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सोन नदी का बढ़ा जलस्तर: घड़ियालों के लिए संकट का समय!
AGAdarsh Gautam
FollowJul 15, 2025 14:03:52
Sidhi, Madhya Pradesh
एंकर:- मध्य प्रदेश के सीधी जिले के सोन नदी का बढ़ा जलस्तर घड़ियालों के लिए मुसीबत बन गया है, जोगदहा घाट में जन्में बच्चें समेत घडियाल लपाता हो गयें है, अबतक में विभागीय अफसर को एक नर घड़ियाल की लोकेशन उत्तर प्रदेश के चोपन में मिली है, घड़ियालों के लिए सोन नदी संरक्षित एक क्षेत्र है जहां गोपद नदी समेत बनास नदी समाहित हो रही है,वहीं बाणसागर डैम के 10 अलग-अलग गेट खोल दिए गए हैं जिसके चलते सोन नदी अपने रौद्र रूप पर हैं यही वजह है कि पानी की तेजधार घड़ियालों के लिए मुसीबत बन गया है, विभागीय अफसर का दावा है कि सैटेलाइट समेत विभागीय टीम के जरिए घड़ियालों की निगरानी की जा रही है, जलस्तर कम होते ही घड़ियालों की वापस जोगदहा घाट आने की उम्मीद है।।
Vo:-1 सीधी जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित सोन नदी के जोगदहा घाट में बरसों बाद चंबल से लायें गयें नर घड़ियाल के चलते पिछले दीनों रुकी हुई वंश वृद्धि बढ़ी थी, जहां 132 से अधिक बच्चे जन्मे थे लेकिन सोन नदी के अचानक बड़े जलस्तर के चलते अब घड़ियालों पर संकट खड़ा हो गया है,जोगदहा घाट से सभी घड़ियाल लापता हो गए हैं विभागीय अफसर को एक न घड़ियाल की लोकेशन उत्तर प्रदेश के चोपन में मिली है जो घाट से लगभग 150 किलोमीटर से दूर है वहीं अन्य घड़ियाल समेत जन्मे बच्चों का बड़े जलस्तर की वजह से कोई पता नहीं चल रहा है, दरअसल लगातार हो रही बरसात के चलते सोन नदी समेत सहायक अन्य बरसाती नदियों का जलस्तर बढ़ा है यही वजह है कि गोपद नदी समेत बनास नदी का सीधा पानी सोन नदी में पहुंचता है जिससे सोन नदी तो अपने स्वरूप पर थी, वहीं बाणसागर डैम के भी बड़े जलस्तर के चलते 10 अलग-अलग गेट खोल दिए गए हैं जिससे अब सोन नदी रौद्र रूप पर पानी के तेज धार से बह रही है, यही वजह है कि घड़ियालों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है दो-तीन वर्ष पहले भी सोन नदी के बढ़े जलस्तर के चलते एक न घड़ियाल यहां से भाकर बिहार पहुंच गया था जो आज दिनों तक बिहार सरकार उसे घड़ियाल को वापस नहीं कर सकी है विभागीय अफसर की तमाम जोर आजमाइश के बाद सिर्फ बिहार सरकार ने सन घड़ियाल अभ्यारण को न घड़ियाल की कॉलर आईडी वापस किया था लेकिन घड़ियाल को वापस नहीं किया, यही वजह है कि बढ़ा जलस्तर जन्मे नन्हे बच्चों समेत नर और मादा घड़ियालों के लिए मुसीबत बना है फिलहाल विभागीय अफसर का दावा है कि नर घड़ियाल में लगे कॉलर आईडी के जरिए उसे लॉकेट किया जा रहा है साथ ही अन्य घड़ियाल की मणि ड्रिंक सेटेलाइट के जरिए भी की जा रही है नर घड़ियाल का लास्ट लोकेशन उत्तर प्रदेश के चोपन में मिला है जो घाट से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर है ऐसे में विभाग की अलग-अलग टीम अब सभी घडियालों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है सोन नदी का जलस्तर कम होने के बाद ही सभी घड़ियाल घाट वापस आ सकेंगे।।
बाईट :-1 सुधीर मिश्रा SDO सजंय टाइगर रिजर्व
बाइट 2 PTC आदर्श गौतम
VO:-2 बहरहाल दो-तीन वर्ष पहले भी सोन नदी के बढ़े जलस्तर की वजह से सोन घड़ियाल अभ्यारण को एक नर घड़ियाल खोना पड़ा था, जिस हालत यह बनी थी कि सोन घड़ियाल अभ्यारण में नर घडियाल नहीं होने से नपुंसक हो गया था, चंबल से लाया गया नर घरियल भी उत्तर प्रदेश पहुंच चुका है,ऐसे में इस दफा भी सोन नदी का बड़ा जलस्तर और पानी की तेजधार कितने घड़ियालों को खोना पड़ेगा यह कह पाना अभी जल्दबाजी है, फिलहाल विभागीय अफसर का दावा है कि सैटेलाइट समेत अन्य पहलुओं से सभी घड़ियालों की मॉनिटरिंग की जा रही है, पिछले दफा हुई गलती गलती की पुनरावृत्ति इस दफा नहीं होगी जो घड़ियाल नहीं आएंगे उन्हें रेस्क्यु कर वापस लाया जाएगा।।
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