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गोंडाः नवाबगंज स्थित शैल सिंह स्मारक इंटर कॉलेज की साइकिल रैली को विधायक ने दिखाई हरी झंडी

Jan 30, 2025 18:10:03
Sirsa, Uttar Pradesh

नवाबगंज शिक्षा क्षेत्र के शैल सिंह स्मारक इंटर कालेज मे विधायक मनकापुर रमापति शास्त्री ने साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य राहुल सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री कीर्तीवर्धन सिंह, प्रतिनिधि कमलेश पांडेय, जनार्दन प्रसाद तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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PKPrakash Kumar Sinha
Oct 31, 2025 11:52:46
Patna, Bihar:पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हत्या की साजिश रच रहे छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने गुरुवार देर रात मैकडॉवेल गोलंबर के पास छापेमारी की, जहां चार युवकों को मौके से पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने नाला रोड इलाके से दो और बदमाशों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक देसी कट्टा, 11 जिंदा कारतूस, पांच मोबाइल फोन और दो मोटरसाइकिलें बरामद की गई हैं। पुलिस के अनुसार, पकड़े गए बदमाशों में सैदपुर मोड़ के केशव राज, राजेंद्र नगर के राजा कुमार उर्फ आदर्श, गाजीपुर के शिव कुमार, राजेंद्र नगर के विकास कुमार, नाला रोड के श्रवण और अमित शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह के सरगना केशव और शिवा हैं। व्हाट्सएप पर हुई एक बहस को लेकर इलाके के कुछ युवकों से इनका विवाद हुआ था, जिससे यह गिरोह हत्या की साजिश रच रहा था। पुलिस के पहुंचते ही सभी आरोपी भागने लगे, परंतु तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने उन्हें मौके पर ही दबोच लिया। फिलहाल सभी से पूछताछ जारी है और उनके आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है।
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RMRAHUL MISHRA
Oct 31, 2025 11:52:30
Noida, Uttar Pradesh:दिल्ली में नॉन कंफर्मिंग एरिया में चलने वाले गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को मान्यता देने के लिए दिल्ली सरकार ने लिया ठोस निर्णय लिया — शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद के नेतृत्व में ऐतिहासिक शिक्षा सुधार — आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूह (डीजी), और विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) छात्रों के लिए 20,000 नई सीटें उपलब्ध दिल्ली में दस वर्षों की उपेक्षा का अंत, पारदर्शी नीति के तहत नॉन कंफर्मिंग एरिया के विद्यालय अब शिक्षा निदेशालय (DoE) के दायरे में यह पहल संविधान के अनुच्छेद 21(क) एवं नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) के पूर्ण अनुपालन को सुनिश्चित करती है — शिक्षा मंत्री शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करने की ऐतिहासिक पहल, “नो चाइल्ड लेफ्ट बिहाइंड” के संकल्प को साकार किया दिल्ली सरकार ने — सूद दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आज बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दूरदर्शी नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए दिल्ली में नॉन कंफर्मिंग एरिया में चलने वाले गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को मान्यता देने के लिए ठोस निर्णय लिया है । इस निर्णय के अनुसार वह सभी गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल जो नॉन कंफर्म एरिया में काफी समय से चल रहे है और जिन्होंने शिक्षा निदेशालय से अभी तक किसी कारणवश मान्यता नहीं ली या पुरानी सरकारों के भेदभावपूर्ण व्यवहार के कारण उनको मान्यता नहीं मिल पाई ऐसे सभी स्कूल अब मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं । आवेदन करने के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय का पोर्टल 1 नवंबर 2025 से शुरू हो जाएगा । इस पोर्टल पर ऐसे सभी स्कूल जो मान्यता लेने के इच्छुक हैं वह 30 