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खतरे में बच्चे: टूटे पुल से स्कूल जाते छात्रों की दास्तान
Khunti, Jharkhand
रिपोर्ट - ब्रजेश कुमार
क्षेत्र - खूँटी
स्लग - खतरे का सामना करते बच्चे जा रहे स्कूल।
एंकर - खूँटी जिले के खूँटी सिमडेगा मुख्य मार्ग पर पैलोल के पास का बनई नदी में बना उच्च स्तरीय पुल ढह जाने के बाद स्थानीय लोगों को आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है। स्थानीय लोग खतरे का सामना करते हुए नदी पार कर रहे हैं तो कुछ लोगों का विडियो सीढ़ी बनाकर पार करने को विवश हैं। जिसमें टूटा हुआ पुल के उपर सीढ़ी बनाकर बच्चों को पार करा रहे हैं। वहीं बच्चे भी अपना भविष्य गढ़ने के लिए शिक्षा ग्रहण करने पाठशाला जा रहे हैं । इस समस्या से जूझ रहे बच्चे के अभिभावक सीढ़ी बनाकर उससे पार कराकर स्कूल पहुँचा रहे हैं। जो कि बनई नदी का टूटता पुल खतरे से खाली नहीं। हालांकि प्रशासन लोगों को आवागमन रोकने के लिए बैरिकेटिंग लगाकर बोर्ड तो लगा दिया है पर, जिनको आवश्यकता है वो वैसे ही किसी तरह पार करने को मजबूर हैं। जिसे बनाने या बायपास सड़क निर्माण के लिए अबतक प्रशासन कोई पहल नहीं किया। जबकि पुल टूटने के बाद घोषणाएं की गयी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि ग्रामीण जनता काम छोड़ दें और बच्चे पढ़ाई छोड़ दें यह सवाल उठ रहा है। हालांकि लोग जान जोखिम में डालकर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवागमन करने को मजबूर हैं। पुल पर स्थानीय जुगाड़ ही आसपास के ग्रामीण लोगों के लिए एक मात्र गंतव्य साधन है। जो स्कूल, बाजार, दुकान, खेत आदि आवागमन करते हैं।
विद्यार्थियों ने बताया कि बनई नदी का पुल टूट गया है, और यहां सीधी बनाया गया है तो उसी से पार करके स्कूल जाते हैं। डर तो लगता है लेकिन स्कूल भी जाना जरूरी है। यहाँ से आने जाने के लिए और कोई उपाय नहीं है। सरकार और जिला प्रशासन से आग्रह है कि यहां डायवर्सनबन जाता तो आवा गमन में सुविधा होती।
खेत में काम करने वाले ग्रामीण ने बताया कि खेती करने के लिए पुल पर करके ही आना-जाना होता है।
पैलोल की ग्रामीण और खाद बीज की दुकानदार लक्ष्मण महतो ने बताया कि किसानों को खाद बीज लेने के लिए भी काफी समस्या हो रहा है। यह एक समय में खाद बीज खरीदने के लिए काफी दिन होती थी लेकिन फूल टूट जाने के कारण से काफी समस्या हो रही है किसानों को 20 किलोमीटर दूर घूम करके खूँटी जाकर सामान लेना पड़ रहा है। दूर-दूर से लोग यहां खाद बीज लेने आते थे लेकिन लोगों को काफी समस्या हो रही है कुछ लोग तो नदी पार करके सामान लेने आ जा रहे हैं लेकिन खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
बाईट - विद्यार्थी।
बाईट - विद्यार्थी।
बाईट - ग्रामीण।
बाईट - इलियास तिड़ू , ग्रामीण।
बाईट - लक्ष्मन महतो , दुकानदार।
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