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झज्जर में बाढ़ से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद, प्रशासन पर किसानों का आरोप!

STSumit Tharan
Jul 17, 2025 10:04:32
Jhajjar, Haryana
झज्जर के चढ़वाना गांव में सैकड़ों एकड़ भूमि फसल पानी में डूबी :जलभराव होने से बाजरा,धान और कपाल की फसल खराब होने के कगार पर :ग्रामीणों ने बताया बाढ़ जैसे हालात की विभिषिका के लिए प्रशासन को जिम्मेवार कहा: हर साल पानी में डूब जाती है सैकड़ों एकड़ फसल,प्रशासन नहीं देता ध्यान :अपने संसाधनों से खेतों से पानी ने निकाल रहे है ग्रामीण,नहीं पहुंचा कोई प्रशासनिक अधिकारी :कई किसान ऐसे जिन्होंने बंटाई पर ले रखी थी बुआई के लिए कई-कई एकड़ जमीन :किसानों की मांग,पानी निकासी का स्थाई प्रबन्ध करे शासन और प्रशासन :बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी करा कर सरकार से मांगा खराब फसलों का मुआवजा एंकर रीड़ झज्जर,हरियाणा ---------------- पिछले कई दिनों से हो रही मानसूनी बरसात से हुए जलभराव की वजह से झज्जर के गांव चढ़वाना में सैंकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई। किसानों की माने तो उनके खेतों में कई-कई फुट बरसाती पानी खड़ा है और उसके निकलने के दूर-दूर तक भी कोई आसार नजर नहीं आ रहे है। किसानों का यह भी कहना था कि ऐसा नहीं है कि उनके गांव में पहली बार ऐसा हुआ हो,हर बार उनके यहां गांव में जलभराव से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है,लेकिन शासन और प्रशासन की तरफ से कोई भी स्थाई समाधान इस बारे में नहीं किया है। कुल मिलाकर किसानों ने उनके गांव में बाढ़ जैसी विभिषिका के प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है। किसान अपने संसाधनों से ही खेतों में जमा पानी को निकालने का प्रयास कर रहे है ताकि उनकी बर्बादी के कगार पर खड़ी फसल को बचाया जा सके। गांव चढ़वाना के किसान महेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके गांव में हर साल बाढ़ की वजह से फसलें खराब हो जाती है। जिसके लिए प्रशासन जिम्मेवार है। प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि टयूबवैल लगाकर जलस्तर को नीचा करेंगे,लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने उनकी धान और बाजरे की दो सौ एकड़ फसल खराब बरसाती पानी की वजह से होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उनके गांव की बदहाल स्थिति का जायजा लेने के लिए कोई अधिकारी भी यहां पर नहीं आता। किसान रोहताश ने भी जलभराव से उसकी फसल खराब होने की बात कही है। रोहताश का कहना था कि उसने 25 हजार रूपए प्रति एकड़ पर कई एकड़ जमीन बुआई के लिए ले रखी है,लेकिन बरसाती पानी की वजह से उसके द्वारा बोई गई सारी की सारी फसल खराब हो गई। अमृत नामक किसान ने भी बरसाती पानी से उसकी फसल के खराब होने की बात कही है। उसका कहना है कि उसने साढे़ पांच एकड़ जमीन बुआई के लिए ली हुई थी। उसमें उसने धान लगा रखा था। लेकिन जलभराव की वजह से सारा का सारा धान खराब हो गया। उसने कहा कि धान की रोपाई के ल िए 15 हजार रूपए से भी ज्यादा प्रति एकड़ा खर्चा उसका आ चुका है। लेकिन उसे लगता है कि इस बार उसे काफी नुकसान होगा। किसान अवतार सिंह ने कहा कि फसल जलभराव की वजह से पूरी तरह डूब चुकी है। धान की फसल पर बीस हजार रूपए से भी ज्यादा प्रति एकड़ का खर्च आ चुका है। लेकिन नुकसान के अलावा उन्हें कुछ हासिल होता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर ही वह पानी काे निकालने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने सरकार से फसलों की उचित गिरदावरी करा कर उन्हें मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। अन्य किसानों ने भी जलभराव से किसानों को नुकसान होने की बात कही है और किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग सरकार से रखी है। बाइट: किसान महेन्द्र सिंह,रोहताश,अवतार सिंह ,अमृत सिंह व अन्य किसान। वाक थ्रू झज्जर सुमित कुमार
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