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ढांग रूहाना स्कूल में 3 साल से नहीं है एक भी शिक्षक!
Paonta Sahib, Himachal Pradesh
ढ़ांग रूहाना स्कूल में 11वीं 12वीं कक्षा के लिए नहीं एक भी शिक्षक
एंकर -गिरिपार की दूर दराज सखोली पंचायत के गांव ढ़ांग रूहाना में पिछले तीन सालों से कक्षा ग्यारहवीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। इतना ही नहीं विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद भी खाली पड़ा है। यह स्कूल शिक्षा के प्रति सरकार की संवेदनहीनता का जीवन उदाहरण है। नाराज ग्रामीणों ने एलान किया है कि विधायक और उद्योग मंत्री का पंचायत में बहिष्कार किया है।
वीओ - सिरमौर जिले की शिलाई विधानसभा क्षेत्र के तहत ढांग रुहाना स्कूल सरकार और शिक्षा विभाग की असफलता की बानगी है। गुणवत्ता युक्त शिक्षा के सरकारी दावे किस तरह हवा हो रहे हैं इस स्कूल में आकर देखिए। स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश के गरीब विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए एक भी प्राध्यापक नहीं है। दोनों कक्षाओं के लगभग 21 विद्यार्थियों को हाई स्कूल के अध्यापक पढ़ रहे हैं। विद्यार्थियों में अधिकतर छात्राएं हैं। यह छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं और अपने सपना पूरा करना चाहती हैं मगर, अध्यापक नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य के सपने भी धूमिल होते जा रहे हैं।
बाइट - स्कूल के विद्यार्थी
वीओ - हैरानी की बात है कि कि इस स्कूल में प्रधानाचार्य भी नहीं है। स्कूल को 2022 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा दिया गया था मगर तब से यहां बड़ी कक्षाओं को पढ़ने के लिए एक भी शिक्षक को नहीं भेजा गया है। अंदाजा लगाइए टीजीटी अध्यापक उच्च कक्षा के विद्यार्थियों को क्या पढ़ पाते होंगे और विद्यार्थी क्या पढ़ पाते होंगे। स्कूल में यह हालत पिछले दो सालों से लगातार बने हुए हैं।
वीओ - स्कूल अध्यापक
वीओ - हैरानी की बात यह है कि सरकार, मंत्रालय और शिक्षा विभाग उदासीन बने हुए हैं। परेशान ग्रामीण स्थानीय प्रशासन, शिक्षा विभाग और राजनेताओं से गुहार लगाकर थक चुके हैं। सुनवाई नहीं होने की वजह से कई विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्य स्कूलों में चले गए हैं। मगर, शिक्षा विभाग और सरकार नींद से नहीं जाग रही है। गौरतलब है कि बेहद दुर्गम क्षेत्र के स्कूल में आसपास की पंचायत के कई गांव के गरीब और अनुसूचित जाति के परिवारों के बच्चे पढ़ने आते हैं। मगर, स्कूल में शिक्षक ना होने की वजह से बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है जबकि, सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। गत दिन इस समस्या पर विचार विमर्श के लिए एमसी की बैठक आयोजित की गई बैठक में ग्रामीणों ने सरकार और शिक्षा विभाग को जम कर कोसा।
बाइट - स्थानीय ग्रामीण
वीओ - बताते चलें कि यह स्कूल प्रदेश के बेहद पावरफुल मिनिस्टर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है। ग्रामीण स्कूल में शिक्षक न होने की मांग को लेकर उद्योग मंत्री से भी कई बार मिल चुके हैं। मगर, समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि स्कूल में जल्द शिक्षक नहीं भेजे गए तो ग्रामीण उद्योग मंत्री का क्षेत्र में बहिष्कार करेंगे। एसएमसी अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाए कि यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है। बार-बार मांग करने पर एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया है।
बाइट - एसएमसी अध्यक्ष
ज्ञान प्रकाश जी मीडिया पांवटा साहिब
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