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Pratapgarh312605
छोटीसादड़ी में अतिवृष्टि से फसलें डूबीं, किसानों ने मुआवजे की मांग पर ज्ञापन किया
HUHITESH UPADHYAY
Sept 13, 2025 11:06:24
Pratapgarh, Rajasthan
Slug : 1309ZRJ_PRTP_MAANG_R जिला : प्रतापगढ़ विधानसभा : प्रतापगढ़ खबर की लोकेशन : छोटीसादड़ी जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796 हेडर/हेडलाईन : अतिवृष्टि से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद, मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने सौंपा ज्ञापन एंकर/इंट्रो : छोटीसादड़ी क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी सोयाबीन, उड़द, मक्का और मूंगफली जैसी प्रमुख फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। फसल खराबा को लेकर छोटीसादड़ी उपखंड पर ज्ञापन सौंपा गया। उड़द की फसल तो पूरी नष्ट हो गई, वहीं सोयाबीन, मक्का और मूंगफली के पौधे खेतों में ही सड़ गए। हालात इतने बिगड़े कि हरी फलियां पौधों पर ही उगने लगीं। कई खेतों में अब भी पानी भरा हुआ है, जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है। किसान विकास सेवा समिति अध्यक्ष सुरेश चंद्र गुजराती ने बताया कि इस बार का नुकसान सौ प्रतिशत से भी अधिक है। सोयाबीन की फसल कटाई योग्य ही नहीं रह गई, जबकि पहले ही उत्पादन घटने की आशंका थी। अब भारी बारिश ने स्थिति और भी खराब कर दी है। कर्जदार किसानों की हालत चिंताजनक हो गई है और उनके सामने रोज़ी-रोटी का संकट मंडराने लगा है। इस संबंध में किसान विकास समिति सहित बड़ी संख्या में किसानों ने उपखंड अधिकारी यतींद्र पोरवाल को ज्ञापन सौंपकर खेतों की गिरदावरी करवा उचित मुआवजा दिलाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में समिति अध्यक्ष सुरेश चंद्र गुजराती, सचिव बाबूलाल धाकड़ सहित कई किसान मौजूद रहे।
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HKHARI KISHOR SAH
Sept 13, 2025 13:01:06
Delhi, Delhi:प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक का पदभार ग्रहण किया Anchor/vo : प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति ने आज अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली के निदेशक के रूप में अपने कार्यभार का औपचारिक रूप से ग्रहण किया।इससे पूर्व, प्रो. प्रजापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में कुलपति के पद पर कार्यरत थे। वे गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर में भी शोध एवं शैक्षणिक गतिविधियों से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में की थी। पदग्रहण अवसर पर आयोजित स्वागत समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं भगवान धन्वंतरि वंदना से हुई। इस अवसर पर संस्थान की पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रो. (डा.) मञ्जूषा राजगोपाल, डीन (पीएचडी) प्रो. (डा.) महेश व्यास, सहित शैक्षणिक, चिकित्सकीय, प्रशासनिक एवं नर्सिंग स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहा। सभी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर नए निदेशक का स्वागत किया। पदभार ग्रहण करने के बाद अपने प्रथम संबोधन में प्रो. प्रजापति ने कहा: “आयुर्वेद की सेवा करने का यह महत्वपूर्ण अवसर मेरे लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। सरकार ने आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का जो बीड़ा उठाया है, उसमें आप सभी के सहयोग से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को वैश्विक पहचान दिलाने की यात्रा में हमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी।” इस अवसर पर प्रो. (डा.) मञ्जूषा राजगोपाल ने अपने स्वागत सम्बोधन में सभी का आभार व्यक्त करते हुए टीम भावना