Sitapur - दूसरे के दोषों को देखना ही दोष है - इन्द्रारमण जी महाराज
नैमिषारण्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस में कथा व्यास 1008 श्री इंद्रारमण जी महाराज ने बताया कि दूसरे के दोषों को कभी नहीं देखना चाहिए इससे पाप लगता है. महाराज जी ने उद्धव और कृष्ण की संवाद की कथा सुनाई जिसमें भगवान ने उद्धव को बताया कि जो प्रेम से मेरा स्मरण करता है मैं उसका साथ कभी नहीं छोड़ता और वह मनुष्य कभी दुखी नहीं होता. कथा में मुख्य अजमान गिरजा शंकर मालाकार स परिवार परीक्षित की भूमिका में कथा का श्रवण कर रहे हैं. कथा में मुन्ना लाल श्रीमाली चुन्ना लाल श्रीमाली अमित, चंदा बाबू, शालू सैनी, अभय सैनी समेत कथा प्रेमी मौजूद रहे।
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