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गोरमी में आखिर क्यों एक दोस्त ने ली अपने दोस्त की जान

Oct 10, 2024 07:56:56
Manhad, Madhya Pradesh

गोरमी में एक युवक के हत्या मामले का खुलासा हो गया। पुलिस के मुताबिक मृतक युवक अपने दोस्त सुमित और एक अन्य साथी के साथ पार्टी कर रहा था। इसी दौरान किसी बात पर दोनों के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई, जिसके चलते सुमित ने अपने दोस्त पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौके पर ही जान चली गई। वहीं पुलिस ने आरोपी सुमित को मौके से गिरफ्तार कर लिया है।

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DSDanvir Sahu
Dec 10, 2025 18:30:56
Raipur, Chhattisgarh:आदिवासी शहीदों के योगदान का स्मरण — मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की विकास कार्यों की घोषणाएँ, सीएम ने कहा धर्मांतरण को लेकर लाया जाएगा कानून बालोद बालोद जिले के गुरूर विकासखंड के ग्राम कर्रेझर में आयोजित विराट वीर मेला महोत्सव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राष्ट्र और समाज के नव निर्माण में आदिवासी समाज के योगदान को अनुपम बताया उन्होंने पूरे आयोजन में चर्चा का केंद्र बिंदु रहे धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को लेकर कड़ा कानून लाया जाएगा, आप देखते रहिए। वीओ - मुख्यमंत्री साय ने शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आदिवासी संस्कृति को गौरवशाली बताया। उन्होंने मेला स्थल के पास तालाब निर्माण के लिए 15 लाख रुपए, मेला आयोजन राशि को 10 से बढ़ाकर 20 लाख रुपए, और देवस्थल में किचन शेड निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 71 लाख 93 हजार रुपए के पाँच विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि “नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर है, और हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध है।” वीओ: समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, मंत्री रामविचार नेताम, केदार कश्यप सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पारंपरिक लोकनृत्यों की प्रस्तुति और दो पुस्तकों ‘आदिशक्ति माँ अंगारमोती’ व ‘घोटुल पुंदाना’ का विमोचन भी किया गया। बाइट - विष्णु देव सायं, सीएम छत्तीसगढ़
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Dec 10, 2025 18:25:18
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RTRAJ TAKIYA
Dec 10, 2025 18:01:56
Rohtak, Haryana:प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 10.12.2025 जिला रोहतक रोहतक पुलिस को मिली बड़ी सफलता रोहतक पुलिस की आईएमटी एरिया में मोहित निवासी कथूरा के साथ हुई मुठभेड़ आरोपी युवक द्वारा पुलिस पर की गई फायरिंग, पुलिस ने आत्मरक्षा में चलाई गोली मुठभेड़ के दौरान युवक को पैर में लगी गोली, उपचार के लिए पीजीआई रोहतक में कराया दाखिल आरोपी युवक से एक देसी पिस्तौल, 4 जिन्दा रौंद, 02 खाली रौंद व एक मोटरसाइकिल बरामद आरोपी के खिलाफ जघन्य धाराओं में 8 मामले है दर्ज, लम्बे समय से चल रहा था फरार अक्टूबर 2025 में आरोपी युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर अल्फा सिटी करनाल में चलाई थी ताबड़तोड़ गोलियां पुलिस अधीक्षक, रोहतक श्री सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने बताया कि आज दिनांक 10.12.2025 को रोहतक पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एवीटी स्टाफ की टीम ने मुठभेड़ के बाद एक युवक को काबू करने में सफलता प्राप्त की है। आरोपिे युवक कई जघन्य वारदातों में शामिल रहा है तथा कई जिलों की पुलिस की वांछित अपराधियों की सूची में शामिल रहा है। आरोपी को इलाज के लिए पीजीआईएमएस रोहतक में दाखिल कराया गया है जहां आरोपी युवक की हालत स्थिर है। आज दिनांक 10.12.2025 को शाम के समय प्रभारी एवीटी स्टाफ उप.नि. अश्वनी को सूचना मिली कि पिछले दिनों करनाल में फायर करने की वारदात में शामिल युवक किसी वारदात को अंजाम देने के इरादे से रोहतक में आईएमटी एरिया में घूम रहा है। प्रभारी एवीटी स्टाफ उप.