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद प्राप्त आवेदनों की छटनी की जाएगी और पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन जो मान्यता की सभी क्रिटेरिया को पूरा करते है उनकी एक लिस्ट जारी की जाएगी। दिल्ली में स्कूलों के लिए यह लंबित मामला था । इस पर लंबे समय के बाद इस पर निर्णय लिया गया है । जो राजधानी के हज़ारों बच्चों के लिए संवैधानिक शिक्षा के अधिकार को पुनर्स्थापित करता है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि पिछले एक दशक से यह मुद्दा फ़ाइलों में दबा रहा और हज़ारों बच्चे अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित रहे। दिल्ली में पहले सरकारों ने कुछ विद्यालयों को मनमानी तरीके से मान्यता दी और कुछ विद्यालयों की सरकार ने अनदेखी भी की थी । मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में हमने इस भेदभाव का अंत किया है। यह मात्र प्रशासनिक सुधार नहीं बल्कि हमारे बच्चों के लिए न्याय, संस्थानों के लिए निष्पक्षता और दिल्ली में शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक सच्चा कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल संविधान के अनुच्छेद 21-ए और बच्चों के निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई अधिनियम) का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करती है, जिससे दिल्ली सरकार की इस प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है कि प्रशासनिक या स्थान संबंधी बाधाओं के कारण किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पिछला मान्यता अभियान 2013 में चलाया गया था, जिससे चुनिंदा अनुमोदनों के माध्यम से केवल कुछ ही स्कूलों को लाभ हुआ था। नौकरशाही की उदासीनता और पिछली सरकारों की नीति-निष्क्रियता के कारण दस वर्षों से भी अधिक समय से नॉन कंफर्मिंग एरिया में कई स्कूल बिना मान्यता के चल रहे थे। परिणामस्वरूप आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूहों (डीजी) और विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) शिक्षण संस्थानों के पास रहने के बावजूद, मान्यता प्राप्त स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए। इसके विपरीत वर्तमान सरकार ने पक्षपात की राजनीति से हटकर एक पारदर्शी, न्यायसंगत और जवाबदेह प्रक्रिया शुरू की है और दिल्ली में शिक्षा के लोकतंत्रीकरण में एक नया मानदंड स्थापित किया है। सूद ने कहा कि इस निर्णय से लगभग 500 स्कूल अब शिक्षा निदेशालय (DoE) के दायरे में आ जाएँगे, जिससे वैधता, नियामक निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। इस सुधार से हज़ारों छात्रों को सीधा लाभ होगा। हर वर्ष शिक्षा निदेशालय को लगभग 40,000 सीटों के लिए ईडब्ल्यूएस/डीजी/सीडब्ल्यूएसएन श्रेणियों के अंतर्गत लगभग 2 लाख आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनमें से कई मान्यता प्राप्त स्कूलों की कमी के कारण खाली रह जाती है। नई मान्यता नीति से लगभग 20,000 अतिरिक्त सीटें सृजित होने की उम्मीद है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच का व्यापक विस्तार होगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम एवं नियम तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत मान्यता प्राप्त करने के लिए बुनियादी ढाँचे, सुरक्षा, शिक्षक योग्यता और शुल्क पारदर्शिता से संबंधित मानदंडों का पालन अनिवार्य है। यह स्कूलों को माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर तक उन्नत करने में भी सक्षम बनाता है, जिससे छात्रों के लिए शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित होती है। इन संस्थानों को शिक्षा निदेशालय की प्रत्यक्ष निगरानी में लाकर चाहे स्कूल कहीं भी हों सरकार ने गुणवत्ता, सुरक्षा और जवाबदेही के एक समान मानकों की गारंटी दी है । सरकार ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों का प्रवेश केवल शिक्षा निदेशालय द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ही करवाएं, क्योंकि मान्यता प्राप्त विद्यालयों में न केवल प्रमाणपत्रों की वैधता