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Mirwaiz ने Palestine के लिए न्याय को शांति की कुंजी कहा
SBShowket Beigh
Oct 02, 2025 13:22:10
Badgam,
Mirwaiz-e-Kashmir Calls for Justice as Cornerstone of Peace Expresses solidarity with Palestine, regrets loss of life in Ladakh Voices concern over restrictions in Kashmir, and urges non-interference in Waqf affairs Srinagar, O Addressing media representatives in Budgam on the sidelines of Seerat Conference, organised by Anjuman-E-Sharie Shian, Mirwaiz Umar Farooq said that anywhere there is conflict in the world, real peace can be achieved only when justice is done to people involved in that conflict. Referring to the Palestine, Mirwaiz expressed strong solidarity with the people of Palestine, stating that “We eagerly want the ceasefire to be implemented and the genocide of Palestinians to end. But beyond a temporary cessation of war, what is required is a genuine, fair and lasting peace process. Whether it comes from the West or the Islamic bloc, such a process must accommodate the aspirations of the Palestinian people above all else. Their inalienable right to their land, their future, their dignity, and their commitment to an independent Palestinian state must form the foundation of any meaningful settlement. Without this, peace will remain elusive.” He added that the decades of suffering endured by the Palestinians is a matter of shame for global conscience, especially world leaders and that selective approaches to peace that ignore justice, only perpetuate conflict. Commenting on the situation in Ladakh, Mirwaiz expressed sorrow and regret at the recent loss of precious lives. He said: “It is unfortunate that the Government of India instead of addressing the aspirations of people of Ladakh is complicating the matter further, by being harsh on them. History has shown time and again that peace cannot be enforced through coercion. For peace to take root, commitments made to the people must be fulfilled, and dialogue must replace confrontation.” Turning to the prevailing situation in Kashmir, Mirwaiz voiced his concern over the continued restrictions placed upon him: Regrettably, no space is provided to me to express our viewpoint before our people. For the last three consecutive Fridays, I have been placed under house arrest without any explanation. I do not know when or why restrictions will be imposed on me again. Even peaceful meetings of the Ulema Council are disallowed.” Mirwaiz further stated, “The banning of religious and social organisations, the sealing of properties, and the harassment of media houses by preventing them from publishing our perspective— which has always been constructive and aimed at resolution—are unfortunate developments. We have always believed in peaceful engagement with dignity. In my opinion The Government of India must rethink its policy on JK. Issues cannot be resolved through use of force and control of narrative. Constructive engagement and dialogue are a far better and humane way of achieving sustainable peace. Speaking on the matter of Waqf properties, Mirwaiz stressed that this is essentially a religious issue: “The community should be allowed to manage its religious institutions with autonomy and dignity. The sanctity of religious institutions must be preserved. Interference and intervention in religious matters must stop, as they hurt the sentiments of people and create unnecessary friction.
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PKPrashant Kumar
Oct 02, 2025 15:34:08
Munger, Bihar:सिंदूर खेला की रस्म के साथ मां दुर्गा की विदाई, उल्लास और आस्था से सराबोर हुआ बंगाली समाज मुंगेर : नवरात्रि पर्व के समापन के साथ ही मां दुर्गा की विदाई का समय आ गया है। विजयदशमी के अवसर पर मुंगेर के विजय सिनेमा के पास स्थित बंगाली दुर्गा स्थान में परंपरागत बंगाली रीति-रिवाज और विधि-विधान के साथ मां की विदाई संपन्न हुई। इस मौके पर सुहागिन महिलाओं ने उल्लास और श्रद्धा से सिंदूर खेला की रस्म अदा कर माता को विदा किया। परंपरा के अनुसार सबसे पहले बंगाली समाज की सबसे बुजुर्ग महिला ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर विदाई दी। इसके उपरांत उन्होंने उपस्थित महिलाओं को सिंदूर लगाया। इसके बाद सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर आपसी सौभाग्य और मंगलकामनाओं का आदान-प्रदान किया। इस दौरान माहौल भक्तिमय और उत्सवधर्मी बन गया। महिलाओं ने परंपरागत उल्लेख ध्वनि निकालकर वातावरण को और भी पावन बना दिया। सिंदूर खेला के अवसर पर महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। सिर से पांव तक सिंदूर से लिपटी महिलाएं एक-दूसरे को शुभकामनाएं देती रहीं। बंगाली समाज की महिलाओं ने बताया कि विजयदशमी के दिन सिंदूर खेला एक विशेष रस्म है, जो सुहागिन महिलाओं के सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके माध्यम से मां दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त कर उनके जीवन में सुख-समृद्धि आने की कामना की जाती है।
