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भाजपा विधायक की बेवफाई: पति ने कोर्ट में मांगा गुजारा भत्ता!
Damoh, Madhya Pradesh
भाजपा की पूर्व विधायक के पति ने कोर्ट से लगाई गुहार जीवन चलाने पत्नी दे भत्ता, मैंने मेहनत करके बनाया विधायक बेवफा निकली बीबी...
एंकर/ अब तक पत्नियों को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाने के बाद पतियों को छोड़ने के कई मम्मले सामने आए हैं लेकिन अब एक राजनीति के क्षेत्र में पत्नी की बेवफाई का मामला सामने आया है जिसमे नेत्री पत्नी की बेवफाई से दुखी पति को जीवन यापन के लाले पड़ रहे हैं और पीड़ित पति ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि उनकी नेता पत्नी से उन्हें गुजारा भत्ता दिलाया जाए। मामला एमपी के दमोह जिले से सामने आया है इस जिले के पथरियां से भाजपा की विधायक रही सोना बाई अहिरवाल के पति सेवक राम ने जिला कोर्ट के कुटुंब न्यायालय में गुजारा भत्ता दिखाए जाने की अर्जी लगाई है। सोना बाई 2003 से 2008 तक भाजपा की विधायक रही हैं और इस दौरान वो बेहद सुर्खियों में भी रही। एससी वर्ग की महिला नेत्री होने की वजह से आज भी भाजपा की राजनीति में सोना बाई सक्रिय हैं और जिले और प्रदेश में वीवीआइपी विजिट और बड़े समारोहों में सोना बाई को भाजपा बराबर तबज्जो देती है। पूर्व विधायक के पति सेवक राम ने सिर्फ कोर्ट में अर्जी भर नही लगाई बल्कि मीडिया के सामने आकर अपनी पीड़ा भी बयान की। सेवक राम के अनुसार शादी के बाद सब सही चल रहा था और उनकी पत्नी ने राजनीति मे आने की इक्षा जाहिर की तो चूंकि सेवक इलाके में छोटी मोटी राजनीति का हिस्सा थे लिहाजा उन्होंने अपनी पत्नी को इस क्षेत्र में आगे लाने कोशिश की और दमोह से लेकर भोपाल और दिल्ली तक वो सोना बाई को लेकर गए, और उनकी मेहनत सफल हुई, 2003 में सोना बाई को भाजपा ने टिकिट दिया और वो जीती भी, सूबे में सत्ता परिवर्तन का यही साल था और प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी , सोना बाई उमा भारती की करीबी भी बन गई और सत्ताधारी दल की विधायक का जलवा सब जानते भी हैं। सेवक के मुताबिक विधायक बनने के बाद सोना बाई का व्यवहार उनके साथ बदल गया बड़े बड़े नेताओं से संपर्क होने के बाद उनके साथ बेरुखी साफ झलकने लगी, फिर भी सेवक ने सब सहा और 2008 में कार्यकाल पूरा होने के बाद पथरिया सीट एससी कोटे से बाहर हो गई और अनारक्षित होने की वजह से दोबारा सोना बाई को टिकिट नही मिला बल्कि इलाके के कद्दावर नेता और तत्कालीन सांसद डॉ रामकृष्ण कुसमरिया को पार्टी ने टिकिट दिया और वो जीते और शिवराज सरकार में मंत्री भी बने। पूर्व विद्यायक के पति सेवक बताते हैं कि राजनीति में मुकाम हासिल करने के बाद सोना बाई ने 2009 में उनका साथ छोड़ दिया बिना तलाक के वो उनका साथ छोड़ गई और सागर में रहने लगी। दमोह जिले में वो राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन सागर में मकान बनाकर आराम की ज़िंदगी जी रही है , उनके पास जमीन जायजाद गाड़ी सब है और बराबर पूर्व विधायक के नाते उन्हें सरकार पेंशन भी दे रही है लेकिन सेवक के सामने खाने के लाले पड़े है । सेवक दिव्यांग भी है लिहाजा उम्र के इस पड़ाव में दिव्यांगता के साथ वो मेहनत भी नही कर पा रहे हैं लिहाजा उन्हें जीवन बसर करने के लिए नेता पत्नी से ही उम्मीद है। सेवक ने कोर्ट में अर्जी लगाते हुए हर महीने 25 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने की मांग की है। उनके वकील नितिन मिश्रा के मुताबिक कोर्ट ने सेवक की अर्जी स्वीकार कर ली है और अब विधिवत नोटिस जारी होगा और पूर्व विधायक सोना बाई को कोर्ट में तलब किया जाएगा और सुनवाई के बाद कोर्ट इस मामले में फैसला देगा। मामला कोर्ट में आने के बाद पूर्व विधायक फिलहाल मीडिया के सामने आने से बच रही है और उनकी प्रतिक्रिया का सबको इंतज़ार है।
बाईट- सेवक राम अहिरवाल ( पूर्व विधायक के पति दमोह)
बाईट- नितिन मिश्रा ( सेवक के वकील जिला न्यायालय दमोह)
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