और सुरक्षा मानकों की गारंटी होती है बल्कि सरकारी योजनाओं एवं प्रवेश में भी छात्रों को लाभ मिलता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस परिवर्तन के दौरान किसी भी छात्र की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। प्रक्रिया को इस प्रकार तैयार किया गया है कि शिक्षा की निरंतरता बनी रहे और संस्थानों का उन्नयन सुचारु रूप से हो सके। यह ऐतिहासिक निर्णय दिल्ली सरकार की पारदर्शी, समावेशी और जवाबदेह शासन व्यवस्था का प्रतीक है, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ता है और यह सुनिश्चित करता है कि दिल्ली में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे。
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PKPrakash Kumar Sinha
Oct 31, 2025 11:52:06
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RSRAJEEV SHARMA
Oct 31, 2025 11:51:49
Bahraich, Uttar Pradesh:बहराइच में गन्ने के खेत में शिकार कर रहा बाघ, कार देख निकल गया बाहर, काफी दूर तक किया पीछा, वीडियो वायरल. खबर बहराइच से है, जहाँ कतर्नियाघाट क्षेत्र अंतर्गत धर्मापुर रेंज में एक बाघ गन्ने के खेत में शिकार कर रहा था. इसी दौरान खेत की तरफ जा रहे ग्रामीणों की कार देखकर बाघ बाहर आ गया और कुछ दूर तक वाहन का पीछा किया. इस दौरान कार में सवार लोगों ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद कर लिया. जो वीडियो सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, आपको बता दें कि हरखापुर गांव निवासी कुछ लोग four पहिया वाहन से अपने खेत की ओर जा रहे थे. इसी दौरान त्रिमुहानी के पास गन्ने के खेत में बाघ एक मवेशी का शिकार कर रहा था. वाहन को देखते ही बाघ खेत से बाहर निकल आया और कुछ दूर तक गाड़ी के पीछे दौड़ा. कार सवारों ने बाघ का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में शेयर किया, जो रोमांचक वीडियो सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है,
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PKPravesh Kumar
Oct 31, 2025 11:51:29
Ayodhya, Uttar Pradesh:अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा के सफल आयोजन के बाद अब जिला प्रशासन की अगली परीक्षा पंचकोसी परिक्रमा को लेकर है। यह परिक्रमा कल भोर चार बजे से शुरू होकर अगले दिन दोपहर दो बजकर सत्तावन मिनट तक चलेगी। देवोत्थानी एकादशी के पावन अवसर पर होने वाली यह परिक्रमा अयोध्या धाम की परिधि में करीब पंद्रह किलोमीटर लंबी यात्रा है। पंचकोसी परिक्रमा में मुख्य रूप से अयोध्या शहर के श्रद्धालु शामिल होते हैं, साथ ही बड़ी संख्या में संत-महंत भी आस्था के इस मार्ग पर कदम रखते हैं। हालांकि इस बार मौसम प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। मोन्ता चक्रवात के असर से बीते दो दिनों से अयोध्या में लगातार बारिश हो रही है। बावजूद इसके श्रद्धालुओं में उत्साह कम नहीं है। 14 कोसी परिक्रमा के दौरान बारिश में भी लगभग पच्चीस लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया था, और अब पंचकोसी परिक्रमा को लेकर भी उत्साह चरम पर है। इसी बीच कमिश्नर राजेश कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम निखिल टीकाराम फुंदे और एसएसपी गौरव ग्रोवर ने परिक्रमा पथ का निरीक्षण किया और सुरक्षा, स्वच्छता व यातायात व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं।
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KLKANHAIYA LAL SHARMA
Oct 31, 2025 11:50:56
Mathura, Uttar Pradesh:गोवर्धन में सड़क हादसा: कार ने बाइक सवार दो युवकों को रौंदा, दोनों की मौके पर मौत मथुरा। थाना गोवर्धन क्षेत्र के मथुरा–गोवर्धन मार्ग स्थित कल्याण करोति अस्पताल के समीप शुक्रवार को तेज़ रफ्तार कार ने बाइक सवार दो युवकों को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दोनों बाइक सवारों की मौके पर ही मौत हो गई。 सूचना मिलते ही गोवर्धन पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर तलाशी ली। हालांकि मृतकों के पास से कोई पहचान संबंधी कागजात नहीं मिले, जिसके चलते उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है。 पुलिस ने हादसे में शामिल कार को कब्जे में ले लिया है और चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हादसे की सूचना पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना की जांच शुरू कर दी है。