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KCKumar Chandan
Oct 02, 2025 15:33:54
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AKAshok Kumar1
Oct 02, 2025 15:33:46
Noida, Uttar Pradesh:जेपीयूएसयू के आह्वान पर ‘रावण दहन’ — नक्सलवाद, राष्ट्रविरोधी और वामपंथी मानसिकता के अंत, राष्ट्रीय एकता का उद्घोष आज विजय दशमी के अवसर पर आज जेएनयू के साबरमती ग्राउंड में जेएनयूएसयू संयुक्त सचिव वैभव मीणा के आह्वान पर वामपंथी, राष्ट्रविरोधी ताकतों का समर्थन करने वाले ताकतों रूपी दशानन का रावण दहन आयोजित किया गया। इस बार रावण के पुतले को नक्सलवाद, वामपंथी, माओवादी हिंसा और राष्ट्रविरोधी ताकतों की विचारधारा का प्रतीक मानते हुए जलाया गया। इसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, अफजल गुरु, चारु मजुमदार, कानू सान्याल जैसे राष्ट्र विरोधी तत्वों रूपी दशानन का दहन करके उनके अंत की उदघोष किया। इस आयोजन का संदेश साफ़ था — “जेएनयू की धरती अब नक्सलवाद वामपंथी मानसिकता के महिमामंडन का केंद्र नहीं, बल्कि उसके अंत का गवाह बनेगी।” जेएनयू छात्रसंघ संयुक्त सचिव ने कहा कि यहाँ राष्ट्रविरोधी विचारों का दहन होगा, राष्ट्रनिर्माण का संकल्प लिया जाएगा। यह वही परिसर है जहां कभी राम जी की प्रतिमा का अपमान किया गया, कभी महिषासुर दिवस मनाया गया, इस टुकड़े टुकड़े गैंग आज़ादी के नारे लगाती थी उनको आज हमने दहन करके आज़ादी देने का कार्य किया है । नक्सलवाद, वामपंथी और देशविरोधी विचारधारा भारत की एकता और लोकतंत्र के लिए कैंसर है। आज इन राष्ट्रविरोधी ताकतों का रावण दहन इस सोच का अंत है। जेएनयू के छात्र राष्ट्र की आवाज़ हैं और हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि देश तोड़ने वाली ताक़तों की यहाँ कोई जगह नहीं है। यह आयोजन शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ता के साथ सम्पन्न हुआ और इसने पूरे परिसर को स्पष्ट संदेश दिया कि जेएनयू का छात्र समाज राष्ट्रविरोधी और वामपंथी, नक्सली विचारधाराओं का डटकर विरोध करेगा।
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AOAjay Ojha
Oct 02, 2025 15:33:37
Banswara Rural, Rajasthan:जिला - बांसवाड़ा विधानसभा- बांसवाड़ा लोकेशन - बांसवाड़ा एंकर - दशहरा के पर्व पर आज नगर परिषद की ओर से खेल स्टेडियम मैदान में शाम 7 बजे रावण के 35 फीट, कुंभकरण व मेघनाद के 25-25 फीट ऊंचे पुतलों का दहन किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव, एसपी सुधीर जोशी सहित कई अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस कार्यक्रम को देखने हजारों की संख्या मे जिले और शहर से लोग पहुंचे और आतिशबाजी का लुफ्त उठाया। इससे पूर्व हर साल की तरह पीपली चौक स्थित श्रीरघुनाथजी मंदिर से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली, इसमें भगवान श्रीराम के साथ माता सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान की वेशभूषा में पात्रों को रथ में विराजमान कर पीपली चौक से गांधीजी मूर्ति, कस्टम चौराहा से खेल मैदान लाया गया, और शाम 7 बजे रावण परिवार के पुतलों का दहन के बाद आसमान में नगर परिषद की ओर से ग्रीन आतिशबाजी की गई। शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया。 वीओ - रावण दहन
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ASAshok Singh Shekhawat
Oct 02, 2025 15:33:00
Sikar, Rajasthan:जिला सीकर नीमकाथाना धू धू कर जला बुराई का प्रतीक रावण। नीमकाथाना में दो जगह पर हुआ रावण दहन। जोलडा जोहड़ा और छावनी में हुआ रावण दहन। रंग बिरंगी आतिशबाजी के बीच रावण का दहन। इस दौरान सैनिक कल्याण सहलाकर समिति अध्यक्ष प्रेम सिंह बजोर रहे मौजूद। सीकर जिले के नीमकाथाना में विजयदशमी पर दो जगह पर रावण का दहन किया गया नीमकाथाना के जोलडा जोहड़ा और गांवड़ी मोड पर रावण का दहन किया गया।इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई। सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बजोर ने श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान के तिलक किया।इसके बाद भगवान राम ने अग्नि बाण छोड़कर रावण का अंत किया। भगवान राम ने जैसे ही अग्नि बाण छोड़ा रावण का पुतला धूं धूं कर जल उठा। उसके साथ ही कुंभकरण के पुतलों का भी दहन किया गया।वही आदर्श बाल रामलीला की ओर से भी रावण का दहन किया गया।