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22 साल बाद खोया बेटा मिला, माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं!
Panna, Madhya Pradesh
1-- 22 साल पहले बस अड्डे से गायब हुआ बालक मिला
2-- झांसी (उप्र) के पालर गांव में 22 साल तक बंधुआ मजदूर बनाकर रखा
3-- खोए हुए बेटे को पाकर माता पिता के छलके आंसू भावुक हुए गांव के लोग , स्वागत में उमडा पूरा गांव ,
4-- बैंड बाजा, कलश , आतिशबाजी और मिठाई खिलाकर किया स्वागत
एंकर -- सोचिए 22 सालों पहले खोया हुआ एक बेटा जिसकी तलाश करते-करते माता-पिता बूढे हो गए, इंतजार करते-करते आंखें थक गई , .........अचानक सामने आ जाए तो परिवार को कितनी खुशी होगी । 22 साल बाद फिर अपने बेटे को पाकर माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसुओं की बरसात होने लगी वहां आस पास मौजूद लोग भी भावुक हो गए। मामला पन्ना के अजयगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत जैतूपुर का है।
बस अड्डे से गायब हुआ था 15 साल का बालक
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बात 22 साल पुरानी है । रामकेश पाल पिता रामकेश पाल उम्र 15 साल अपने रिश्तेदारों के साथ चाचा की लड़की की विदा करवाने उसकी ससुराल ग्राम चंदौली जिला बांदा उत्तर प्रदेश गया हुआ था। जहां से वापस लौटने पर ग्राम करतल (उप्र ) के बस अड्डे से वह अचानक गायब हो गया । माता-पिता ने काफी तलाश की हर रिश्तेदार , जानकार से संपर्क किया । पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज करवाई , तमाम देवी देवताओं के मंदिरों में अर्जी लगाई तांत्रिकों और ज्योतिषियों से भी संपर्क किया लेकिन खोए हुए पुत्र का कहीं कुछ पता नहीं चला।
उधर रामकेश ने भी दोबारा परिवार से मिल पाने की उम्मीद छोड़ दी थी। क्योंकि जिन लोगों ने उसे बंधक बनाया था , वह झांसी के ग्राम पालर में बाहरी दुनिया से दूर उसे केवल खेती किसानी के काम तक सीमित रखते थे, धीरे धीरे वह अपने माता-पिता भाई-बहन और गांव को भी भूल चुका था। लेकिन रामकेश के वहां बंधक होने की भनक झांसी के एक सामाजिक कार्यकर्ता को लग गई जिसने गुपचुप तरीके से रामकेश से संपर्क कर उसके घर परिवार के बारे में जानकारी ली, रामकेश को भी अपने परिवार से मिलने की उम्मीद जाग गई।
वॉइस ओवर--बंधक रहे रामकेश ने बताया कि उसे यह तो याद नहीं कि वह झांसी के पालर गांव कैसे पहुंचा लेकिन यह याद आ गया था । कि वह अजयगढ़ क्षेत्र के ग्राम जैतूपुर का निवासी है और मेरे पिता का नाम राम आसरे पाल है।
बंधक बनाकर रखने वालों ने उसका नाम और पहचान बदलकर करण पाल पिता रामपाल पाल के नाम पर उसका गलत आधार कार्ड बनवा दिया गया था ।ताकि किसी को शक ना हो , लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता ने ग्राम पंचायत जैतूपुर के सरपंच अरविंद पटेल से संपर्क किया और गांव के लोगों से 22 साल पहले खोए व्यक्ति के बारे में पता किया। जिस पर राम आसरे का पुत्र 22 वर्ष पूर्व खोने की जानकारी प्राप्त हुई ।सारी बातें स्पष्ट होने के बाद सरपंच ने अजयगढ़ थाना के टी आई बखत सिंह से संपर्क किया । पन्ना पुलिस ने झांसी (उप्र)पुलिस से संपर्क किया और 28 जून 2025 को रामकेश के पिता भाई चाचा एवं परिवार के लगभग सात लोगों के साथ झांसी रवाना हुए जहां सामाजिक कार्यकर्ता और झांसी पुलिस के सहयोग से रामकेश परिवार को मिल गया।
खोए हुए पुत्र को लेकर जब पिता सहित सभी गृह ग्राम जैतूपुर पहुंचे तब भाई बहन भी खुशी से झूम उठे अपने पुत्र को देखकर बुजुर्ग हो चुकी मां लिपट कर रोने लगी । जिससे लोग भावुक हो गए।रामकेश के स्वागत के लिए पूरा गांव उमड पड़ा लोगों ने बैंड-बाजों, फूल मालाओं, कलश और आतिशबाजी से स्वागत किया। रामकेश के घर वापसी पर ग्राम जैतुपुर में उत्सव जैसा माहौल बताया गया है। 22 साल तक अनाथ की तरह बंधक बनकर जिंदगी गुजारने वाला रामकेश भी अपना परिवार पाकर अपने आंसू नहीं रोक पाया। रामकेश 3 भाईयों में सबसे बडा है, 2 छोटी बहने हैं और 2 बडी, 22 साल बाद अपने जिगर के टुकड़े को पाकर राम आसरे एवं उसके पूरे परिवार ने सरपंच अरविंद पटेल एवं पुलिस का आभार जताया है।
बाइट - रामकेश पाल (जो बंधक रहा)
बाइट - बखत सिंह टी आई अजयगढ़
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