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डिंडोरी का दिव्यांग शिक्षक, शिक्षा का अलख जगाने में लगा है!
Dindori, Madhya Pradesh
Anchor - डिंडोरी में एक ऐसा स्कूल है जहां एक दिव्यांग शिक्षक का जज्बा, उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प देखकर हर कोई चौँकने को मजबूर हो जाएगा... शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उदाहरण स्थापित करते हुए दिव्यांग शिक्षक अपनी शारीरिक सीमाओं को पार करते हुए, शिक्षा के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखते हुए शिक्षा का अलख जगा रहे हैं।
V0 01- हम बात कर रहे हैं डिंडोरी विकास खंड के प्राथमिक शाला खुरपार की , यहां पहली से पांचवी तक पढ़ने वाले छात्रों की दर्ज संख्या 84 है लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक पदस्थ है वो भी एक पैर से दिव्यांग हैं, शिक्षक का जज्बा इतना है की दिव्यांग होते हुए भी बच्चों को पढ़ाकर शिक्षा की अलख जगा रहे है.आपको बता दें कि शिक्षक दिव्यांग होने के बावजूद समय पर विद्यालय पहुंचकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का काम करते है खास बात यह है कि जब शिक्षक कक्षा एक से तीसरी कक्षा में पढ़ाते हैं तो पांचवी कक्षा की होनहार छात्रा भी बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही है... जबकि कई स्कूल ऐसे है जहां बच्चे कम और शिक्षक ज्यादा हैं लेकिन यह दिव्यांग शिक्षक दूसरे शिक्षकों के लिए नजीर है।शिक्षक बताते हैं की वें यहां पर 2008 से पदस्थ हैं और यहां बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
WKT....
Byte -कुमारी सरोजनी शिक्षक बनी छात्रा
V0 -02: गांव जागरूक नागरिक दिव्यांग थान सिँह कुंजाम ने शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े करते हुए स्कूल में शिक्षकों की माँग की है वहीं मामले में सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी भी दिव्यांग शिक्षक की तारीफ करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की बात कहते हुए अथिति शिक्षक की जल्द भर्ती करने का भरोसा जताया है।
Byte 02- थान सिँह कुंजाम दिव्यांग
Byte - 03- रावेन्द्र मिश्रा डीपीसी डिंडोरी
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