Deoria: मदरसे में नहीं आते टीचर और बच्चे,अल्पसंख्यक विभाग की मानीटरिंग पर उठे सवाल
जिले के अल्पसंख्यक विभाग की निगरानी पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर मदरसों को लेकर। हरहंगपुर स्थित एडेड मदरसा मदनी दारुल उलूमा निस्वा मेंहा का मामला सामने आया है, जहां 200 से अधिक बच्चों का नामांकन तो है लेकिन रोज़ाना सिर्फ 25 से 30 बच्चे ही मदरसे में आते हैं। इस मदरसे में 12 टीचर और क्लर्क तैनात हैं, फिर भी 9वीं और 10वीं के बच्चे सिर्फ कागजों में ही पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। सरकार हर साल इन टीचर्स और स्टाफ पर लाखों रुपये खर्च करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जिले में कुल 17 एडेड मदरसे हैं, फिर भी अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारी न तो नियमित जांच करते हैं और न ही कोई कार्रवाई। इस लापरवाही को लेकर अब विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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