Dholpur, Rajasthan:21 वी सदी की ये तस्वीरें.....
ट्यूब खटाैले से जाेखिम भरा सफर....
6 ढाणियाें की 2 हजार आबादी 15 फीट गहरी नदी काे जोखिम उठाकर पार करने को मजबूर
धाैलपुर जिले में सैंपऊ उपखंड की ग्राम पंचायत नुनहेरा की 6 ढाणियाें की करीब 2 हजार आबादी के लिए बारिश का माैसम जाेखिम भरा।
यह ढाणियां पार्वती नदी के किनारे बसी हैं। नदी पर गढ़ी चटोला के पास बने एनीकट के कारण आरी, मढ़ैया, भूरा का पुरा, बघेलों का पुरा, महंत का अड्डा, पंछी का पुरा के आसपास जलभराव हाे जाता है।
यहां 15 से 20 फीट पानी रहता है, जिसमें हाेकर ग्रामीण निकटतम कस्बे तसीमाे पहुंचते हैं।
दूरी बचाने को लेकर जोखिम
इन ढाणियाें से नदी पार तसीमाें की दूरी करीब 800 मीटर है। अन्यथा ग्रामीणाें काे 6 किलाेमीटर घूमकर जाना पड़ता है
अपनी अपनी चारपाइयों के नीचे ट्यूब बांध कर बनाई जुगाड:
दूरी से बचाने के लिए ग्रामीण रिस्क लेकर नदी काे ट्यूब खटाैले से पार करते हैं। इसके लिए हर परिवार ने घरों में खाट/खटाैलाें के नीचे ट्यूब बांध रखे हैं इसके द्वारा नदी को पार करते है ये ग्रामीण
बाइट 1 छात्रा
बाइट 2 छात्रा
बांधा गया लोहे का तार
ग्रामीणों द्वारा खतरे से बचने के लिए नदी के दाेनाें पार के बीच दोनों साइडों पर लाेहे का मजबूत तार डाल/बांध के रखा है। जिससे इन ढाणियाें के पढ़ने वाले बच्चे, मरीज अाैर जरुरत का सामान खरीदने के लिए इन ट्यूब खटाैलाें पर सफर किया जाता है
सरपंच रेशम देवी ने बताया कि यह समस्या काफी वर्ष पुरानी है। यहां रपट बनवाए जाने की मांग काफी पुरानी है। पिछले दिनाें मुख्यमंत्री काे भी लिखित में अवगत कराया गया था।
पेड़ो से ताला लगाकर रखते ट्यूब खटाैले
इन छह ढाणियाें में लगभग 400 परिवार रहते हैं। जरुरत काे देखते हुए लगभग सभी परिवाराें ने ट्यूब खटाैला बना रखा है। जिसे वाहनाें की तरह सांकल/ताला लगाकर रखा जाता है। जिससे कोई दूसरा उसका उपयोग नहीं कर सके।
ढाणी निवासी मंगल सिंह हरिओम, मोहन सिंह, चरण सिंह शशि कपूर मुन्नीलाल राम खिलाड़ी भूरी सिंह कमल सिंह राकेश आदि ने बताया कि नदी पर रपट बन जाए ताे समस्या का समाधान हाे सकता है। इस संबंध में प्रशासन काे कई बार अवगत कराया गया है
बाइट 3 ग्रामीण
बाइट 4 ग्रामीण