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Narayanpur494661
रक्षाबंधन पर आत्मसमर्पित नक्सलियों की भावुकता ने जीता सबका दिल!
HSHEMANT SANCHETI
Aug 08, 2025 10:45:13
Narayanpur, Chhattisgarh
एंकर - रक्षाबंधन स्पेशल: नक्सलवाद छोड़ने के बाद पहली बार बहनों से राखी बंधवाते भावुक हुए आत्मसमर्पित नक्सली नारायणपुर। नक्सल संगठन के खूनी रास्तों पर चलने वाले ये लोग शायद कभी सोच भी नहीं पाए थे कि उनके जीवन में ऐसा दिन आएगा, जब वे खुलेआम समाज में बैठकर रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व को मना पाएंगे। नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर समाज की मुख्यधारा में लौटे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर अपने जीवन का वह सपना पूरा किया, जो सालों से अधूरा था — अपनी बहनों से राखी बंधवाने का। नक्सल संगठन में रहते हुए इन लोगों के लिए रक्षाबंधन सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख थी, जिसका उनके जीवन में कोई मायने नहीं था। जंगलों में हथियार के साए और खून-बारूद के बीच भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते की गर्माहट को महसूस करने का मौका कभी नहीं मिला। लेकिन इस बार नारायणपुर जिला मुख्यालय में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में जब आत्मसमर्पित नक्सलियों की कलाई पर राखी बंधी, तो वर्षों से सूनी पड़ी कलाई मानो भाई-बहन के प्रेम से भर उठी। 25 साल बाद बहनों से राखी बंधवाने का सुख सरेंडर करने वाले कमलेश (उम्र 39) की आंखें तब भर आईं जब एक छोटी बच्ची ने उनकी कलाई पर राखी बांधी। 14 साल की उम्र में नक्सल संगठन में शामिल हुए कमलेश ने 25 साल जंगलों में बिताए। उन्होंने कहा — "जब से होश संभाला, रक्षाबंधन जैसे त्योहार सिर्फ दूसरों के लिए होते थे। बहनें गांव में होंगी, उनके अपने भाई होंगे, लेकिन मेरे लिए तो बंदूक और पहरा ही सब कुछ था। आज लगता है जैसे जिंदगी लौट आई है।" इसी तरह सुखलाल, जिसने 19 साल नक्सल संगठन में गुजारे, ने भी कहा — "हम बहनों से दूर, त्योहारों से दूर रहे। हमें यह अहसास ही नहीं था कि राखी बंधवाने पर दिल में कैसी खुशी होती है। आज जब इन मासूम बच्चियों ने हमें राखी बांधी, तो मन भर आया।" सुरक्षा बलों और प्रशासन का मानवीय पहलू रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों के सहयोग से किया गया था। उद्देश्य केवल पर्व मनाना नहीं, बल्कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को यह महसूस कराना था कि वे समाज के अभिन्न अंग हैं। कार्यक्रम में स्थानीय स्कूली छात्राओं और महिलाओं ने राखी बांधी और तिलक कर मिठाई खिलाई। पुलिस के अफसरों ने कहा कि इस तरह के मानवीय आयोजनों से आत्मसमर्पित नक्सलियों का मनोबल बढ़ता है और वे तेजी से समाज में घुल-मिल पाते हैं। "रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, यह विश्वास और रिश्तों का पुनर्जन्म है," एक अधिकारी ने कहा। राखी के धागों में बंधा विश्वास आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए यह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उनकी जिंदगी में बदलाव का ठोस सबूत था। राखी के धागों ने उनके अतीत और वर्तमान के बीच एक पुल बना दिया — एक तरफ खून-खराबा, अविश्वास और भय का अंधेरा अतीत, तो दूसरी ओर प्रेम, भाईचारे और सुरक्षा का उजला भविष्य। बहनों ने भी इस मौके पर कहा कि वे इन ‘नए भाइयों’ के लिए दुआ करेंगी कि वे कभी भी उस पुराने रास्ते की ओर न लौटें। कुछ बच्चियों ने मासूमियत से कहा कि उन्हें अच्छा लगा कि अब उनके ‘भाई’ उनकी रक्षा करने के लिए समाज में मौजूद हैं। जंगल से समाज तक की कठिन यात्रा कमलेश और सुखलाल जैसे कई आत्मसमर्पित नक्सली बताते हैं कि संगठन छोड़ना आसान नहीं था। वर्षों तक जंगलों में एक ही सोच के साथ जीते हुए अचानक समाज में लौटना, लोगों के बीच रहना और त्योहार मनाना एक अलग ही अनुभव है। "जंगल में सिर्फ आदेश, डर और हिंसा थी। यहां लोग गले लगाते हैं, मिठाई खिलाते हैं, राखी बांधते हैं… यह फर्क ही जिंदगी बदल देता है," कमलेश