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DKDeepesh Kumar
Oct 31, 2025 11:50:47
Noida, Uttar Pradesh:3110ZN_HAJIPUR_YOGI_1345 removed the metadata. में हूँ योगी बिहार में ट्रेंड, भारी बारिश कीचड़ भी योगी के लिए जोश ठंडा न कर पाई - बिहार में महागठबंधन की राह में योगी रोड़ा भरोसा नहीं तो योगी के लिए अंधे लोगो का कीचड़ डांस देख लीजिए... बिहारियों का योगी बनने का प्रण... यह शादी नही है, बर्थडे पार्टी नहीं जिसमें युवा नाच रहे हैं... दरअसल यह चुनावी सभा है योगी को सुनने के बाद बिहार के लालगंज के युवा इस कदर योगी के रंग में लाल हो गए कि वह नाचते डांस करते नजर आए... बिना डीजे की धुन पर बिहार में योगी और बुलडोजर इस कदर ट्रेंड हो रहा है कि युवा मैं ही योगी अभियान चला दिया है... बिहारी कह रहे है कि मैं बनना चाहता हूं योगी... दरअसल बिहार के लालगंज में योगी आदित्यनाथ ने कहा की माफिया को मिट्टी में बुलडोजर मिला रहा है... जिसके बाद लोगों ने योगी- योगी और बुलडोजर बाबा के नारे लगाए... भारी बारिश के बीच में तीन बार लालगंज का कार्यक्रम टाला गया पर लोगों की भारी भीड़ और योगी को सुनने के लिए लोगों का इंतजार बारिश की मुसीबत के बीच मे आदित्यनाथ पहुंचे और सभा स्थल पर भारी बारिश एक फिट पानी और कीचड़ के बीच लोगों ने योगी को सुना और इस कीचड़ में डांस करते नजर आए... योगी की सभा में लोगों ने ज़ी न्यूज़ की दूरबीन से बुलडोजर बाबा को इस कदर निहारा कि वह बारिश और कीचड़ का व्यवधान भूल गए और योगी सुनने के लिए... (योगी की लालगंज की सभा से दूरबीन रिपोर्ट)
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ADAbhijeet Dave
Oct 31, 2025 11:50:15
Ajmer, Rajasthan:लोकेशन पुष्कर, अजमेर पुष्कर(अजमेर) अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में ऊंटों का जलवा, रेगिस्तान के जहाज ने सज-धजकर लगाए ठुमके,ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में दिखा पारंपरिक सौंदर्य का जलवा,ढोल की थाप पर ऊंटों ने किया नृत्य, जमकर बटोरा तालियां,विवाद ने डाली प्रतियोगिता पर छाया — अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप,ऊंट संवर्धन की आवश्यकता पर उठा सवाल एंकर -- तीर्थराज पुष्कर में विश्वविख्यात पुष्कर पशु मेला इन दिनों पूरे शबाब पर है। एक ओर नए मेला मैदान में ऊंट, घोड़े और अन्य पशुओं की खरीद-फरोख्त जोर पर है, वहीं दूसरी ओर पुराने मेला मैदान में देशी-विदेशी पर्यटकों का मेला संस्कृति के रंगों से परिचय कराने का सिलसिला जारी है। रविवार को मेले में “रेगिस्तान के जहाज” यानी ऊंटों की श्रृंगार और नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसने उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित ऊंट श्रृंगार गोरबंध प्रतियोगिता में ऊंट पालकों ने अपने ऊंटों को दूल्हा-दुल्हन की तरह सजाकर मंच के सामने प्रस्तुत किया। रंग-बिरंगे गहनों, कपड़ों और राजस्थानी पारंपरिक आभूषणों से सजे इन ऊंटों ने अपनी मनमोहक सजावट से देसी-विदेशी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतियोगिता में पहले स्थान पर सीकर के मांगीलाल, दूसरे पर चावडिया के अशोक सिंह और तीसरे स्थान पर गुमान सिंह को घोषित किया गया। इसके बाद हुई ऊंट नृत्य प्रतियोगिता मेले का मुख्य आकर्षण रही। लम्बे कद-काठी वाले ऊंटों ने ढोल की थाप पर अपनी अदाओं से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। किसी ऊंट ने खाट पर चढ़कर नृत्य किया, तो कुछ ने दो पैरों पर खड़े होकर करतब दिखाए। उनके साथ ऊंट पालक भी तालमेल बनाते हुए करतब दिखाते नजर आए। इस प्रतियोगिता में झुंझुझनू के नेकीराम ने पहला, सीकर के शीशपाल ने दूसरा और झुंझुनू के कपिल ने तीसरा स्थान हासिल किया। हालांकि, विजेताओं की