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गंडक नदी में बढ़ता जलस्तर: क्या फिर से होगी बाढ़?
IAImran Ajij
FollowJul 10, 2025 15:00:20
Bagaha, Bihar
BIHAR DESK...
LOCATION- BAGAHA
REPORT- IMRAN AZIZ
FORMAT- WT/GROUND REPORT SPECIAL VISUAL BYTE
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ANCHOR- मानसून कि रफ़्तार थोड़ी धीमी जरूर हुईं है लेकिन नेपाल के तराई क्षेत्रों में हों रहीं वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है लिहाजा गंडक नदी में आज फ़िर 1 लाख 9 हज़ार क्यूसेक़ पानी का डिस्चार्ज किया गया है. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज़ से पानी छोड़े जाने के बाद दियारा के निचले इलाकों समेत मैदानी हिस्सों में पानी तेज़ी से फ़ैलने लगा है। जिसको लेकर जल संसाधन विभाग कि अलग अलग टीमों विभिन्न संवेदनशील कटाव स्थलों पर 24 घंटे सतत निगरानी में जुटी है वहीं कटाव से बचाव को लेकर पक्के ठोकर औऱ नोज बनाये गए हैं जबकि नदी तट पर बचाव सामग्री स्टॉक किये गए हैं। दावा किया जा रहा है कि कहीं भी कटाव नहीं होनें दिया जायेगा क्योंकि अभी महज़ एक लाख तक का डिस्चार्ज हों रहा है हालांकि 4 लाख से अधिक 6 लाख तक के डिस्चार्ज पर स्थिति भयावह जरूर हों सकती है।
बताया जा रहा है कि नेपाल के तराई क्षेत्र में वर्षा के कारण इलाके की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। यहीं वज़ह है की निचले इलाकों में गंडक व मसान नदी का पानी तेज़ी से फ़ैल रहा है औऱ हल्के दबाव बने हैं लेकिन स्थिति फिलहाल सामान्य है। क्योंकि जल संसाधन विभाग की ओर से तटबंधों की सतत निगरानी की जा रहीं है वाटर लेवल की प्रॉपर मॉनिटरिंग भी किये जा रहें हैं.
बात अगर बगहा के मंगलपुर औसानी स्थित बीबीएन कॉलेज काली घाट की करें तों यहाँ पिछले साल भीषण कटाव हुए थे लिहाजा हाथी पाँव का भी सहारा लिया गया था लेकिन इस बार 2025 मानसून सत्र में कटाव से बचाव को लेकर पक्के बांध व नोज बनाये गए हैं जिसकी खासियत है की नदी का पानी औऱ अधिक बढ़ने पर उसे वापस मुख्य धारा में टर्न कर सीधा बहाव में मदद मिलेंगी, किसान औऱ ग्रामीण भी इसकी सराहना कर रहें हैं लेकिन चिंता नेपाल में अगर अत्यधिक बारिश होती है औऱ वाल्मीकिनगर गंडक बराज़ से डिस्चार्ज 4 लाख क्यूसेक से अधिक होगा तक पानी रिहायशी इलाकों के मोहल्ले औऱ गावों में जरूर प्रवेश कर सकता है बावजूद इसके कटाव नहीं होनें दिये जाने का भरोसा जल संसाधन विभाग के अभियंता जरूर दिला रहें हैं क्योंकि अभी इस सीजन में 4 लाख क्यूसेक पानी नहीं पहुंचा है। वहीं रामनगर औऱ बगहा एक प्रखंड को जोड़ने वाली तमकुही में मसान नदी पुल के समीप कटाव रोधी कार्यों में भी तेज़ी लाई गईं है कुछ ज़रूरी काम पुरे किये गए हैं औऱ बचाव कार्यों हेतु आपदा की घड़ी से निपटने की पूरी तैयारी का भी दावा किया गया है।
अब देखना होगा की मानसून का मिजाज़ आगे कितना बदलता है औऱ नेपाल में कितनी अधिक औऱ वर्षा होती है जिसके बाद गंडक बराज़ से डिस्चार्ज कहाँ तक पहुँचता है क्योंकि अगर पिछले साल की तरह पानी 4 लाख क्यूसेक पार किया तों बड़ी तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता है।
हालात का ग्राउंड ज़िरो से जायजा लिया ज़ी मीडिया संवाददाता इमरान अज़ीज़ ने,
Wt इमरान अज़ीज़ ज़ी मीडिया बगहा
बाइट - श्री बीन, किसान
बाइट - शिव कुमार, स्थानीय
बाइट - शम्भू सुमन, अभियंता, जल संसाधन विभाग
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