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वाराणसी में खूनी संघर्ष: गाय के विवाद ने बढ़ाई जातीय लड़ाई की जड़ें!
JPJai Pal
FollowJul 12, 2025 14:32:01
Varanasi, Uttar Pradesh
वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में 5 जुलाई को खेत में गाय घुसने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। एक ठाकुर, दूसरा राजभर था। हुआ यूं कि संजय सिंह के खेत में छुट्ट्टा गाय घुस गई। एक बार संजय सिंह ने गाय को भगाया तो गाय राजभर बिरादरी के लोगों के खेत में घुस गई। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। देखते ही देखते मारपीट ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया।
आरोप है कि अनुराग सिंह, संजय सिंह पर दूसरे पक्ष ने तलवार से हमला बोल दिया। फिर दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए। एक-दूसरे पर लाठी-डंडे बरसाए। पुलिस के सामने ही संजय सिंह और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पीटा। पुलिस घायलों को लेकर जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां भी संजय सिंह पर हमला कर दिया।
दोनों पक्ष के घायल हुए लोगों को ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर घायलों से मिलने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। इस मामले में 6 जुलाई को चौबेपुर थाने में ज्वाला प्रसाद राजभर की तहरीर पर संजय सिंह, अनुराग सिंह, अमित सिंह और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। अनुराग सिंह और अमित सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
जबकि, संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तरफ से दी गई तहरीर पर कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस जब मौके से संजय सिंह और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को ले जा रही थी, तभी राजभर पक्ष के लोगों ने उन्हें पुलिस की जीप से उतारकर पीटा। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह समर्थकों के साथ घायल संजय सिंह से मिले। इसके बाद केस दर्ज कराने चौबेपुर थाने पहुंचे।
करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह ने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव के चलते पुलिस संजय सिंह पर हमला करने वालों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर रही। करणी सेना के लोग 7 जुलाई की शाम तक केस दर्ज कराने के लिए थाने में डटे रहे।
फिर, 8 जुलाई को संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तहरीर पर पुलिस ने छह नामजद और एक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों में भोला राजभर, राम गुलाम राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेंद्र राजभर, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात हैं।
इस घटना के बाद अब राजनीतिक दल सक्रीय हो चुके हैं. कुछ राजनीतिक दल के नेताओं ने राजभर समाज के लोगों को समर्थन देना शुरू कर दिया है। सुहेलदेव समाज पार्टी से ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने गांव जाकर राजभर समाज से मिलकर एसआईटी जांच करवाने और पीड़ित को न्याय दिलाने की बात कही. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी का भी एक प्रतिनिधिमंडल पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचा।
समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के दो नेताओं के अंतर कलह की लड़ाई है जिसे जातीय संघर्ष में तब्दील कर दिया गया है उन्होंने इशारों इशारों में ही कहा एक यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और दूसरे पूर्व केंद्रीय मंत्री के बीच कि यह लड़ाई राजपूत बनाम राजभर की लड़ाई बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ित के साथ खड़ी है। जो कमजोर है हम उसके साथ खड़े हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि राजपूत कहीं से कमजोर नहीं हैं। राजपूत इतना मजबूत है कि वो अपनी लड़ाई खुद लड़ सकता है।
इस पूरे मामले में चौबेपुर थाना प्रभारी को हटा दिया गया है एवम् उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन भी कर दिया गया है।
Available Elements:-
in Server (TVU-58)
1- WT- (दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय वाराणसी से)
2- राजपूत पक्ष के पीड़ित के साथ TT ( अस्पताल से)
3- TT-2-: वीरेंद्र सिंह, सांसद, समाजवादी पार्टी
4- TT-3-: आलोक सिंह, जिलाध्यक्ष, करणी सेना
In 2C Visual
1- विवाद स्थल ( जहां बांस के पेड़ लगे हैं)
2- गांव का मौजूदा स्थिति वाला वीडियो
3- समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल
4- एंबुलेंस में मारपीट का वीडियो?
5- बाईट- अरविंद राजभर,( OP राजभर के बेटे ) महासचिव, सुहेलदेव समाज पार्टी.
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