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धर्मशाला में बिजली कर्मियों की महापंचायत: क्या बच पाएगा बिजली बोर्ड?

VKVipan Kumar
Jul 09, 2025 12:38:35
Dharamshala, Himachal Pradesh
धर्मशाला में विद्युत कर्मियों की जिला महापंचायत  43 हजार से 13 हजार तक सिमटे विद्युत बोर्ड के नियमित कर्मी सरकार की गलत नीतियों से संकट में बिजली बोर्ड एंकर : जिला कांगड़ा मुख्यालय धर्मशाला में विद्युत कर्मियों, पेंशनर्स, इंजीनियर्स व आउटसोर्स कर्मियों की जॉइंट एक्शन कमेटी  द्वारा सातवीं जिला पंचायत का आयोजन किया गया। धर्मशाला कालेज के ऑडिटोरियम में आयोजित महापंचायत उपरांत विशाल रैली का आयोजन डीसी कार्यालय तक किया गया। जहां जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा गया। इससे पहले प्रदेश के छह जिलों में इस तरह की पंचायतों का आयोजन किया जा चुका है। जॉइंट एक्शन कमेटी के सयोंजक ई लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि जिला बिजली पंचायतों का आयोजन बिजली बोर्ड के अस्तित्व को बचाए रखने के साथ-साथ कर्मचारियों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की नीतियों के खिलाफ आज पूरे देश मे बिजली कर्मचारी व अभियंता हड़ताल पर हैं। बिजली कंपनियों के निजी हाथों में जाने से जहां कर्मचारियों, पेंशनर्स की सेवा शर्तें, सामाजिक सुरक्षा बुरी तरह से प्रभावित होग,  वहीं प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में कई गुणा बढ़ोतरी के साथ-साथ उनको दी जा रही बिजली सेवाएं पर भी विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारियों के अभाव से बुरी तरह से जुझ रहा है और बोर्ड में मात्र 13000 नियमित कर्मचारी रह गए हैं जो कभी 43000  हुआ करते थे । उन्होंने हैरानी जताई कि ऐसे में बोर्ड प्रवंधन कर्मचारियों को सरप्लस कर दूसरे महकमों में भेजने में लगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण बिजली बोर्ड भारी वितिय संकट में है जिसके चलते कर्मचारियों व पेंशनर्स के वितिय लाभ वर्षो से लम्बित पड़े हैं।  खाली पदों पर की जाए नियमित उन्होंने बिजली बोर्ड में पैरा टीमेट भर्ती का विरोध किया और बिजली बोर्ड में खाली पदों पर नियमित भर्ती करने की मांग की गई, वहीं मई, 2003 के बाद भर्ती बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करने की मांग को भी उठाया। उन्होंने पिछले दो वर्षों से लंबित पेंशनरों के पेंशन बकाया राशि, लीव ईन्केशमेंट और ग्रेच्युटी की शीघ्र अदायगी के साथ साथ  बिजली बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी बनाने की भी मांग उठाई। उन्होंने बिजली बोर्ड के ढांचे जैसे संचार व सिस्टम प्लानिंग विंगों के साथ छेड़छाड़ का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा बिजली बोर्ड के विद्युत उपकेंद्रों का रखरखाव किसी भी स्थिति में संचार विंग को नहीं दिया जा सकता। उन्होंने सरकार द्वारा उर्जा क्षेत्र के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी की बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को केंद्र के वेतनमान लागू करने की सिफारिशों का भी विरोध किया और कहा इससे बोडऱ् कर्मचारियों के वेतनमान बहुत नीचे आ जाएंगे।  बाईट  :      हीरा लाल वर्मा  जॉइंट सह संयोजक एक्शन कमेटी
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