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अंबाला कैंट में मेमोग्राफी मशीन कर्मचारी नहीं, मरीज निजी केंद्रों की ओर मोहताज
AKAMAN KAPOOR
Nov 21, 2025 06:17:07
Ambala, Haryana
कृप्या जांच करवाने आई महिलाओं व तीमारदारों के चेहरे ब्लर कर दें
एंकर :-- अंबाला कैंट अटल कैंसर केयर सेंटर में मेमोग्राफी की मशीन ऑपरेटर न होने से धूल फांक रही है। महिलाएं स्तन कैसंर जांच के लिए यहां आती है तो उन्हें वापिस लौटा दिया जाता है और निजी सेंटरों पर 2 हजार रुपए खर्च मेमोग्राफी करवानी पड़ती है।
वीओ :-- महिलाओं के स्तन कैंसर की जांच के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों की एकमात्र मैमोग्राफी मशीन अनदेखी की भेंट चढ़ गई है। दो माह से कोई भी महिला ऑपरेटर की नियुक्ति न होने के कारण यह मशीन ठप पड़ी है। स्थिति यह बन चुकी है कि मुख्यालय से बार-बार पत्राचार के बाद अभी तक इस पद के लिए कोई नियुक्ति न होने के कारण मरीजों को मजबूरन कैंट नागरिक अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ ओपीडी व अटल कैंसर केयर केंद्र की ओपीडी से मरीजों को इस जांच के लिए बाहर भेजा जा रहा है। एक तरफ महिलाएं स्तन कैंसर होने की आशंका के चलते वह परेशान है तो दूसरी तरफ विभाग کی अनदेखी के कारण मशीन होने के बावजूद चंडीगढ़ पीजीआई व निजी सेंटरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
बाईट :-- पीड़ित महिला (कृप्या चेहरा ब्लर कर दें)
बाईट :-- तीमारदार (कृप्या चेहरा ब्लर कर दें)
वीओ :-- स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए अंबाला में सबसे पहले कैंट के नागरिक अस्पताल में यह मशीन उपलब्ध कराई गई थी। इस मशीन के जरिये हर माह 70 से 80 महिलाओं के स्तन की जांच होती थी। महिला ऑपरेटर के अचानक छोड़ने के कारण तभी से यह मशीन धूल फांक रही है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इस संबंध में जब भी कोई मरीज या तीमारदार पूछता है तो उन्हें मुख्यालय स्तर पर पत्राचार की बात बोलकर पल्ला झाड़ लिया जाता है, जबकि अटल कैंसर केयर केंद्र व कैंट नागरिक अस्पताल की महिला ओपीडी में सबसे ज्यादा महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित पाई जाती हैं। निजी अस्पतालों में इसका करीब 2 हजार रुपये खर्च आता है तो कैंट के नागरिक अस्पताल में यह निःशुल्क है। अधिकारियों का कहना है अस्थायी तौर पर कर्मचारियों की ड्यूटी यहां लगाई गई है जिन्हें ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी ताकि मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न आए।
बाईट :-- डॉ यशपाल वर्मा, डायरेक्टर,अटल कैंसर केयर।
बाईट :-- डॉ पूजा पेंटल,PMO, अंबाला कैंट नागरिक हस्पताल।
वीओ :-- वहीं अस्पताल की सर्जन ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर इस वक्त सबसे बड़ी चिंता बना है। यह एक एपेडेमिक की तरह है। महिलाओं को इसके प्रति जागरूक होना जरूरी है। क्योंकि इसे शुरू में जांच लिया जाए तो खतरा टल सकता है। हर माह 20 से 25 महिलाएं चेकअप के लिए यहां आती है।
बाईट :-- डॉ पूजा शर्मा - सर्जन।
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