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खंडेवला सरकारी विद्यालय की छत गिरने से ग्रामीणों में रोष, तत्काल कार्रवाई की मांग
ASArvind Singh
Nov 22, 2025 08:32:00
Sawai Madhopur, Rajasthan
खंडेवला सरकारी विद्यालय के दो कमरों की छत गिरने की घटना रात के समय हुई, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई और बड़ा हादसा टला। विद्यालय के these कमरे लंबे समय से जर्जर हालत में थे और बरसात के दौरान बंद कर दिए गए थे। तकनीकी टीम द्वारा पूर्व में भवन निरीक्षण की रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन SDMC और SMC समिति के सदस्यों ने इसे अधूरी बताते हुए असंतोष जताया। प्रधानाचार्य ने 4 अक्टूबर को पुनः तकनीकी निरीक्षण के लिए पत्र लिखा, लेकिन दो माह बीतने के बावजूद निरीक्षण नहीं किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि जर्जर भवनों के पास बच्चों का प्रार्थना स्थल होने के कारण वे खेलते रहते हैं। यदि दिन के समय छत गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई और जर्जर भवनों को तत्काल ध्वस्त कर हटाने की मांग की है।
खबर: खंडार उपखंड के ग्राम पंचायत खंडेवला में सरकारी विद्यालय के दो जर्जर कमरों की छत गिरने की घटना से ग्रामीणों में रोष फैल गया है। जानकारी के अनुसार विद्यालय के ये कमरे पिछले काफी समय से खराब अवस्था में थे और बरसात के दिनों में सुरक्षा के चलते इन्हें बंद कर दिया गया था। तकनीकी टीम द्वारा पहले निरीक्षण कर रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन SMC और SDMC के सदस्यों ने रिपोर्ट को त्रुटिपूर्ण बताते हुए संतोष प्रकट नहीं किया। विद्यालय प्रधानाचार्य ने 4 अक्टूबर को दोबारा तकनीकी निरीक्षण कराने का आग्रह किया, मगर दो माह गुजर जाने के बावजूद टीम मौके पर नहीं पहुंची। इस बीच, शुक्रवार देर रात अचानक दोनों कमरों की छत भरभराकर गिर गई। सौभाग्य से घटना रात में हुई और विद्यालय में कोई गतिविधि नहीं होने के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। ग्रामीणों ने बताया कि गिरी हुई छत के पास ही बच्चों का प्रार्थना स्थल है और विद्यालय समय में बच्चे अक्सर इसी क्षेत्र में खेलते दिखाई देते हैं। यदि दिन में यह हादसा होता तो कई बच्चों की जान पर बन सकती थी। ग्रामीणों ने जर्जर भवनों को तुरंत ध्वस्त करने की मांग करते हुए लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बैकग्राउंड: खंडेवला का यह सरकारी विद्यालय पिछले कुछ वर्षों से भवनों की जर्जर स्थिति को लेकर लगातार चर्चा में रहा है। बरसात के मौसम में कई कमरों में पानी रिसने और दीवारों में दरारें आने के बाद विद्यालय प्रशासन ने कुछ कमरों को बंद कर दिया था। तकनीकी टीम द्वारा निरीक्षण तो किया गया, लेकिन रिपोर्ट पर स्थानीय समितियों ने सवाल उठाए। इसके बावजूद दोबारा निरीक्षण की मांग लटकी रही, जिससे भवनों की स्थिति और बिगड़ती गई। ग्रामीण लंबे समय से विद्यालय भवनों के पुनर्निर्माण और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। अब छत गिरने की घटना ने चिंताओं को और गहरा कर दिया है。
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