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Pratapgarh312605

दुबई से सलमान लाला की तस्करी: तीन दशक पुरानी साजिश फिर से सक्रिय!

HUHITESH UPADHYAY
Jul 08, 2025 05:38:43
Pratapgarh, Rajasthan
Slug : 0807ZRJ_PRTP_EXPOSURE_R जिला : प्रतापगढ़ विधानसभा : प्रतापगढ़ खबर की लोकेशन : प्रतापगढ़ जिला संवादाता : हितेष उपाध्याय, 9079154796 हेडर/हेडलाईन : तीन दशक बाद फिर वही साजिश, वही तस्करी, इस बार दुबई से रची गई स्कीम, सलमान लाला ने लिया वीजा, खरीदी करोड़ों की प्रॉपर्टी और जेल से ऑपरेट किया हथियारों का इंटरनेशनल नेटवर्क एंकर/इंट्रो : तीन दशक पहले मध्यप्रदेश के उज्जैन के एक सूखे कुएं में एके-47 की खेप मिली थी… अब, 30 साल बाद, उसी रूट पर फिर वही साजिश, वही तस्करी, लेकिन चेहरा बदल गया है। अब सामने आया है सलमान उर्फ सलमान लाला, एक नया नाम, लेकिन सोच वही पुरानी। दुबई से हथियार, प्रतापगढ़ के छोटीसादड़ी से गिरफ्तारी और जेल से तस्करी की रिमोट कंट्रोल ऑपरेशन… ये है इंडिया के दिल से चला आ रहा हथियारों का इंटरनेशनल नेटवर्क.... VO - प्रतापगढ़ जिले के छोटीसादड़ी में पुलिस ने एक जुलाई को जब सलमान लाला को गिरफ्तार किया, तो उसके पास से 14 विदेशी गन और 1800 से ज्यादा कारतूस मिले। ये महज़ एक गिरफ्तारी नहीं थी, ये एक पुराने नेटवर्क की परतें खोलने का संकेत था। याद कीजिए साल 1995 झरानिया के एक सूखे कुएं से एके-47 की 24 राइफलें और हजारों कारतूस मिले थे। तब अब्दुल लतीफ और सोहराबुद्दीन जैसे नाम सामने आए थे। अब 2025 में, वही पैटर्न फिर सामने आ रहा है। फर्क बस इतना है कि इस बार सब कुछ डिजिटल, ग्लोबल और ज्यादा हाईटेक हो चुका है। जैसे सोहराबुद्दीन ने अब्दुल लतीफ से जुड़कर नेटवर्क संभाला था, ठीक वैसे ही सलमान ने अपने पिता शेरखान से ये विरासत पाई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शेरखान खुद 90 के दशक में सोहराबुद्दीन के साथ हथियारों की सप्लाई में शामिल था, रिकॉर्ड में नाम नहीं, लेकिन हर ऑपरेशन में मौजूद। हालांकि सलमान के पिता पुलिस में रहते हुए अपराधियों से मिल चुके थे इसी को लेकर पुलिस की एक मुठभेड़ में उसका एनकाउंटर हो गया था। सलमान ने वही तंत्र डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया। व्हाट्सएप कॉल, मैसेंजर और जेल से रिमोट ऑपरेशन… सलमान सिर्फ सप्लायर नहीं, एक ऑपरेटर है। बाईट - विनीत कुमार बंसल, जिला पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ VO- अब सबसे चौंकाने वाली बात सलमान की दुबई साजिश। मार्च 2023 में उसने दुबई का रेजिडेंट वीजा हासिल किया और वहां 3.64 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी। हैरानी की बात ये है कि ये सब तब हुआ जब उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, धमकी और फिरौती जैसे केस चल रहे थे। पासपोर्ट बनवाने में उसने सभी आपराधिक मामलों को छिपा लिया, और फिर यूएई में खुद को ब्लैकस्मिथ बताकर पहचान भी हासिल कर ली। इसके बाद दुबई लैंड डिपार्टमेंट में उसने अपना फ्लैट रजिस्टर्ड करवा लिया । सब कुछ भारतीय पहचान के आधार पर। सवाल ये है कि आखिर ये सब करते वक्त सिस्टम कहां था?”नागदा में 2020 में पकड़ा गया तो हथियारों का जखीरा मिला। अब छोटीसादड़ी में फिर वही हथियार। पुलिस को शक है कि उसने रतलाम के नवाज के पास 30 लाख में हथियार गिरवी रखे थे। ये सब एक बार की डील नहीं, बल्कि सुनियोजित, लगातार चलने वाला अंतरराष्ट्रीय हथियार व्यापार है और सलमान उसका मास्टरमाइंड। अब सलमान के खिलाफ जांच एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हो चुकी हैं। विदेश मंत्रालय को पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दुबई में भारतीय दूतावास से प्रॉपर्टी डिटेल मंगवाई जा रही है। और अगर सबूत मिले कि ये संपत्ति अपराध से कमाए पैसे से खरीदी गई है, तो ईडी और इंटरपोल की जांच तय मानी जा रही है। क्लोजिंग एंकर : सलमान लाला की गिरफ्तारी ने सिर्फ एक गैंगस्टर को नहीं पकड़ा, बल्कि सिस्टम की चुप्पी, पासपोर्ट में चूक और अंतरराष्ट्रीय तस्करी के नए चेहरों को बेनकाब कर दिया है। सवाल अब सिर्फ सलमान पर नहीं, सिस्टम की आंखों पर भी है — जो तीन दशक बाद फिर वही गलती दोहरा रहा है।
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