घोषणा के बाद कैमल सफारी संगठन ने प्रतियोगिता के निर्णय पर सवाल उठाए। संगठन अध्यक्ष नारायण सिंह रावत ने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों का रवैया गैर-जिम्मेदाराना रहा और कई योग्य प्रतिभागियों के साथ न्याय नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऊंटों की संख्या हर साल घटती जा रही है, और यदि सरकार ने ऊंटपालकों को सहयोग नहीं दिया तो आने वाले वर्षों में राजस्थान की पहचान “रेगिस्तान के जहाज” को बचाना मुश्किल हो जाएगा। राजस्थान के लोक जीवन का प्रतीक यह ऊंट अब संरक्षण की मांग कर रहा है। हर साल पुष्कर मेले में ऊंटों की संख्या घट रही है, जो राज्य के सांस्कृतिक विरासत के लिए चिंता का विषय है। कैमल सफारी संगठन ने सरकार से ऊंटपालकों को प्रोत्साहन, चिकित्सीय सुविधाएं और आर्थिक सहायता देने की मांग की है ताकि इस पारंपरिक विरासत को जीवित रखा जा सके. बाइट -- नारायण सिंह,अध्यक्ष,कैमल सफारी एसोसिएशन
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AVArun Vaishnav
Oct 31, 2025 11:49:41
Jaipur, Rajasthan:पुष्कर(अजमेर) अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025 पुष्कर पशु मेला पहुंचा रौनक के शिखर पर, ऊंट श्रृंगार और नृत्य प्रतियोगाओं ने जमाया रंग, विदेशी पर्यटकों ने देखा “रेगिस्तान के जहाज” का अनोखा नृत्य, ढोल की थाप पर थिरके ऊंट, श्रृंगार प्रतियोगिता में सीकर के मांगीलाल ने मारी बाजी, कैमल डांस में झुंझुनू के नेकीराम रहे अव्वल, प्रतियोगिता परिणामों को लेकर मेला मैदान में विवाद, ऊंटों की घटती संख्या पर चिंता, ऊंटपालकों ने सरकार से संवर्धन की मांग की बाइट - श्याम सुन्दर सेन,प्रतिभागी ==== पुष्कर(अजमेर) अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में ऊंटों का जलवा, रेगिस्तान के जहाज ने सज-धजकर लगाए ठुमके,ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में दिखा पारंपरिक सौंदर्य का जलवा,ढोल की थाप पर ऊंटों ने किया नृत्य, जमकर बटोरा तालियां,विवाद ने डाली प्रतियोगिता पर छाया — अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप,ऊंट संवर्धन की आवश्यकता पर उठा सवाल एंकर --- तीर्थराज पुष्कर में विश्वविख्यात पुष्कर पशु मेला इन दिनों पूरे शबाब पर है। एक ओर नए मेला मैदान में ऊंट, घोड़े और अन्य पशुओं की खरीद-फरोख्त जोर पर है, वहीं दूसरी ओर पुराने मेला मैदान में देशी-विदेशी पर्यटकों का मेला संस्कृति के रंगों से परिचय कराने का सिलसिला जारी है। रविवार को मेले में “रेगिस्तान के जहाज” यानी ऊंटों की श्रृंगार और नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसने उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया। पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित ऊंट श्रृंगार गोरबंध प्रतियोगिता में ऊंट पालकों ने अपने ऊंटों को दूल्हा-दुल्हन की तरह सजाकर मंच के सामने प्रस्तुत किया। रंग-बिरंगे गहनों, कपड़ों और राजस्थानी पारंपरिक आभूषणों से सजे इन ऊंटों ने अपनी मनमोहक सजावट से देसी-विदेशी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतियोगिता में पहले स्थान पर सीकर के मांगीलाल, दूसरे पर चावडिया के अशोक सिंह और तीसरे स्थान पर गुमान सिंह को घोषित किया गया। इसके बाद हुई ऊंट नृत्य प्रतियोगिता मेले का मुख्य आकर्षण रही। लम्बे कद-काठी वाले ऊंटों ने ढोल की थाप पर अपनी अदाओं से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। किसी ऊंट ने खाट पर चढ़कर नृत्य किया, तो कुछ ने दो पैरों पर खड़े होकर करतब दिखाए। उनके साथ ऊंट पालक भी तालमेल बनाते हुए करतब दिखाते नजर आए। इस प्रतियोगिता में झुंझुनू के नेकीराम ने पहला, सीकर के शीशपाल ने दूसरा और झुंझुनू के कपिल ने तीसरे स्थान हासिल किया। हालांकि, विजेताओं की घोषणा के बाद कैमल सफारी संगठन ने प्रतियोगिता के निर्णय पर सवाल उठाए। संगठन अध्यक्ष नारायण सिंह रावत ने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों का रवैया गैर-जिम्मेदाराना रहा और कई योग्य प्रतिभागियों के साथ न्याय नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऊंटों की संख्या हर साल घटती जा रही है, और यदि सरकार ने ऊंटपालकों को सहयोग नहीं दिया तो आने वाले वर्षों में राजस्थान की पहचान “रेगिस्तान के जहाज” को बचाना मुश्किल हो जाएगा। राजस्थान के लोक जीवन का प्रतीक यह ऊंट अब संरक्षण की मांग कर रहा है। हर साल पुष्कर मेले में ऊंटों की संख्या घट रही है, जो राज्य के सांस्कृतिक विरासत के लिए चिंता का विषय है। कैमल सफारी संगठन ने सरकार से ऊंटपालकों को प्रोत्साहन, चिकित्सीय सुविधाएं और आर्थिक सहायता देने की मांग की है ताकि इस पारंपरिक विरासत को जीवित रखा जा सके。 