ने कहा। रक्षाबंधन ने जगाई नई उम्मीद यह कार्यक्रम आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने भी भरोसा दिलाया कि वे ऐसे लोगों को रोजगार, शिक्षा और रहने की व्यवस्था में हर संभव सहयोग देंगे। रक्षाबंधन जैसे अवसर उन्हें यह एहसास कराते हैं कि वे अब सिर्फ ‘पूर्व नक्सली’ नहीं, बल्कि समाज के जिम्मेदार सदस्य हैं। बच्चों के साथ हंसी-खुशी के पल कार्यक्रम के दौरान आत्मसमर्पित नक्सली बच्चों के साथ खेलते, बातें करते और मिठाई बांटते नजर आए। कई ने तो पहली बार सार्वजनिक रूप से बच्चों को गोद में उठाया, उनकी बातें सुनीं और फोटो खिंचवाई। एक समय जिन हाथों में हथियार थे, अब वे हाथ राखी की डोर थामे थे। एक नई शुरुआत रक्षाबंधन का यह पर्व इन लोगों के जीवन में सिर्फ एक दिन की खुशी नहीं, बल्कि एक नए सफर की शुरुआत है। राखी के इन धागों में उनके लिए जिम्मेदारी, विश्वास और अपनत्व की डोर बंध चुकी है। अब उनके सामने केवल एक ही रास्ता है — समाज की सेवा, बहनों की रक्षा और अपने अतीत से हमेशा के लिए दूरी। बाइट 01 मुकेश आत्मसमर्पित नक्सली बाइट 02 सुखलाल आत्मसमर्पित नक्सली बाइट 03 आत्मसमर्पित नक्सली
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Dec 08, 2025 22:43:26
Mihinpurwa, Uttar Pradesh:बहराइच -थाना मोतीपुर क्षेत्र अंतर्गत जालिम नगर चौकी पर तैनात दरोगा राहुल गुप्ता अपनी बाइक से ड्यूटी पर जा रहे थे तभी अचानक सोमवार के शाम लगभग 5:00 नानपारा लखीमपुर हाईवे कुडवा चौराहा के पास तेज रफ्तार से आ रही अज्ञात पिकअप वाहन की चपेट में आने के कारण गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़े, इस सड़क दुर्घटना में दरोगा राहुल गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गए, आनन फानन में ग्रामीणों द्वारा उन्हें निजी साधन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीपुर भेजा गया जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें मेडिकल कॉलेज बहराइच रेफर कर दिया गया। घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है मोतीपुर पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है।
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Dec 08, 2025 19:31:02
Jalaun, Uttar Pradesh:ब्रेकिंग न्यूज़: जालौन ​ट्यूशन पढ़ने गया 11 साल का बच्चा लापता, परिजनों ने उरई कोतवाली में दी सूचना ​जालौन : जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से निकला एक 11 वर्षीय बालक रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। ​घटना: बताया जा रहा है कि बच्चा हमेशा की तरह ट्यूशन पढ़ने के लिए गया था, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटा। ​परिजनों में हड़कंप: बच्चे के देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। ​पुलिस को सूचना: निराश परिजनों ने तत्काल इसकी सूचना उरई कोतवाली पुलिस को दी है। ​पुलिस कार्रवाई: पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है और बच्चे की तलाश में जुट गई है।
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Dec 08, 2025 18:45:43
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HBHemang Barua
Dec 08, 2025 18:45:19
Noida, Uttar Pradesh:Goa के नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.. अब इस मामले में गोवा पुलिस,दिल्ली भी जांच करने पहुंच गई Zee News की टीम दिल्ली के मुखर्जी नगर के वृंदावन सोआईटी में उस घर पर पहुंची जहाँ नाइट क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा रहते हैं लेकिन अब इस आलीशान घर में कोई नहीं है गोवा पुलिस को जांच में पता चला है की नाईट क्लब के मालिक गौरव और सौरभ दोनों भाई हैं और इसके मालिक हैं... लेकिन आग लगने के बाद 7 दिसम्बर की सुबह दोनों विदेश फुकेट भाग गए हैं... गोवा पुलिस की एक टीम जांच करने के लिए इस घर पर भी आई थी...लेकिन दोनों नही मिले हैं... अब पुलिस यहां से सीसीटीवी भी साथ लेकर गई है...और मामले की जांच कर रही है
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