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क्या भाई-भाई के रिश्ते में आया दरार? जानें पूरी कहानी!
AMAjay Mehta
FollowJul 10, 2025 14:01:27
Fatehabad, Haryana
[09/07, 9:53 pm] Ajay: ब्यान अजाने हरदेश पत्नी सतपाल वासी मकान न0.818/8 पुरानी डी.सी. ओफिस मो 7015272155
ब्यान किया है कि उपरोक्त पते का रहने वाली हूँ और घरेलु औरत हूँ मेरे चार बेटे है गौरव तीसरे नम्बर का है मेरे बेटे गौरव की शादी विजेता पुत्री सतीश कुमार वासी शान्ति नगर नजदीक ब्रहमपुरी कुटीया के साथ हिन्दु रीति रीवाज के अनुसार हुई थी और मेरा बेटा वा पुत्रवधु दोनो हिसार में ही प्राईवेट नौकरी करते थे फिर मेरा बेटे गौरव व पुत्रवधु विजेता के बेटी पैदा हुई बेटी पैदा होने के बाद मेरा बेटा व उसकी पत्नी हिसार आ गये उसके बाद कभी कबार ही मेरा बेटा व पुत्रवधु हमारे पास आते थे एक साल के बाद मेरे बेटे व पुत्रवधु ने आना जाना बन्द कर दिया। जब मेरे पति का देहान्त 2022 में हुआ था तब मेरा बेटा अकेला ही अपने पिता के दाह संस्कार पर आया था। जो दो दिन तक हमारे पास रहा था मेरे बेटे वा पुत्रवधु के बीच किसी बात को लेकर मन मुटाव चल रहा है मुझे इस बात का भी पता नहीं था और ना ही कभी मुझे मेरे बेटे व पुत्रवधु ने इस बारे में बताया वो दोनो हिसार ही रहते थे जब मेरे पति की तेहरवी थी उस समय मेरा बेटा घर पर आया था उसके बाद मेरे बेटे का हमारे साथ कोई सम्पर्क नहीं हुआ। ना तो मेरा बेटा हमारे पास आया और ना हम मेरे बेटे के पास गये। मेरे बेटे व पुत्रवधु अपनी मन मर्जी करते थे और मेरे कहने सुनने से बहार थे मैंने व मेरे बेटे अजय ने कभी भी इनकी शादी शुदा जीवन मे किसी प्रकार की दखल अदाजी नहीं दी मैने आपको सच्चाई बतला दी है मैने अपना ब्यान लिखा दिया पढ़ लिया जो ठीक है।
[09/07, 9:59 pm] Ajay: ब्यान अजाने अजय पुत्र सतपाल वासी मकान न0.818/8 पुरानी डी. सी. ओफिस मो 7015272155
ब्यान किया है कि उपरोक्त पते का रहने वाला हूँ और पत्रकार का काम करता हूँ हम चार भाई है गौरव तीसरे नम्बर का है मे भाई गौरव की शादी विजेता पुत्री सतीश कुमार वासी शान्ति नगर नजदीक ब्रहमपुरी कुटीया के साथ हिन्दु रीति रीवाज के अनुसार हुई थी और दोनो पति पत्नी हिसार में ही प्राईवेट नौकरी करते थे फिर मेरा भाई गौरव के बेटी पैदा हुई बेटी पैदा होने के बाद मेरा भाई व उसकी पत्नी हिसार आ गये उसके बाद कभी कबार मेरा भाई व उसकी पत्नी हमारे पास आते थे मगर कुछ समय बाद दोनों ने आना जाना बन्द कर दिया। जब मेरे पिता का देहान्त 2022 मे हुआ था तब मेरा भाई अकेला मेरे पिता के दाह संस्कार पर आया था। जो दो दिन तक हमारे पास रहा था तब मुझे पता चला मेरा भाई अपनी पत्नी विजेता के साथ अब नही रहती मुझे नहीं पता की क्यो नही रहती उसके बाद मेरा भाई हिसार चला गया फिर जब मेरे पापा की तेहरवी थी उस समय मेरा भाई घर पर आया था उसके बाद मेरे भाई का हमारे साथ कोई सम्पर्क नही हुआ। ना तो मेरा भाई हमारे पास आया और ना हम मेरे भाई के पास गये। मेरा मेरे भाई व उसकी पत्नी से कोई लेना देना नही है हमारा इसमे कोई कसुर ना है मैने अपना ब्यान लिखा दिया पढ़ लिया जो ठीक
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