के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई। डीन प्रो. (डा.) महेश व्यास ने कहा कि निदेशक महोदय का देश के शीर्ष संस्थानों में कार्य करने का अनुभव संस्थान को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा। पदग्रहण के तुरंत बाद प्रो. प्रजापति ने संस्थान में शिक्षकों हेतु आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) के समापन कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन कर भागीदारी की। प्रो. प्रजापति ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से बीएएमएस की डिग्री तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से एमडी एवं पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति की नियुक्ति केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से हुई है। इसके अनुसार वे कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पाँच वर्ष अथवा सेवानिवृत्ति की आयु तक, जो भी पहले हो, निदेशक पद पर बने रहेंगे। बाईट : प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति, डायरेक्टर ऑल इंडिया आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली
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ASABHISHEK SHARMA1
Sept 13, 2025 13:00:26
Chittorgarh, Rajasthan:#राशमी, चित्तौड़गढ़ - एंकर - चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी उपखंड की पावली ग्राम पंचायत में जिला कलक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में रात्रि चौपाल आयोजित की गई। ग्रामीणों ने सड़क, नालियों, खेतों तक पहुँच मार्ग, पेंशन, पालनहार योजना, खेल मैदान और लाइब्रेरी से संबंधित समस्याएँ प्रस्तुत कीं। कुल 70 से अधिक परिवादों में से कई का जिला कलक्टर ने मौके पर ही समाधान किया। लंबे समय से पेंशन वंचित महिला को लाभ दिलाया गया और खाद्य सुरक्षा सूची से वंचित ग्रामीण का नाम जुड़वाया गया। उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं और खिलाड़ियों का सम्मान किया गया। जिला कलक्टर ने विद्यालय और विद्यालय परिसर के गार्डन का भी निरीक्षण किया।
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Sept 13, 2025 12:59:53
Ram Nagar, Uttar Pradesh:महराजगंज जिले में "ड्रोन वाले चोर" और "बच्चा चोरी" की अफवाहों से दहशत का माहौल है। सैकड़ों गांवों में लोग रातभर टॉर्च और डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं। अफवाहों की वजह से कई निर्दोष लोगों की पिटाई की घटनाएँ सामने आई हैं। नौतनवां थाना क्षेत्र के चकदह मगरभौली गांव में बीती रात एक घर से जेवरात और दो हजार रुपये चोरी हो गए। वहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि चोर बच्चे को भी खींचने की कोशिश कर रहे थे। इसी तरह सिसवा नगर पालिका में बच्चों से रास्ता पूछने पर तीन युवकों को “बच्चा चोर” समझकर भीड़ ने पीट दिया। लोहसी गांव में बर्तन बेचने वाले बंजारों को भी ग्रामीणों ने चोर समझ लिया। पुलिस का कहना है कि न तो अब तक कोई संदिग्ध पकड़ा गया है और न ही ड्रोन दिखाई दिया है। प्रशासन ने अफवाहों पर भरोसा न करने की अपील की है।
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Sept 13, 2025 12:58:09
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VSVISHAL SINGH
Sept 13, 2025 12:50:41