नि. अश्वनी ने सूचना पर तुरंत कार्यवाही करते हुए एवीटी स्टाफ की टीम का गठन किया तथा आईएमटी एरिया का रवाना किया गया। एवीटी स्टाफ की टीम ने मोटरसाइकिल सवार संदिग्ध युवक को रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस टीम पर फायर कर दिया। एवीटी स्टाफ की टीम ने समझबूझ व बहादुरी का परिचय देते हुए अपना बचाव किया तथा आत्मरक्षा में युवक पर फायर किया। जो इसी दौरान युवक को पैर में गोली लग गई। एवीटी स्टाफ की टीम ने युवक को काबू किया। पूछताछ पर युवक की पहचान मोहित पुत्र जयभगवान निवासी गांव कथूरा जिला सोनीपत के रूप में हुई है। युवक हाल में रोहतक में शीतल कॉलोनी में रहता है। युवक के पास से एक देसी पिस्तौल, 4 जिन्दा कारतूस, 2 खाली कारतूस व मोटरसाइकिल बरामद हुई है। युवक को तुरंत उपचार के लिए पीजीआईएमएस रोहतक में दाखिल कराया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मोहित ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर दिनांक 29.10.2025 को करनाल में अल्फा सिटी में करीब 50 गोलियां चलाई थी। जिस संदर्भ में थाना सदर करनाल में अभियोग अंकित है। इसके अतिरिक्त भी युवक का आपराधिक रिकॉर्ड है। अपहरण के एक मामले मे आरोपी मोहित को सात साल की सजा हो चुकी है। आरोपी हाल में अपने साथियों के साथ मिलकर एक युवक की हत्या करना की प्लानिंग कर रहे थे। आरोपी के खिलाफ निम्नलिखित अभियोग अंकित हैः- 1. अभियोग संख्या 205/2018 धारा 379, 34 भा.द.स. थाना गन्नौर, सोनीपत 2. अभियोग संख्या 531/2018 धारा 398/401 भा.द.स. थाना गन्नौर, सोनीपत 3. अभियोग संख्या 295/2018 धारा 379/34 भा.द.स. थाना मुरथल, सोनीपत 4. अभियोग संख्या 666/2023 धारा 379 बी, 365, 34 भा.द.स. थाना चांदनी बाग, पानीपत 5. अभियोग संख्या 648/2023 धारा 379 ए भा.द.स. व शस्त्र अधिनियम थाना शिवाजी कॉलोनी, रोहतक 6. अभियोग संख्या 228/2023 धारा 307, 506, 120 बी, 34 भा.द.स. थाना बादली, झज्जर 7. अभियोग संख्या 282/2023 शस्त्र अधिनियम थाना सदर झज्जर 8. अभियोग संख्या 831/2025 धारा 109(1), 3(5) बीएनएस व शस्त्र अधिनियम थाना सदर करनाल
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 10, 2025 18:01:19
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर - राजस्थान हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा है कि किसी कर्मचारी की चार दशक लंबी सेवा को महज अस्थायी बताकर उसके नियमितीकरण और रिटायरमेंट लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता। जस्टिस रेखा बोराणा की सिंगल बेंच ने भीलवाड़ा के सत्यनारायण शर्मा सहित तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया। फैसले का सबसे बड़ा असर यह है कि याचिकाकर्ताओं को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति से ही नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मानकर पेंशन सहित सभी रिटायरमेंट लाभ दिए जाएंगे। 40 साल सेवा, पर नियमित नहीं किया गया था सत्यनारायण शर्मा को 5 अगस्त 1981 को पंचायत समिति लूणकरणसर में गेटकीपर के रूप में अस्थायी आधार पर नियुक्त किया गया था। बाद में 1992 में उन्हें चुंगी नाका रक्षक बनाया गया। राज्य में चुंगी व्यवस्था समाप्त होने के बाद ऐसे हजारों कर्मचारी सरप्लस हो गए। सरकार ने 6 अगस्त 1998 को आदेश जारी कर कहा था कि ऑक्ट्रॉय से जुड़े कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी और उन्हें सेवा में बनाए रखा जाएगा। इस आदेश के बाद सत्यनारायण शर्मा ने नियुक्ति की तारीख 14 अगस्त 1981 से लगातार ग्राम पंचायत लूणकरणसर में सेवाएं जारी रखीं। जिला परिषद बीकानेर ने 2007 में सरप्लस कर्मचारियों के समायोजन की लिस्ट भेजी थी, वहीं पंचायतीराज विभाग ने 2016 में ऐसे कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी का न्यूनतम वेतनमान देने का आदेश जारी किया। लेकिन याचिकाकर्ता का नाम इसमें शामिल नहीं होने से वे नियमितीकरण और सेवा लाभों से वंचित रहे। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता और सरकारी वकीलों ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियमित विधि के अनुसार नहीं की गई थी। उन्हें केवल अस्थायी आधार पर रखा गया था और चुंगी समाप्त होने के बाद मानवीय आधार पर सेवा में बनाए रखा गया। सरकार के अनुसार, ऐसी स्थिति में रिटायरमेंट के बाद पेंशन या नियमितीकरण का दावा नहीं किया जा सकता। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस रेखा बोराणा ने कहा कि यह निर्विवाद है कि याचिकाकर्ता ने लगातार 40 वर्ष सेवा दी है। इतनी लंबी सेवा को अस्थायी नहीं कहा जा सकता। राज्य या उसके अधिकारियों की किसी भी कार्रवाई से उस व्यक्ति को मूल सेवा अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता जिसने पूरी निष्ठा से कार्य किया है। कोर्ट ने कन्हैयालाल नाई और लालाराम सैनी मामलों के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि चार दशक की सेवा अपने आप में मूल सेवा मानी जाएगी। इसलिए याचिकाकर्ता को नियुक्ति की तारीख से ही नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी माना जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि याचिकाकर्ताओं को पेंशन और अन्य रिटायरमेंट लाभ तो दिए जाएंगे, लेकिन वे वेतनमान में वेतन निर्धारण के आधार पर किसी भी प्रकार के एरियर (बकाया वेतन) का दावा नहीं कर सकेंगे।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Dec 10, 2025 18:01:01
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर--राज्य उपभोक्ता आयोग, जोधपुर पीठ ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय, जोधपुर द्वारा एक सैनिक की विधवा समद कंवर को बडी राहत दी है। आयोग के न्यायिक सदस्य सुरेंद्र सिंह और सदस्य लियाकत अली ने जिला आयोग के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें तकनीकी आधार पर शिकायत को खारिज कर दिया गया था। राज्य आयोग ने स्पष्ट कहा कि प्रकरण में वादकरण निरंतर जारी रहा, इसलिए जिला आयोग द्वारा निर्धारित परिसीमा का आधार विधिसम्मत नहीं था। साथ ही आयोग ने जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) को आदेश दिया है कि अपीलार्थी को विवेक विहार योजना अथवा समान योजना में भूखंड आवंटित किया जाए। पृष्ठभूमि परिवादिया समद कंवर, सेवानिवृत सैनिक स्व. दलपत सिंह की विधवा हैं। वर्ष 2011 में जेडीए की विवेक विहार योजना में सैनिकों, शहीद सैनिकों की विधवाओं एवं आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था। इसी श्रेणी में उन्होंने आवेदन प्रस्तुत किया था। लॉटरी में उन्हें भूखंड भी आवंटित हुआ, लेकिन कंप्यूटर एवं लिपिकीय त्रुटि के कारण उनके नाम समद कंवर की जगह समंदर सिंह भाटी दर्ज हो गया। इस त्रुटि के चलते न तो उन्हें भूखंड मिला और न ही जेडीए ने सुधार की किसी प्रक्रिया पर विचार किया। परिवादिया ने वर्षों तक जेडीए के चक्कर लगाए। वर्ष 2022 में उन्होंने विधिवत नोटिस भी भिजवाया, परंतु जेडीए की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने जिला आयोग में परिवाद दायर किया, जहां जेडीए ने दो मुख्य तर्क प्रस्तुत किए कि परिवाद समय–सीमा में नहीं है, क्योंकि यह 11 वर्ष पश्चात दायर किया गया। स्व. दलपत सिंह सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद दिवंगत हुए, अतः उन्हें शहीद सैनिक की श्रेणी में लाभ देने योग्य नहीं माना जा सकता। जिला आयोग ने विवाद के गुण-दोष में परिवादिया के दावे को सही तो माना, किंतु यह कहते हुए कि परिवाद निर्धारित दो वर्ष की लिमिटेशन में नहीं दायर किया गया, प्रकरण को खारिज कर दिया। राज्य आयोग में अपील जिला आयोग के निर्णय के विरुद्ध समद कंवर ने राज्य उपभोक्ता आयोग, जोधपुर पीठ में अपील दायर की। अपील की सुनवाई के दौरान जेडीए की ओर से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। आयोग ने उपलब्ध दस्तावेजों, रिकॉर्ड और तर्कों के आधार पर अपील का परीक्षण किया। आयोग के सदस्य सुरेंद्र सिंह तथा लियाकत अली ने पाया कि जेडीए ने गलत सूचना के आधार पर अपीलार्थी द्वारा जमा की गई ₹5000 की पंजीकरण राशि तक जब्त कर ली, जबकि योजना की शर्तों में कहीं यह नहीं लिखा कि गलत/त्रुटिपूर्ण रिकॉर्ड होने की स्थिति में राशि जब्त की जा सकती है। जेडीए द्वारा राशि न लौटाना और वर्षों तक प्रकरण को लंबित रखना यह सिद्ध करता है कि वादकरण निरंतर जारी रहा। इसलिए परिसीमा की अवधि लागू नहीं होती। जिला आयोग का यह निष्कर्ष कि परिवाद समय सीमा से बाहर है, विधिक दृष्टि से उचित नहीं पाया गया। आयोग का अंतिम आदेश राज्य उपभोक्ता आयोग ने अपील स्वीकार करते हुए आदेश पारित किए कि जेडीए अपीलार्थी को विवेक विहार योजना में पूर्व आवंटित भूखंड का आवंटन पत्र जारी करे। यदि किसी कारणवश वही भूखंड उपलब्ध नहीं हो सके, तो उसी योजना या समान प्रकृति की किसी अन्य योजना में समान आकार का भूखंड अनिवार्य रूप से आवंटित किया जाए। अपीलार्थी को 20,000 मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 10,000 परिवाद व्यय के रूप में अदा किए जाएं।
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