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गाजियाबाद पोंजी घोटाले में IIT ग्रेजुएट की चौंकाने वाली भूमिका!

Piyush Gaur
Jul 07, 2025 05:04:06
Ghaziabad, Uttar Pradesh
गाजियाबाद में 500 करोड़ के बहुचर्चित पोंजी स्कीम लाइक घोटाले में अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। पुलिस मुठभेड़ के बाद दो शूटरों की गिरफ्तारी ने खुलासा किया है कि इस पूरे षड्यंत्र की जड़ में एक ऐसा दिमाग था, जिसने कभी IIT रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन अब वह ठगी और सुपारी किलिंग जैसे संगीन अपराधों में लिप्त है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में आरोपी अनुराग गर्ग ने 500 करोड़ की वेबवर्क पोंजी स्कीम के गवाह को चुप कराने के लिए उसकी हत्या की सुपारी दी थी, और फिर खुद बेल तुड़वाकर दोबारा जेल चला गया, ताकि किसी को उस पर शक न हो! आरोपी अनुराग गर्ग ने 2017 में "वेबवर्क" नाम से एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, जिसमें लोगों को 'लाइक' के बदले पैसा कमाने का झांसा देकर सैकड़ों करोड़ की ठगी की गई। इस घोटाले की जांच अब सीबीआई और ईडी तक पहुंच चुकी है। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि घोटाले को प्रमोट करने के लिए अनुराग ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान और अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी से प्रचार भी कराया था, जिससे जनता का भरोसा जीता जा सके। मामले का मुख्य गवाह अमित किशोर जैन जुलाई में कोर्ट में गवाही देने वाला था, लेकिन उससे पहले ही उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई। पुलिस की जांच में सामने आया है कि अनुराग गर्ग ने अमित की हत्या की सुपारी दी थी, और इस काम को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई थी दो नौजवान शूटरों को, जो अग्निवीर की तैयारी कर रहे थे। 17 जून को गाजियाबाद में अमित पर गोली चलाई गई, लेकिन सौभाग्यवश गोली सीधे नहीं लगी और वो बच गया। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में मुठभेड़ के दौरान दो शूटर – अमित यादव और अश्वनी को घायल अवस्था में दबोच लिया। इनके साथ इस साजिश में शामिल दो और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की पूछताछ में एक और नाम चौंकाता है – प्रियांशु गौतम। सिर्फ 12वीं पास ये युवक बुलंदशहर में एक स्कूल का मालिक है और हत्या की साजिश में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल के अनुसार, इस पूरी साजिश की योजना जेल में तैयार की गई थी। जैसे ही बेल मिली, अनुराग गर्ग बाहर आया, सुपारी दी और फिर वापस जेल में चला गया। ऐसा शातिर प्लान शायद ही किसी गैंगस्टर फिल्म में देखने को मिले। गवाह को चुप कराने की ये कोशिश अब पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले को एक मिसाल के तौर पर देख रही हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि पूछताछ में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। बाइट निमिष पाटिल, डी सी पी, ट्रांस हिंडन शॉट्स
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