बाइट नारायण सिंह,अध्यक्ष,कैमल सफारी एसोसिएशन
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ASANIMESH SINGH
Oct 31, 2025 11:49:18
Ujjain, Madhya Pradesh:उज्जैन। जबलपुर के अंजुमन इस्लामिया स्कूल में जुमे को छुट्टी और रविवार को स्कूल संचालित करने के फैसले पर मचा बवाल अब राजनीतिक और धार्मिक रंग लेने लगा है। इस बीच मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक समान व्यवस्था है। किसी भी धर्म, पंथ या समुदाय के नाम पर स्कूलों में छुट्टी या समय में बदलाव उचित नहीं है। सभी संस्थानों को राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना चाहिए। पटेल ने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य समाज में सद्भाव बनाए रखना है, न कि टकराव पैदा करना। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्कूल किसी धार्मिक कारण से छुट्टी तय कर रहा है, तो उसे पहले शासन से अनुमति लेनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा यदि स्कूल ने नियमों का उल्लंघन किया है, तो रिपोर्ट लेकर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। धर्म और शिक्षा — दोनों अपने स्थान पर हैं, लेकिन दोनों को मिलाना ठीक नहीं।
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RKRupesh Kumar
Oct 31, 2025 11:49:05
Betul, Madhya Pradesh:बैतूल जिले के आमला थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर की गई एक विवादित पोस्ट के बाद माहौल गर्मा गया है। जिस युवक पर यह पोस्ट डालने का आरोप है, उसका नाम हरण खान बताया जा रहा है। हरण की उम्र महज 16 साल है। जब जी मीडिया की टीम हरण के घर पहुंची तो उसके पिता असलम खान ने इस पूरे मामले پر अपनी प्रतिक्रिया दी। आमला थाना क्षेत्र के रतेड़ा कला गांव में रहने वाले हरण खान पर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि हरण खान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक ऐसी पोस्ट साझा की, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। जब जी मीडिया की टीम हरण के घर पहुंची तो उसके पिता असलम खान ने बताया कि उनका बेटा दसवीं फेल है और ट्रक पर कंडक्टरी का काम करता है। पिता ने बताया कि हरण की उम्र अभी सिर्फ 16 साल है। पिता ने बताया कि मुझे लोगों से पता चला है कि उसने कोई पोस्ट की है, मैं ने सभी से माफ़ी मांगी है; मेरा बेटा 10 वी तक पढ़ा है, ट्रक पर कंडक्टरी करता है। उसने अगर कुछ गलती से किया है तो हमें दुख है। वो अभी छोटा है, किसी झगड़े या विचारधारा में नहीं है। जिस गांव में हरण रहता है, वहां करीब ढाई सौ घर हैं, जिनमें से सिर्फ पांच घर मुस्लिम समुदाय के हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि एक शांत और सौहार्द्रपूर्ण माहौल वाले गांव के बीच हरण की ऐसी आपत्तिजनक सोच कैसे बनी? अब जांच का विषय यह भी है कि क्या हरण ने यह पोस्ट किसी विशेष विचारधारा के प्रभाव में आकर की, या फिर उसके पीछे कोई संगठित समूह सक्रिय है जो शांत फिजा वाले इलाकों में तनाव फैलाने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है और सोशल मीडिया पर फैली आपत्तिजनक पोस्ट की टेक्निकल जांच की जा रही है। 16 साल के एक किशोर द्वारा की गई विवादित पोस्ट अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। सवाल यह है कि धर्म को लेकर इतनी कम उम्र में इस तरह की सोच कैसे बनी, और क्या इसके पीछे कोई बाहरी प्रभाव तो नहीं?
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