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PHED फर्जी प्रमाणपत्र से करोड़ों टेंडर घोटाला, फाइल दबी क्यों?
ACAshish Chauhan
Nov 22, 2025 07:37:47
Jaipur, Rajasthan
PHED-दो अफसरों के नाम पर फर्म को फर्जी प्रमाण का दोषी माना,फिर भी फर्म पर ना ब्लैक लिस्टेड का एक्शन हुआ,ना FIR दर्ज करवाई,फाइल दबी
आशीष चौहान,
जयपुर- PHED में चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल,रिटायर्ड एक्सईएन मोहनलाल कंवल के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में फाइल दब गई है. चूरू की डबल ए क्लास फर्म राठौड कंस्ट्रक्शन ने दोनों अफसरों के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर 55 लाख के प्रमाण पत्र बनाए .चीफ इंजीनियर तकनीकी नीरज माथुर ने डेढ़ महीने पहले 8 अक्टूबर को जयपुर नॉर्थ अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र सिंह राठौड़ को पत्र लिखकर निर्देश दिए.लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र मामले में अधीक्षण अभियंता दफ्तर ने कोई कार्रवाई नहीं की.अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर के केस में जलदाय विभाग ने ना ही मुकदमा दर्ज करवाया और ना ही कोई एक्शन लिया.जिम्मेदार अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि फाइल नीचे के स्टाफ में चल रही है.जल्द ही इस पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी.वहीं अतिरिक्त मुख्य अभियंता 2 शुभांशु दीक्षित का कहना है कि मामले में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.अधीक्षण अभियंता दफ्तर में टैंडर लगाने पर पूरा मामला खुला,तब पूरा प्रकरण जानकारी में आया.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब पीएचईडी ने फर्जी प्रमाण पत्र के लिए राठौड कंस्ट्रक्शन को दोषी मान लिया तो फाइल क्यों दबी?
कैसे खुली पूरे खेल की पोल-
चूरू के हरदेसर की डबल ए क्लास फर्म मैसर्स राठौड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जयपुर नार्थ की निविदा में भाग लिया.इस निविदा में राठौड कंस्ट्रक्शन ने शहरी जल योजना राजलदेसर के तहत पुराने उच्च जलाशय को ध्वस्त करने,निर्माण का 55 लाख का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया.जिसमें अनुभव प्रमाण पत्र की तारीख 13 अप्रैल 2020 लिखी गई और एक्सईएन मोहनलाल कंवल के हस्ताक्षर किए हुए.लेकिन जब इस अनुभव प्रमाण पत्र की जांच के लिए रतनगढ चिट्ठी भेजी तो पोल खुल गई.मोहनलाल कंवल तो 2018 में रिटायर्ड हो गए थे. तत्कालीन अधीक्षण अभियंता मनीष बेनीवाल के नाम से 10 मार्च 2019 की तारीख का वर्क आर्डर जारी किया,जबकि मनीष बेनीवाल तो 23 मार्च 2018 से 7 सितंबर 2019 तक जयपुर वृत में पोस्टेड थे.अब मनीष बेनीवाल चीफ इंजीनियर है.मोहनलाल कंवल का कहना है कि मैं तो रिटायर्ड हो चुका था,मेरे नाम से कैसे हस्ताक्षर कर दिए.विभाग को इसमें कार्रवाई करनी चाहिए.
ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई होगी-
डबल ए क्लास फर्म राठौड कंस्ट्रक्शन के इस कारनामे के बाद चीफ इंजीनियर तकनीकी नीरज माथुर ने कार्रवाई के लिए प्रपोजल अधीक्षक अभियंता दफ्तर भेजा हुआ है.उनका कहना है कि पहले अधीक्षक अभियंता नॉर्थ दफ्तर पूरे मामले में इस पर कार्रवाई करेगा,वो देखेगा कि कहां कहां ये फर्जी प्रमाण पत्र लगाया है.इसके बाद चीफ इंजीनियर दफ्तर नियमों के तहत ब्लैक लिस्टेड और डिबार की कार्रवाई करेगा.
दोषी माना,फिर देरी क्यों?
PHED में पदमचंद और महेश मित्तल ने इरकॉन के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर 900 करोड के टैंडर हासिल किए थे,जिसमें ईडी ने एक्शन लेते हुए 5 गिरफ्तारियां की.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि राठौड कंस्ट्रक्शन को दोषी माना फिर भी अधीक्षक अभियंता सुरेंद्र राठौड के दफ्तर कार्रवाई नहीं कर रहा,क्यों फाइल दबी हुई है? क्यों डबल ए क्लास फर्म के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा रहा? क्या फर्म को बचाने की कोशिश की जा रही है?
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