Noida, Uttar Pradesh:Special story पारिजात वृक्ष और कुंटेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य Story --- एक पेड़ का फूल जिसने पांडवों को दिलाई थी महाभारत में जीत जिस शिवलिंग पर चढ़ाया गया था फूल आज भी पहली पूजा करती है उस शिवलिंग पर अदृश्य शक्ति Dopesheet---पारिजात वृक्ष के अच्छे अच्छे शॉट्स,सफेद फूल के शॉट्स,सुनहरे फूल के शॉट्स,ओपनिंग पीटीसी,वहां के पुजारी से बातचीत,तमाम श्रद्धालुओं से बातचीत,पारिजात वृक्ष से कुंटेश्वर मंदिर के बारे में बताते हुए वाक थ्रू,कुंटेश्वर मंदिर के शॉट्स,शिवलिंग के शॉट्स,मंदिर के महंत के साथ बातचीत,मिड और फाइनल पीटीसी मंदिर से, Story डिटेल साढ़े पांच हजार वर्ष सुनने में तो काफी कम लगते है. मगर सोचों तो ना जाने कितनी पीढ़ियां काल के कपाल में समां चुकी है. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी दुनिया में अगर कहीं कोई महाभारत काल का जिन्दा गवाह मौजूद है तो वह सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में है.देवासुर संग्राम के समय हुए समुन्द्र मन्थन से परिजात वृक्ष निकला था. उसे देवताओं के राजा इन्द्र अपने साथ स्वर्गलोक लेकर गए थे. द्वापर युग में भगवान कृष्ण के आदेश पर महाराजा पाण्डु के पुत्र धनुर्धारी अर्जुन उसे पृथ्वी पर लाये थे. ये वही देव वृक्ष पारिजात है. कहा जाता है विद्वानों के मतानुसार महाभारत काल में पाण्डवों के अज्ञातवास के दौरान माता कुन्ती को भगवान शिव ने स्वर्ण के सामान दिखने वाले पुष्प अर्पित करने को कहा था.माता कुन्ती ने भगवान शिव की इस इच्छा को अपने पुत्र अर्जुन से बताया और फिर अर्जुन ने भगवान् कृष्ण के परामर्श से इन्द्रलोक जाकर इसे पृथ्वी पर रोपित किया. इसके पुष्पों को जब माता कुन्ती ने शिव को समर्पित किया तो प्रसन्न होकर भगवानशिव ने महाभारत युद्ध में विजय का आशीर्वाद दिया. आज भी वर्ष में एक बार इस वृक्ष में पुष्प आते हैं. सावन के महीने से पहले ही इन पुष्पों का आना तय माना जाता है. यह चमत्कारिक देव वृक्ष है बाराबंकी जनपद के तहसील राम नगर इलाके के बदोसराय क्षेत्र में.बाराबंकी मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग पचास किलोमीटर है.ऐसा माना जाता है कि पाण्डवों ने अपना अज्ञातवास यहीं बराहवन (बदला हुआ नाम बाराबंकी ) के इसी इलाके में गुजारा था.अज्ञातवास के दौरान पाण्डवों की माता कुन्ती को भगवानशिव ने स्वप्न में आकर उनसे स्वर्ण के समान दिखने वाले पुष्पों को समर्पित करने की इच्छा व्यक्त की थी.भगवान शिव की इस इच्छा को उनका आदेश मानकर माता कुन्ती ने अपने पुत्र अर्जुन को ऐसे पुष्प लाने को कहा.माता के आदेश पर अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से इस बारे में परामर्श लिया. तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि ऐसे पुष्प देने वाला वृक्ष समुन्द्र मन्थन से प्राप्त हुआ था जो अब इन्द्रलोक में ही है.भगवानकृष्ण का आदेश पाकर अर्जुन इन्द्रलोक से पारिजात वृक्ष को पृथ्वी पर लेकर यहांबाराबंकी में स्थापित किया.इस वृक्ष के स्वर्ण के समान दिखने वाले पुष्पों को माता कुन्ती ने इसी क्षेत्र में एक शिवलिंग स्थापित कर जो आज कुन्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.भगवान् शिव ने तब प्रसन्न होकर पाण्डवों को महाभारत युद्ध में जीत का आशीर्वाद दिया. परिणाम स्वरुप कौरवों की करोड़ों की सेना पर पाण्डवों की जीत हुयी.इस पुष्प की विशेषता यह है कि जब यह वृक्ष में होता है तो यह सफेद रंग सा दिखता है. लेकिन जब यह वृक्ष से टूटता तो यह स्वर्ण के समान सुनहरा दिखता है. कुंतेश्वर महादेव के बारे में कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति पहले पूजा नहीं कर सकता है। माना जाता है कि, यहां शिवलिंग पर अदृश्य शक्ति ब्रह्म मुहूर्त के आसपास सबसे पहले पूजा अर्चना कर जाती हैं। यह रहस्य कुंतेश्वर महादेव मंदिर को और अहम बना देता है।पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में माता कुंती अपने पांच पांडव पुत्रों के संग अज्ञातवाश के दौरान यहां आईं तो उन्होंने महाबली भीम से यहां पर शिवलिंग की स्थापना को कहा था। इस पर भीम ने मां की आज्ञा का पालन करते हुए यहां पर दो शिवलिंग की स्थापना कर दी।
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Sept 13, 2025 12:50:36
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