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क्या कांवड़ यात्रा से बढ़ेगा तनाव? जानिए मौलाना का क्या कहना है!
NJNEENA JAIN
FollowJul 16, 2025 12:32:02
Saharanpur, Uttar Pradesh
Date....16.7.2025
Name.... Neena jain
location... saharanpur
anchor.....6 PM INPUT- KAUSAR KANWAD VS NAMAZ
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के उपाध्यक्ष कौसर हयात ने कांवड़ियों से लोगों को खतरा बताया है...कहा है 15 मिनट की नमाज सड़क पर बर्दाश्त नहीं होती,आरोप है कि पुलिस ने कांवड़ियों को गुंडागर्दी करने का लाइसेंस दे रखा है...
तो इस इन सवालों के साथ मुस्लिमों के रिएक्शन मंगवाएं..
क्या मौलाना चाहते हैं कि नमाज के लिए हर शुक्रवार को शिविर लगाए जाएं?
क्या हर हफ्ते सड़क बंद हो, हजारों जवान तैनात किए जाएं सिर्फ इसलिए कि 15 मिनट की नमाज खुले में हो सके?
क्या अब सार्वजनिक जगहों को धार्मिक प्रदर्शन का मंच बना देना चाहिए?
अगर कांवड़ यात्रा सड़क पर चलती है, तो क्या अब आप हर शुक्रवार सड़कों पर कब्जा चाहते हैं?
इस पर मौलाना चांद मियां का कहना है कि कौशल हयात क्या कह रहे हैं इससे उनका मतलब नहीं है लेकिन यह हकीकत है कि हिंदुस्तान में हिंदू और मुसलमान शुरू से साथ रहते आए हैं लेकिन जब से भाजपा का राज आया है खासकर उत्तर प्रदेश उत्तराखंड भाजपा की आई है मुसलमान को दलित से भी नीचे करने का काम किया जा रहा है। रही बात पुलिस प्रशासन की पुलिस प्रशासन तो अधीन होती है सरकारके। पुलिस प्रशासन तो मुख्यमंत्री के अधीन होती है। सचिवालय के अधीन होती है प्राइम मिनिस्टर के अधीन होती है तो वो। यह बात सत्य है इसमें कोई दो राय नहीं है। कावड़िया श्रद्धालु है और श्रद्धालुओं का हम सम्मान करते हैं। उसमें कुछ लोग ऐसे होते हैं जो तांडव फैलाते हैं। इस बार तो पुलिस कार्रवाई कर रही है हमने आवाज उठाई थी तो पुलिस ने कार्रवाई की है इस बार। लेकिन यह हकीकत है कि 5 मिनट की नमाज 15 मिनट की नमाज लोगों को हजम नहीं होती है। जिसमें सरकार का पूरा संरक्षण है सरकार को। आज भी हम अगर मस्जिद के बाहर खड़े होकर कोई अपने धर्म की बात करता है अपनी बात करता है तो या फिर नमाज पढ़ता है तो उसके खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। और मीडिया का भी उसमें पूरा हाथ होता है वह यह बात दिखता है जबकि उसका काम सही दिखाना होता है यह लोकतंत्र का चौथास्तंभ है यह भी दिखाइए जब रमजान की ईद की बकरा ईद की नमाज होती है तो आप दिखाई यहां पर इतनी भीड़ हो गई है। आपको यह भी दिखना चाहिए कि श्रद्धालु के नाम पर जो तांडव हो रहा है पूरे हिंदुस्तान में। कौशल हयात ने बिल्कुल सही कहा है। भारत में दो कानून चलाए जा रहे हैं हिंदू और मुसलमान के नाम पर जो कि नहीं चलनी चाहिए।
वही हाफिज मोहम्मद उवैश का कहना है कि कवाडे आस्था का प्रतीक है और वह आस्था के साथ कावड़ लेकर जाते हैं लेकिन उसमें कुछ गुंडे सामाजिक तत्व घुस जाते हैं और वह माहौल बिगड़ते हैं वह कावड़ के नाम पर दंगा करते हैं हुडदंग करते हैं जिस देश का माहौल खराब होता है एक खास कम्युनिटी को निशाना बनाकर खौफ जदा किया जाता है। यह बिल्कुल गलत है यह नहीं होना चाहिए जो कावड़ लेकर जा रहे हैं कावड़ लेकर आ रहे हैं वह कभी इस तरह की हरकत नहीं कर सकते लेकिन जो कावड़ की आड़ लेकर गुंडा तत्व असामाजिक तत्व के लोग इसमें शामिल हो जाते हैं। वह देश का बहुत खराब कर रहे हैं वह धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और अभी देखने को मिला है हरिद्वार में कुछ लोगों ने वहां पर कुंडागर्दी करने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन पर लाठियां बजाकर उन्हें सबक सिखाने का काम किया है जहां तक यह बात है की कावड़ यात्रा सड़क पर चलती है उनके लिए खास इंतजाम किए जातेहैं तो मुसलमान की बात करें तो नमाज भी 5 या 15 मिनट की होती है और जब मस्जिद है ईदगाह भर जाती है तब ऐसे में लोग सड़क पर आते हैं तो मुसलमान के लिए भी सड़कों पर नमाज पढ़ने की इंसान होने चाहिए जैसे कांवड़ियों के लिए इंतजाम होते हैं ऐसे मुसलमान के लिए भी होने चाहिए
बाइट.. मौलाना चांद मियां
बाइट... हाफिज मोहम्मद उवैश
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