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Jodhpur342001

हाईकोर्ट ने निर्दोष की रिहाई से न्याय की नई मिसाल कायम की!

RKRakesh Kumar Bhardwaj
Jul 12, 2025 18:00:10
Jodhpur, Rajasthan
जोधपुर--राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश पारित करते हुए कहा कि मूल अधिकारों व कानून के शासन में आमजन के विश्वास के लिए निर्दोष व्यक्ति की स्वतंत्रता सर्वोपरि है। जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ ने अपने आदेश में याचिकाकर्ता को रिहा करने का आदेश पारित करते हुए मुआवजे के लिए सरकार को दो लाख रूपए देने का भी आदेश दिया है। गलत जाँच कर निर्दोष को जेल भेजने की चार्जशीट तैयार करने वाले जाँच अधिकारी व एसएचओ तारानगर के खिलाफ चूरू एसपी द्वारा विभागीय जाँच भी शुरू करवाई जाएगी। याचिकाकर्ता अमीचंद की ओर से अधिवक्ता कौशल गौतम ने कहा कि याची के निर्दोष होने के बावजूद मारपीट के एक मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया गया। यहा तक अभियुक्त बनाकर चार्जशीट भी कोर्ट में पेश कर दी गई। बाद में इस मामले में पुन जॉच करने के बाद सामने आया कि याची निर्दोष है तो पुलिस ने एडीजे कोर्ट तारानगर चूरू के समक्ष धारा 169 में रिहाई प्रार्थना पत्र पेश किया। पुन: जाँच में निर्दोष पाए जाने के बावजूद अमीचंद के रिहाई प्रार्थना पत्र को तारानगर एडीजे अदालत ने इस तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया था कि मामले में पुनः जाँच से पूर्व कोर्ट की अनुमति नहीं ली गई थी। एडीजे कोर्ट की ओर से 27 जून 2025 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए रिवीजन याचिका पेश की गई। हाईकोर्ट ने रिवीजन याचिका को स्वीकार करते हुए याची को रिहा करने का आदेश पारित किया। इसके साथ अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा कि मूल अधिकारों व कानून के शासन में आमजन के विश्वास के लिए निर्दोष व्यक्ति की स्वतंत्रता सर्वोपरि है। कोर्ट की अनुमति के बिना मामले में पुनर्जांच के तकनीकी बिंदु से हाईकोर्ट सहमत नही है। व्यवस्था में आमजन की स्वतंत्रता ही सर्वोच्च संवैधानिक स्तम्भ है,न्यायापालिक का दायित्व है कि वह निर्दोष व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन ना होने दे । यह मामला केवल गलत जाँच ही नहीं,बल्कि आधिकारिक कर्तव्यपालन के मामले में भी गंभीर अविश्वास पैदा करता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रथम जॉच अधिकारी एवं तारानगर एसएचओ के खिलाफ भी जॉच करने का आदेश पारित किया गया। हाईकोर्ट ने एक निर्दोष को जेल से रिहा करने के साथ ही दोनो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के भी निर्देश दिए है। बाईट कौशल गौतम अधिवक्ता
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