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बिहार में वोटर लिस्ट सत्यापन: दस्तावेज़ों की कमी से लोग परेशान!
Bhagalpur, Bihar
एंकर - निर्वाचन आयोग के आदेश पर बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण अभियान चल रहा है। 25 जुलाई तक वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन का काम पूरा करने का आदेश अधिकारियों को मिला है। बीएलओ घर घर जाकर सत्यापन के लिए लोगों को समझा रहे हैं फ़ॉर्म भरवा रहे हैं। सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस को मतदाता सूची सत्यापन में मान्य नहीं माना गया है। चुनाव आयोग ने 11 तरह के डॉक्यूमेंट मांगे हैं। मसलन केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगियों को भुगतान आदेश, लोगों के पहचान पत्र या प्रमाणपत्र या बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्विद्यालयों द्वारा जारी किए गए शैक्षणिक प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाती प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर, सरकार द्वारा जारी जमीन या मकान के आवंटन जैसे इनमें से एक कोई डॉक्यूमेंट देने होंगे।
इनमें से सभी ऐसे कागजात हैं जो आसानी से नहीं बन सकते हैं ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पासपोर्ट से लेकर बर्थ सर्टिफिकेट या फिर निवास से लेकर जाती प्रमाण पत्र सभी कागजातों को बनाने में लोगों को परेशानियां होती है। सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ रहा है जिनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं था। राज्य के 2.94 करोड़ मतदाताओं को दस्तावेज जमा करना जरूरी है। जो नहीं देंगे उनका नाम वोटर लिस्ट से कट जाएगा। 2003 के पुनरीक्षण में शामिल 4.96 करोड़ मतदाताओं को छूट दी गयी है।
भागलपुर में वार्ड 50 में zee media ने जायजा लिया यहां घर घर बीएलओ डॉक्यूमेंट के बारे में बता रहे हैं।
सत्यापन के लिए पहुँच रहे बीएलओ ने बताया कि घर घर पहुँचते हैं यहां लोगों को प्रपत्र देकर समझाया जा रहा 11 तरीकों के डॉक्यूमेंट के बारे में बताया जा रहा है। ऐसे में कहीं कहीं बीएलओ को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हांलाकि जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी लगातार प्रखण्ड प्रखण्ड जाकर बीएलओ से बात कर रहे हैं उन्हें तरीका बता रहे हैं ताकि उन्हें और सहूलियत हो ।
भागलपुर में लोगों ने कहा कि यह पहले करना चाहिए था अब होना यह सब राजनीति है जिसके पास डॉक्यूमेंट नही है वह कहां से देगा हमलोगों के पास आधार कार्ड है राशन कार्ड वह मान्य ही नहीं रहा इसमे तो और क्या दें ऐसे में नाम कटेगा यह गलत है एक डॉक्यूमेंट बनाने में महीनों दौड़ते हैं लेकिन इतनी जल्दी कहाँ से डॉक्यूमेंट देंगे। लोगों ने कहा कि बीएलओ कई जगह गए हैं सपोर्ट करेंगे उनको लेकिन चुनाव आयोग को इसे रद्द करना चाहिए।
इस मुद्दे पर विपक्ष सवाल खड़े कर रही है बकायदा आंदोलन की तैयारी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि बिहार में जब डॉक्यूमेंट बनता है तो बगैर घुस के नहीं बनता है। डॉक्यूमेंट बनाने में 10 से 15 दिनों का वक़्त लगता है। अब सवाल है कि 20 से 22 दिनों में कैसे बनेगा।
Wt - अश्वनी कुमार, ज़ी मीडिया, भागलपुर / Byte- जैनेंद्र कुमार, बीएलओ
Byte- पंकज गुप्ता, वार्ड पार्षद ( 1:28 sec वाली बाइट )
Byte to byte - शहरवासी
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