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बिहार मंत्री ने अजमेर दरगाह पर चादर पेश कर भाईचारे की दुआ मांगी!

ADAbhijeet Dave
Jul 18, 2025 15:05:12
Ajmer, Rajasthan
लोकेशन- दरग़ाह क्षेत्र *विधानसभा-शहर अज़मेर * ब्यूरो चीफ :- अभिजीत दवे मोबाइल नंबर - 9829102621 * संवाददाता- मो नज़ीर कादरी * * मोबाइल नंबर- 9887933199 एंकर - बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से चादर पेश की। इस अवसर पर उन्होंने देश और बिहार प्रदेश में अमन, चैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगी। अपने परिजनों और कार्यकर्ताओं के साथ अजमेर पहुंचे मंत्री ने दरगाह में मखमली चादर और अकीदत के फूल चढ़ाकर देश और बिहार में अमन-चैन व भाईचारे की दुआ मांगी। इस अवसर पर उन्होंने दरगाह की पवित्रता और ख्वाजा साहब के संदेशों को देश की एकता और शांति के लिए प्रेरणादायक बताया। ज़ियारत के बाद दरगाह शरीफ के ख़ादिम सैयद अनवर फरीदी ने दस्तार बंदी की व दरगाह शरीफ का तबरुक दिया । मोहम्मद जमा खान ने जियारत के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, "ख्वाजा साहब की दुआ से हिंदुस्तान चलता है। उनकी शिक्षाएं और उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। मैंने यहां जियारत कर देश और बिहार के लिए अमन-चैन, एकता और भाईचारे की दुआ की है।" उन्होंने आगे कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जीवन और उनके विचार समाज में प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रतीक हैं। उनके मुताबिक, सूफी संतों की शिक्षाएं विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और एकता को मजबूत करती हैं, जो आज के समय में बेहद जरूरी है। मंत्री ने यह भी बताया कि बिहार सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाना है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह से मिलने वाली आध्यात्मिक शक्ति उन्हें अपने कर्तव्यों को और बेहतर तरीके से निभाने की प्रेरणा देती है। मोहम्मद जमा खान ने दरगाह के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह स्थान न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा, "यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सभी धर्मों के लोग आते हैं और ख्वाजा साहब से दुआ मांगते हैं। यह भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का सबसे बड़ा प्रतीक है।" उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि वे सूफी संतों के संदेशों को आत्मसात करें और समाज में शांति और एकता को बढ़ावा दें। जियारत के दौरान उनके साथ आए कार्यकर्ताओं ने भी दरगाह में चादर चढ़ाई और दुआएं मांगीं। स्थानीय लोगों ने मंत्री के इस दौरे का स्वागत किया और इसे बिहार और राजस्थान के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करने वाला कदम बताया। ख़ादिम द्वारा उन्हें ख्वाजा साहब की जीवनी और दरगाह के इतिहास से अवगत कराया। मोहम्मद जमा खान ने अपने दौरे के अंत में कहा कि वे भविष्य में भी इस पवित्र स्थल पर आते रहेंगे और ख्वाजा साहब की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार सरकार सूफी परंपराओं और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि समाज में प्रेम और एकता का संदेश फैल सके। बाइट - मोहम्मद जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, बिहार
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