा।
बाइट : नमन प्रियेश लकड़ा, डीसी देवघर।
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