रावण दहन से पूर्व शहर में भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई।रामलीला मैदान से रवाना हुई। वही छावनी की शोभायात्रा रामलीला ग्राउंड से शुरू हुई। इस शोभायात्रा में भगवान श्रीराम की सेना जयघोष लगाते हुए चल रही थी। शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शोभायात्रा दशहरा मैदान जोड़ला जोहड़ा पहुंची। जहां बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे। वही गावड़ी मोड़ पर भी छावनी की रामलीला द्वारा रावण दहन किया गया।इसके बाद राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ। जिसमें रावण बार-बार अपनी मायावी शक्तियों का उपयाेग करता रहा। अंत में उसके भाई विभीषण ने भगवान श्रीराम को उसकी मृत्यु का उपाय बताया और कहा कि रावण की नाभि में अमृत कुंड है। आप अग्नि बाण का उपयोग करके ही उसका अंत कर सकते हैं। जिस पर भगवान श्रीराम ने अग्नि बाण का उपयोग किया। जिसके बाद रावण का अंत हुआ और उसके पुतलों का दहन किया गया।इस दौरान उपखंड अधिकारी राजवीर यादव, तहसीलदार अभिषेक सिंह सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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DIDamodar Inaniya
Oct 02, 2025 15:32:45
Nagaur, Rajasthan:परबतसर मूर्ति विसर्जन कर लोट रहे श्रद्धांलुओं पर मधुमखियो का हमला। करीब 20- 40 बच्चो, पुरषों, महिलाओ को लाया गया उपजिला अस्पताल। सभी की हालात स्थिर परबतसर - विजयादशमी पर परबतसर के छिपोलाई तालाब मे मूर्ति विसर्जन कर लोट रहे श्रद्धांलुओं पर अचानक मधुमखीयो ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है की शाम करीब 5 बजे छिपोलाई तालाब मे माताजी की विसर्जन कर डीजे के साथ वापस लोट रहे थे इसी दरमियान मधुमखीयो ने अचानक हमला कर दिया। आनन फानन मे 108 व अन्य वाहनों की मदद सें तुरंत राजकीय उप जिला अस्पताल लाया गया। जहाँ चिकित्सको ने प्राथमिक उपचार दिया। श्रद्धांलुओं की इस भीड़ मे छोटे छोटे बच्चे, पुरुष व महिलाए भी शामिल है। वही सूचना मिलने नगरपालिका अध्यक्ष सहित श्रद्धांलुओं के परिवार हॉस्पिटल पहुचे।
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PSPradeep Soni
Oct 02, 2025 15:32:35
Jaipur, Rajasthan:हरमाड़ा जयपुर JDA की नींदड़ आवासीय योजना के विरोध में धरना नींदड़ बचाओ आंदोलन के तहत 315 वें दिन भी धरना जारी नींदड़ के ग्रामीणों ने सरकार रूपी रावण दहन का किया दहन नींदड़ में जमीन अवाप्ति के विरोध में चल रहा हैं अनिश्चितकालीन धरना विगत 10 माह से किसानों का लगातार हैं जारी धरना किसान अपनी पुश्तैनी ज़मीन को बचाने के लिए दे रहे धरना एंकर-जयपुर के हरमाड़ा में जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की नींदड़ आवासीय योजना के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। नींदड़ बचाओ आंदोलन के तहत गुरुवार को धरने का 315वां दिन रहा। ग्रामीणों ने इस मौके पर प्रतीकात्मक रूप से सरकार रूपी रावण का दहन किया और अपनी नाराजगि जाहिर की। किसानों का कहना है कि वे अपनी पुश्तैनी जमीन को हर हाल में बचाएंगे। करीब 10 माह से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीण लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार बिना सहमति के जमीन का अवाप्ति कर रही है, जिससे हजारों परिवारों का भविष्य संकट में आ जाएगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।...धरने का नेतृत्व कर रहे डॉ. नगेंद्र सिंह शेखावत ने कहा दुर्घाग है कि आज की राजस्थान सरकार और जेडीए इन्हीं किसानों और कॉलोनिवासियों की पुश्तैनी ज़मीन को हड़पना चाहती है। सरकार जनता से संवाद करने के बजाय चुप्पी साधे बैठी है। आज 315 दिन बीत गए, लेकिन किसी नुमाइंदे ने किसानों से बातचीत तक नहीं की।。 बाइट डॉ नागेंद्र सिंह, संयोजक,समिति
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AMANIL MOHANIA
Oct 02, 2025 15:30:37
Nuh, Haryana:नूंह जिले में दशहरा धूमधाम से मनाया गया दशहरा पर्व बड़े ही उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। जगह-जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए और रामलीला मंचन के बाद रावण दहन किया गया। दशहरे के मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुटी। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी ने इस पर्व का आनंद लिया। जैसे ही मैदान में रावण का पुतला जलाया गया, पूरे माहौल में जय श्रीराम के नारे गूंज उठे। आतिशबाजी और पटाखों ने रात को रोशनी से भर दिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और हमें इससे सीख लेकर समाज में बुराईयों को समाप्त करना चाहिए। प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा और यातायात की पुख्ता व्यवस्था की गई थी, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। नूंह जिले में दशहरा पर्व ने एक बार फिर लोगों को एकजुट कर दिया और त्योहार की खुशियां सभी ने मिलकर मनाई।
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Dussera 2025
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