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यमुना सफाई अभियान: क्या सिर्फ दिखावा है या सच में बदलाव?
Delhi, Delhi
स्लग :- यमुना सफाई अभियान: ज़मीनी हकीकत या सिर्फ दिखावा?
नोट :- वासुदेव घाट / कुरेशिया घाट के पुराने विजुअल है खबर में वह इस्तेमाल करें।
एंकर
दिल्ली में सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार ने यमुना सफाई को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया और वासुदेव घाट से सफाई अभियान का आगाज़ किया। लेकिन क्या यह अभियान केवल वासुदेव घाट तक ही सीमित है, या सरकार यमुना की सफाई को लेकर वास्तव में गंभीर है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए Zee मीडिया ने यमुना के विभिन्न घाटों का रियलिटी चेक किया, जिसमें चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
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दिल्ली की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना नदी. वर्षों से गंदगी और प्रदूषण का दंश झेल रही इस नदी को साफ करने का वादा हर सरकार ने किया है. सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और वासुदेव घाट से यमुना सफाई अभियान का शंखनाद किया. शुरुआती दिनों में वासुदेव घाट पर काफी रौनक दिखी, मशीनें लगीं, और कूड़े का ढेर हटाया गया. ऐसा लगा कि अब शायद यमुना के दिन फिरने वाले हैं।
लेकिन क्या यह सफाई सिर्फ वासुदेव घाट तक ही सीमित थी? इस सवाल का जवाब जानने के लिए, ज़ी मीडिया की टीम ने यमुना के कई अन्य घाटों का रियलिटी चेक किया।
वाकथरु / नसीम अहमद जगतपुर घाट से...
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Zee मीडिया की टीम ने जगतपुर यमुना घाट, कालीघाट, रामघाट और कई अन्य घाटों का दौरा किया। इन घाटों पर यमुना नदी में गंदगी के बड़े-बड़े अम्बार देखने को मिले। पॉलीथीन, प्लास्टिक कचरा, धार्मिक सामग्री और औद्योगिक कचरे का ढेर नदी में तैरता नज़र आया, जो यमुना की बदहाली की कहानी बयां कर रहा था। जगतपुर गांव के निवासी लक्ष्मण व अन्य निवासियों ने बनाया की कभी भी जगतपुर गांव के घाट की साफ सफाई नहीं होती अब यमुना उफान पर होगी तो घाट की सफाई यमुनामाई खुद अपने आप कर देगी और उसकी वाह वाही भी दिल्ली सरकार ही लौटेगी।
बाईट / लक्ष्मण सिंह चौधरी ब्लू शर्ट जंगतपुर घाट
बाईट / स्थानीय निवासी
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आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं वजीराबाद का रामघाट है जहां पर यमुना नदी में कूड़े का ढेर लगा हुआ है. पॉलीथीन, प्लास्टिक की बोतलें, धार्मिक सामग्री और न जाने क्या-क्या इस पवित्र नदी के पानी में तैर रहा है. पानी का रंग काला पड़ चुका है और हवा में एक अजीब सी दुर्गंध फैली हुई है. वहीं श्रद्धालु इसी यमुना के पानी में श्रद्धा अनुसार स्नान भी कर रहे हैं । यह यमुना का साफ व स्वच्छ पानी नहीं बल्कि कई प्रकार की बीमारियों को दावत देने वाला पात्र बन चुका है।
वाकथरु /नसीम अहमद रामघाट "से ....
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यहां रामघाट के स्थानीय लोगों से Zee मीडिया ने बात की तो रामघाट के पुजारी रजनीकांत चतुर्वेदी ने बताया कि यहां कभी सफाई नहीं होती और सफाई के नाम पर सिर्फ फोटोग्राफी की जाती है।यमुना की सफाई का दावा कितना हकीकत में बदल पाया है. वासुदेव घाट पर अभियान की शुरुआत तो हुई, लेकिन अन्य घाटों की स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई है।
बाईट / रजनीकांत चतुर्वेदी पुजारी रामघाट।
बाईट /स्थानीय निवासी
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फिलहाल Zee मीडिया की रियलिटी चेक में यह तस्वीर साफ हो पाया है कि अभी भी दिल्ली सरकार को प्रशासनिक अधिकारी को थोड़ा अमल मिलने की जरूरत है। उम्मीद करते हैं कि सरकार इस रियलिटी चेक से सबक लेगी और यमुना को वास्तव में स्वच्छ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी. लेकिन यह बात सत्य जरूर है जब से भाजपा सत्ता में आई है तब से यमुना नदी की सफाई का मुद्दा एक अहम मुद्दा बन चुका है। जिस पर काम होता हुआ कई घाटों पर दिखाई दे रहा है।
रिपोर्ट /नसीम अहमद
Zee मीडिया
उत्तरी दिल्ली
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