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Kinnaur172109

वन अधिकार अधिनियम: जानें कैसे मिलेगा आपको इसका लाभ!

BNBISHESHWAR NEGI
Jul 09, 2025 10:38:46
Dhar Chhiling Khola, Himachal Pradesh
जिला के रामपुर राजकीय महाविद्यालय सभागार में रामपुर विकासखंड के 37 पंचायतों व वन अधिकार समितियो के प्रधान व सचिवो की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिस में राजस्व बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने वन अधिकार अधिनियम 2006 की विस्तार से जानकारी दी और पात्र लोगो को इस अधिनियम का जल लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने इस अधिनियम के तहत दस्तावेजों को बनाने में कोताही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। जगत सिंह नेगी ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 व वन अधिकार कानून 2006 को धरातल पर उतारने के लिए वन अधिकार समितियों का जल गठन कर दावे प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परंपरागत वनवासी के सदस्य या समुदाय जो 13 सितंबर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों (75 साल ) से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते हैं , वन भूमि का उपयोग अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरत के लिए करते है , वन या वन भूमि पर निर्भर है उन्हें व्यक्तिगत, सामुदायिक व सामुदायिक वन संसाधनों की सुरक्षा एवं प्रबंधन का अधिकार है। उन्होंने बताया कि वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इस कानून के तहत विभिन्न स्तरो जैसे गांव, उप मंडल, जिला व राज्य स्तर पर समितियों का गठन करने का प्रावधान है और हर समिति को भूमिका व जिम्मेदारी दी गई है , इस दौरान अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य सातवे वित्त आयोग एवं स्थानीय विधायक नन्द लाल ने भी कार्यशाला में आए ग्राम पंचायत व वनाधिकार समिति के प्रधानों व सचिवों को वनाधिकार अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों को लोगों के आवेदन प्राप्त कर उसे समय पर निपटाने को कहा ताकि पात्र लोगों को वन भूमि पर अपना मालिकाना हक मिल सके । बाइट। राजस्व, जनजातीय विकास एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि वनाधिकार कानून को लागू करने की प्रक्रिया जनजाति क्षेत्र में हम काफी आगे बड़े हैं। बाकी दूसरे जिलों में विभिन्न स्तरों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला के माध्यम से लोगों को एवं अधिकारियों को कानून के महत्व की जानकारी दी जा रही है। इसमें तेजी लाने के लिए सरकार ने एक कैलेंडर पूर्व में ही जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि वन अधिकार अधिनियम का तेजी से कम होगा और हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसका लाभ आज देश में करोड़ों लोगों का मिल रहा है। इस अधिनियम के तहत किन्नौर में अब तक 500 पट्टे बांटे जा चुके हैं, लाहुल स्पीति में करीब डेढ़ सौ पट्टे बांटे जा चुके हैं और चंबा में लगभग इतने ही बांटे जा चुके हैं।
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