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108 एंबुलेंस कर्मियों की अनदेखी, क्या होगी उनकी मांगों का परिणाम?
Ranchi, Jharkhand
झारखंड के स्वास्थ्य सुविधा की लाइफलाइन कही जाने वाली 108 एंबुलेंस जो कि लोगों की जान बचाने में काफी कारगर साबित होती है, लेकिन इन 108 एंबुलेंस को सरपट दौड़ाने वाले EMT - PILOT के जीवन की रफ्तार धीमी पड़ गयी है. दरअसल, एंबुलेंस कर्मियों को पिछले तीन-चार महीनों से वेतन नही मिला है. जिससे उन्हें जीवन-यापन करने में काफी परेशानी हो रही है. जिसको लेकर एंबुलेंस कर्मी लगातार कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनके विषय में सुध लेने का नाम नहीं ले रही है. इसी क्रम में आज राजधानी रांची में 108 कर्मियों ने बैठक कर रणनीति बनाई की आने वाले दिनों में यदि कंपनी उनकी मांगों को नहीं मानती है तो क्या कदम उठाए जाएंगे. वहीं 108 एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि आज श्रम विभाग में सम्मान फाउंडेशन और एंबुलेंस कर्मियों की बैठक होनी थी, लेकिन सम्मान फाऊंडेशन के अधिकारियों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर बैठक में उपस्थित नहीं हुए. इसके साथ ही हमारे ऊपर F.I.R भी दर्ज कराया गया है. इसलिए पिछली बैठक के अनुसार जिन बातों पर सहमति बनी थी यदि उसे नहीं माना जाता है तो आने वाले दिनों में रांची में व्यापक रूप से प्रदर्शन किया जाएगा और सरकार को नींद से जगाया जाएगा. इस दौरान एंबुलेंस कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी से भी गुहार लगाई कि वह सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें ना करें, बल्कि उन बातों पर खरा उतरने की कोशिश करें. इसलिए हम नहीं चाहते हैं कि हम लोग स्ट्राइक पर जाएं जिससे लोगों की जान को खतरा हो.
बाइट//नीरज तिवारी, अध्यक्ष, झारखंड एंबुलेंस कर्मचारी संघ
बाइट// एंबुलेंस कर्मी
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